जुलाई में प्रस्तावित Data protection Bill की समस्त जानकारी!

इस बार केंद्र सरकार है तैयार!

Data protection Bill

व्यक्तिगत डेटा’ उल्लंघन के मामलों की संख्या में बढ़ोतरी ने स्थिती काफी चिंताजनक बना दी है।  वर्तमान समय में डेटा के महत्त्व को देखते हुए इस प्रकार की घटनाओं को रोकने और उपयोगकर्त्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिये एक शक्तिशाली डेटा सुरक्षा कानून काफी महत्त्वपूर्ण है। जिसे केंद्र सरकार ने तैयार कर लिया है और Data protection Bill आगमी मानसून सत्र में सरकार पेश करने जा रही है।

जिसकी जानकारी  केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी है। बता दें कि इस बिल का उद्देश्य ऑनलाइन स्पेस को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक कानूनी ढांचा तैयार करना है। बिल के अनुसार, निजी डेटा को एकत्र करने से पहले उस व्यक्ति की सहमति अनिवार्य है। बिना सहमति के इस डेटा का उपयोग करने वालों पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है, भले ही ऐसा कोई व्यक्ति करता हो या फिर कोई कंपनी।  डेटा को गलती से सार्वजनिक करना, साझा करना, छेड़छाड़ करना या उसे नष्ट करने जैसी गतिविधियां दुरुपयोग के दायरे में आएंगी।

Data protection Bill जनता को लाभ और सरकार को बनाएगा शक्तिशाली 

केंद्र सरकार ने डेटा संरक्षण बिल (Data protection Bill) को लेकर कहा है कि डाटा शेयर करना जीने के अधिकार के विरुद्ध है। ऐसे में कोई भी टेलीकाम कंपनियां या सोशल नेटवर्किंग कंपनियां किसी उपभोक्ता का डेटा तीसरे पक्ष शेयर नहीं कर सकती और अगर कंपनियां ऐसा करती हैं तो सरकार को हस्तक्षेप करना होगा।

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बताते चलें कि Data protection Bill सरकार को यह व्यापक अधिकार भी देता है कि वो अपनी किसी भी एजेंसी को इस कानून के अनुपालन से छूट दे सकती है। यानि ये बिल से भारत की एंजेसियों को डेटा एकजुट करने के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर नही रहना बढ़ेगा। ये बिल  लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा ।

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