Georgia Assembly Passes Resolution Condemning Hinduphobia: भारत लगातार अपनी कामयाबी के बल पर पूरे विश्व में अपना परचम लहरा रहा है। विश्व के कई शक्तिशाली देश भारत के साथ मित्रता करके भारत के साथ काम करना चाहते हैं इस बात से हम आपको कई बार परिचित भी करा चुके हैं। जिसमें एक देश अमेरिका भी सम्मलित है। जो काम पूर्व की सरकारों के समय ना हो सके वो वर्तमान में सम्मपन्न हो दिख रहे हैं और यही बदलते भारत का दर्पण है।
इस लेख में हम आपको बातएगें अमेरिका के जॉर्जिया में हिंदूफोबिया के विरुद्ध पास हुआ प्रस्ताव (Georgia Assembly Passes Resolution Condemning Hinduphobia) के बारे में.
भारत के हिंदूफोबिया से तो आप भलि भांति परिचित हैं। किस प्रकार से भारत की लिबरल लॉबी और कुछ तथाकथित बुद्धीजीवियों के द्वारा हिंदूफोबिया खूब फैलाया जाता है उससे भी परचित ही हैँ। जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है तब से भारत में हिंदूफोबिया कितना बढ़ा है इससे भी आप अच्छी तरह परिचित ही होगें। अब ऐसा नही है कि समस्या देश के अंदर ही हो, दरअसल, विश्वभर में ऐसे लोग उपस्थित हैं जो हिंदू कम्यूनीटि से घृणा करते है। अमेरिका में पिछले कुछ समय से भारतीयों और खास कर हिंदुओं और मंदिरों के विरुद्ध भेदभावपूर्ण घटनाओं में बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो बताती हैं कि अमेरिका में तेजी से हिंदूफोबिया पैर पसार रहा है। इसी बीच अब अमेरिका के जॉर्जिया की असेंबली में ‘हिंदूफोबिया’ और ‘हिंदू धर्म के विरोधियों’ की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि हिंदू धर्म दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने धर्मों में से एक है। प्रस्ताव में कहा गया है कि कट्टरता से निपटने और हिंदू धर्म के खिलाफ नफरत फैलाने वाले लोगों की निगरानी की अत्यंत आवश्यकता है। बता दें कि इस तरह का प्रस्ताव पारित करने वाला जॉर्जिया अमेरिका का पहला राज्य बन गया है।
देखिए इस बात सभी परिचित ही हैं कि हिंदू धर्म सबसे पुराना धर्म है और यही बात इस प्रस्ताव में कही गई है, इस प्रस्ताव में कहा गया है कि हिंदू धर्म (Hinduism) दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने धर्मों में से एक है। जिसके 100 से अधिक देशों में 1.2 अरब से अधिक अनुयायी हैं। हिंदू धर्म के लोगों में परस्पर स्वीकार्यता, आपसी सम्मान और शांति के मूल्यों के साथ विविध परंपराओं और विश्वास प्रणालियों की एक पूरी श्रृंखला शामिल है।
‘हिंदूफोबिया’ के खिलाफ जॉर्जिया में प्रस्ताव पारित
बता दें कि अटलांटा के उपनगर में फोर्सिथ काउंटी के प्रतिनिधियों लॉरेन मैकडॉनल्ड और टॉड जोन्स ने असेंबली में इस प्रस्ताव को पेश किया था। इन इलाकों में जॉर्जिया के हिंदू और भारतीय-अमेरिकी समुदायों की सबसे बड़ी आबादी बसती है। जॉर्जिया की असेंबली के प्रस्ताव में कहा गया है कि चिकित्सा, विज्ञान और इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, सेवा, वित्त, शिक्षा, विनिर्माण, ऊर्जा, खुदरा व्यापार जैसे विविध क्षेत्रों में अमेरिकी-हिंदू समुदाय का बहुत ज्यादा योगदान रहा है। इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि योग, आयुर्वेद, ध्यान, भोजन, संगीत, कला के क्षेत्र को हिंदू समुदाय के योगदान ने बहुत अधिक समृद्ध किया है।
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अमेरिका में बढ़ रहा है हिंदूओं का प्रभुत्व
अमेरिका में बहुलता में रह रही हिंदू आबादी का धीरे-धीरे प्रभुत्व बढ़ रहा है। इससे पहले अमेरिकी राज्य जार्जिया के गवर्नर ब्रायन केम्प ने पिछले साल दो अप्रैल को हिंदू नव वर्ष के रूप में मान्यता दे दी था। यह फैसला जार्जिया में बड़े पैमाने पर बसे हिंदुओं को देखकर लिया गया था। उस समय गवर्नर केम्प ने बताया था कि वर्ष 2022 के आंकड़ों के अनुसार जार्जिया की कुल आबादी 39,68,738 है जिसमें से हिंदुओं की संख्या दो लाख से अधिक है। राज्य की विरासत में इन अमेरिकी हिंदुओं का विशेष योगदान है। इसलिए जो भी हिंदू जार्जिया को अपना घर मानते हैं उन्हें यहां पूरे महत्व के साथ हिंदू नववर्ष मनाने का अवसर मिलेगा।
उत्तरी अमेरिकी हिंदू समुदाय की प्रमुख संस्था ‘कोहना’ की अटलांटा इकाई ने गत 22 मार्च को जॉर्जिया स्टेट कैपिटल में ‘हिंदू में ‘हिंदू एडवोकेसी डे’ आयोजित किया था। इसमें वहां के करीब 25 सांसद शामिल हुए थे। जिनमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने भाग लिया था। हिन्दुओं की संस्था ‘कोहना’ के उपाध्यक्ष राजीव मेनन का कहना है कि मैकडोनाल्ड और टॉड जोन्स सहित अन्य सांसदों के साथ काम करके एक वास्तविक सम्मान का अहसास हुआ, इन सांसदों ने इस काउंटी प्रस्ताव (Georgia Assembly Passes Resolution Condemning Hinduphobia) को पास कराने की इस प्रक्रिया में मार्ग दिखाने का कार्य किया।
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देखिए एक जॉर्जिया में हिंदूओं के पक्ष में निर्णय लिए जा रहे हैं, लेकिन अमेरिका ऐसा देश भी है जहां अनेक भागों में पिछले कुछ समय से हिंदू-अमेरिकियों के विरुद्ध नफरत फैलाई गई है, उनके प्रति अपराध देखने में आए हैं। ऐसे हिंदूओं को लेकर जॉर्जिया द्वारा किए जा रहे ये कार्य भारत में स्वागत योग्य है। क्योंकि अगर हिंदूओं के ग्रंथ या हिंदूओं पर विश्व में कही भी कोई प्रहार होता है तो वो सीधे भारत और भारत में रह रहे सनातनियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है। अब ऐसे में वर्तमान भारत हिंदूओं पर कही भी कोई प्रहार होता है तो कड़े शब्दों में निंदा करता है।
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