ब्रहमांड के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री जेलवासी मनीष सिसोदिया टीचरों से दिलवाते थे बच्चों के एग्जाम

इनके समक्ष तो लालू, मुलायम भी फेल!

मनीष सिसोदिया

अरे भाई, क्या आप  स्व-घोषित जीनियस श्रीमान मनीष सिसोदिया से मिले हैं? यह मनुष्य बातें तो  बड़ी बड़ी करता है, लेकिन जब उन बातों की सत्यता की बात आती है। तो पूर्ण रुप से विफल सिद्ध होता है। विदित है कि मनीष सिसोदिया एक बड़े राजनीतिज्ञ हैं, एक पत्रकार के रुप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, उन्होंने बतौर शराब मंत्री जितनी प्रसिद्धी प्राप्त की उतनी उन्होंने दिल्ली का शिक्षा मंत्री रहते हुए शायद ही लूटी हों। वो अलग बात है कि उन्होंने अपने शिक्षा मॉडल का ढिढौंरा पीटने में कोई कसर अपूर्ण नहीं छोड़ी। चलिए थोड़ा दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और वर्तमान में जेलवासी मनीष सिसोदिया के स्कूल मॉडल की समीक्षा करते हैं। मनीष सिसोदिया का कथित शिक्षा मॉडल  एक छोटे से छेद वाले गुब्बारे की तरह खाली है जिसकी हवा अब निकल चुकी है। जिसमें हवा भरने का कोई औचित्य प्रतीत नही होता।  एक समय मनीष सिसोदिया और पूरी आम आदमी पार्टी अपने दिनों को अपनी “उपलब्धियों” के बारे में बताते हुए बिताती थी। लेकिन सत्य तो ये है कि उपलब्धी नाम की कोई वस्तु तो वास्तविकता में थी ही नही। चलिए जेलवासी मनीष सिसोदिया की इन कथित उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हैं।

इस लेख में पढिये कैसे  दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और जेलवासी मनीष सिसोदिया के छोटे छिद्र वाले गुब्बारे से, जिसमें अब कुछ भी शेष नही बचा है।

दिल्ली सरकार एजुकेशनल मॉडल को दिया बूस्टर डॉज , दिल्ली के ऐजुकेशन मॉडल की न्यॉयर्क टाइम्स भी कर रहा है वाह  वाही, दिल्ली के स्कूलों की प्रशंसा पूरे विश्व में हो रही है, विश्वास है कि आपको भलि भांति ज्ञात होगा कि कुछ समय पूर्व समाचारों में और आम आदमी के द्वारा इन चंद लाइनों का प्रयोग करके टीआरपी और वाह वाही लुटने के पूर्ण प्रयास होते थे। जिस प्रकार कहा गया कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की शराब नीति में घोटाले करके गुजरात, हिमाचल और गोवा जैसे राज्यों में खर्चे की व्यवस्था की ठीक उसी  प्रकार आम आदमी पार्टी ने पंजाब से लेकर यूपी और गुजरात से लेकर हिमाचल हर स्थान पर मनीष सिसोदिया वाले शिक्षा मॉडल का ढिढौंरा पीटकर वोट बटौरने का प्रयास किया। स्व-घोषित जीनिस मनीष सिसोदिया शराब घोटाले के आरोपों में कारगार मंत्री सतेंद्र जैन की भांति कारगार में रात्रियां बिता रहे हैं और बाहर उनका कथित शिक्षा मॉडल के परिणाम  बच्चों के अभिभावकों और देश की जनता को अचंभित कर रहा है। वो कैसे? चलिए बताते हैं।

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दिल्ली के ऐजुकेशन सिस्टम की निकली हवा

