CIA chief visit to Sri Lanka: श्रीलंका में CIA? ये कौन सा “शीतयुद्ध” है?

श्रीलंका में अमेरिका की उपस्थिति शुभ संकेत नहीं

CIA chief visit to Sri Lanka

CIA chief visit to Sri Lanka: भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा है।  ऐसे में भारत और चीन जैसे देशों ने आईएमएफ को आश्वासन दिया है जिसने श्रीलंका की आर्थिक स्थिती में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

श्रीलंका हिंद महासागर क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्ववपूर्ण है। ऐसे में चीन हिंद महासागर की भू-राजनीति में क्षेत्रीय लाभ चाहता है वहीं दूसरी ओर भारत अपनी समुद्री सुरक्षा के लिए चीनी प्रभाव को कम करने वाली नीतियों पर काम कर रहा है।

लेकिन इस बीच अमेरिका भी श्रीलंका मैं अपनी पैठ बनाकर हिंद महासागर मैं चीन को टक्कर देने की नीतियों पर गुप्त रुप से काम कर रहा है। जिसका खुलासा तब हुआ जब श्रीलंका की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएसएल) के महासचिव डॉ जी वीरासिंघे ने सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए प्रमुख विलियम बर्न्स (CIA chief visit to Sri Lanka) ने देश का दौरा किया या नहीं। और उन्होंने प्रश्न खड़े किए कि ऐसा था तो क्या चर्चा हुई थी?

CIA chief visit to Sri Lanka: अमेरिका की गुप्त नीति

दरअसल, वीरसिंघे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और आरोप लगाया कि बर्न्स (CIA chief visit to Sri Lanka) अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ 14 फरवरी को विशेष विमान में पहुंचे थे। सत्तारूढ़ दल के पूर्व नेता उदय गम्मनपी ने भी सरकार से सवाल किया और आरोप लगाया कि न तो सरकार और न ही अमेरिका ने इस बारे में कोई बात की । उन्होंने आरोप लगाया कि श्रीलंका की सुरक्षा के लिए हानिकारक 4 प्रस्तावों पर चर्चा की गई है। जिसमें 4 बिंदु शामिल थे-

1. एक खुफिया विश्लेषण केंद्र की स्थापना

2. बायोमेट्रिक इमिग्रेशन कंट्रोल सिस्टम का दान

3. पनडुब्बी दूरसंचार केबल और डेटा तक पहुंच प्रदान करना

4. फोर्सेस एग्रीमेंट (SOFA) की स्थिति की समीक्षा।

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अब ऐसे में इन तमाम आरोपों कयासों के बीच अमेरिका को लेकर कई प्रकार अटकलों का उत्पन्न होना स्वाभिक है। हिंद महासागर में   किसी भी अनिश्चितता से निपटने के लिए अमेरिका के द्ववारा इस चीन के बढ़ते प्रभाव के निपटने की नीति के रुप मैं देखा जा सकता है। इससे भारत की चिंता बढ़ जाती है। रूस और यूक्रेन के बीच मौजूदा संघर्ष ने दुश्मनी को और तेज कर दिया है। CIA chief visit to Sri Lankaरुस- यूक्रेन के युद्ध के बाद पश्चिमी देशों और भारत के रिश्तों में खटास आई है। भू-राजनीतिक प्रतियोगिता का केंद्र निस्संदेह इंडो-पैसिफिक है और इसलिए भारत के लिए भी इसके निहितार्थ हैं। अब ऐस में भारत को भी इस क्षेत्र में कड़ी दृष्टी रखनी होगी।

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