भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है, और यहाँ किसी भी भाषा को दूसरे से ऊपर अनावश्यक प्राथमिकता देना स्वीकार्य नही है। परंतु कुछ व्यक्ति एवं संस्थान अभी भी औपनिवेशिक मानसिकता से नहीं उबर पाए हैं, और अभी भी अंग्रेज़ी एवं उर्दू को हर विषय के लिए सर्वोपरि मानते आए हैं। परंतु दिल्ली पुलिस को इस बात से कोई नाता नहीं रखना। एक महत्वपूर्ण निर्णय में दिल्ली पुलिस प्रमुख ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि चाहे कोर्ट में कार्रवाई के लिए आवश्यक सूचना पत्र हो, या फिर पुलिस कार्रवाई में उपयोग में लाए जाने वाले डॉक्यूमेन्ट, किसी में भी क्लिष्ट उर्दू शब्दों का प्रयोग नहीं होना चाहिए।
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इसका अर्थ स्पष्ट है : अब पुलिस की कार्रवाई में ब्रिटिश शासन से चला आ रहा उर्दू भाषा का प्रयोग नहीं होगा। ये एक सराहनीय प्रयास है, जिसके लिए दिल्ली पुलिस की भूरी भूरी प्रशंसा होनी चाहिए।
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