दरअसल, हुआ ये है कि  दिल्ली में एजुकेशन सिस्टम की हवा निकल गई है। जिन स्कूलों की पढ़ाई को सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता की बताकर खूब प्रचार प्रसार के साथ ढिढौंरा पीटा जा रहा था। वहां 9वीं और 11वीं के 96 प्रतिशत स्टूडेंट्स फेल हो गए हैं।अब ऐसे में आरोप लग रहे हैं कि शिक्षा मंत्री ने सभी शिक्षकों को कड़े निर्देश दिए हैं कि शिक्षक असफल हुए छात्रों की कॉपी को स्वयं लिखें। बताया जा रहा है कि छात्रों के परिणामों की इस हालत को देखकर शिक्षा विभाग के तोते उड़ गए हैं। हालात ये हैं कि 60 बच्चों की संख्या वाली कक्षा में मात्र चार से पांच बच्चे ही उत्तीर्ण हुए हैं। मिली सूचना के अनुसार, 80 अंकों की परीक्षा में छात्रों के चार, छह, दस अंक से ऊपर नहीं आ रहे हैं। इतना ही नही बहुत से छात्रों ने कापियों को खाली छोड़ रखा है।

वहीं, दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के अनुसार, बच्चों के नतीजे वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं, मगर टीचर्स से कहा गया कि खुद जवाब लिखकर छात्रों को पास करें और रिवाइज्ड रिजल्ट वेबसाइट पर अपलोड करें। रामवीर सिंह के अनुसार, इसके लिए उन्हें 5 अप्रैल तक का समय दिया गया है। उन्होंने LG वीके सक्सेना से जांच की मांग की है। नेता विपक्ष ने दावा किया कि इस सत्र में 9वीं और 11वीं कक्षा में केवल 4% छात्र ही पास हो पाए। नेता विपक्ष रामवीर सिंह ने प्रश्न पूछते हुए कहा कि दिल्ली के वर्ल्ड क्लास एजुकेशन मॉडल का क्या हो गया है।  उन्होंने कहा कि जिस एजुकेशन मॉडल की अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ढोल पिटती है, उसकी पोल अब खुल गई है। पोल तो अवश्य ही खुल गई है जेलवासी मनीष सिसोदिया की भी और कट्टर ईमानदार पार्टी से महाभष्ट्राचारी पार्टी बनी आम आदमी पार्टी की भी।

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आम आदमी पार्टी का फर्जीवाड़ा

अब बताया जा रहा है कि फेल बच्चों को पास किया जाएगा और शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर नए परिणाम को भी पुन: अपडेट किया जाएगा। जोकि स्पष्ट रुप से दिल्ली के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ और बच्चों के अभिभावकों के साथ धोखाधड़ी है। अपने रिकॉर्ड और अपने शिक्षा मॉडल का पुन: ढिढौंरा पीटने के लिए सहायक सिद्ध होगा। जिस प्रकार के कार्य दिल्ली की चुनी हुई सरकार के द्वारा किए जा रहे हैं उन कार्यों और शिक्षा माफियाओं के कार्यों में कोई विशेष अंतर नही है।

स्वघोषित कट्टर ईमानदार पार्टी के कथित भष्ट्राचारी मंत्री मनीष  सिसोदिया का यही शिक्षा मॉडल है। जिसका डंका विश्वभर में बजने के खोखले दावे किए जाते थे। दिल्ली के सीएम केजरीवाल और जेलवासी मनीष सिसोदिया अपने शिक्षा मॉडर और कट्टर ईमानदार पार्टी होने की लंबी कहानियां तो सुनाती है। लेकिन अब जनता का विश्वास आम आदमी पार्टी से कम होता जा रहा है।  क्योंकि ना तो उसके शिक्षा मॉडल से दिल्ली के बच्चों का उद्धार होता दिख रहा है और ना ही अब  आम आदमी पार्टी का खोखला कट्टर ईमानदार पार्टी होने के वक्तव्य में कोई शक्ति बची है। वो पूर्ण रुप से शक्तिहीन हो चुका है। केजरीवाल के कथित चंद्रशेखर जिन दिल्ली के इस शिक्षा मॉ़डल का श्रेय जाता है जो अभी डिप्टी सीएम से जेलवासी हो गए हैं उनकी करतूतें बारी बारी से निकल कर बाहर आ रही हैं। जो आम आदमी पार्टी का बंटाधार करने के लिए पर्याप्त हैं।

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