स्टारडम का पैमाना कैसे तय होता है? हिट्स की संख्या से? संभव है! बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों से? ये भी हो सकता है, परंतु ये पूर्ण सत्य नहीं है। कम लोग जानते हैं कि स्टारडम और युद्धकला में एक तत्व समान है : साहस। जिसके पास ये नहीं, वो बहुत अधिक लंबा नहीं टिक पाएगा, और “जवान” के स्थगित होने से यही बात चरितार्थ होती है।
इस लेख में पढिये “जवान” के पोस्टपोनमेन्ट के पीछे का कारण, और क्यों SRK का स्टारडम बनाने या बिगाड़ने में इस फिल्म की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
जवान स्थगित
जैसा कि पूर्वानुमान लगाया गया था, “जवान” सच में स्थगित हो चुकी है। ये SRK की बहुचर्चित बहुभाषीय डेब्यू है, जहां वे नयनतारा, विजय सेतुपति, सुनील ग्रोवर, सान्या मल्होत्रा जैसा कलाकारों के साथ काम करेंगे। ये फिल्म हिन्दी, तमिल और तेलुगु भाषाओं में 7 सितंबर को प्रदर्शित होगी, और ये नयनतारा एवं विजय सेतुपति के अधिकारिक हिन्दी फिल्म डेब्यू के साथ तमिल निर्देशक एटली कुमार का डेब्यू होगा।
ये स्थगन केवल प्रोफेशनल ही नहीं, भारतीय सिनेमा के वर्तमान समीकरण के अनुसार “जवान” के रचनाकारों को लगा कि जून का माह उनके लिए श्रेयस्कर नहीं, जबकि 2 जून से लेकर 16 जून तक शाहरुख खान को चुनौती देने वाली कोई विशेष फिल्म न था।
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“पठान” से हिसाब पूरा नहीं पड़ा?
परंतु ऐसा क्यों है? शाहरुख खान को निस्संकोच अपनी फिल्म का प्रदर्शन चाहिए, नहीं? अरे भाई, इनकी रिकॉर्ड तोड़ “पठान” अभी कुछ ही समय बॉक्स ऑफिस पर “धमाल मचा रही थी”। कहीं ऐसा तो नहीं कि PR और फर्जी आँकड़े को संभालने में ही सारा पैसा फुँक गया?
कम से कम जवान के नियमित स्थगन को देखकर ऐसा ही लगता है। इनके पास तो कोविड का बहाना भी नहीं है, जिसकी आड़ में ये छुप सके। मान लेते हैं कि इनके 1000 करोड़ प्लस आँकड़े शत प्रतिशत सत्य थे, तो शायद इसलिए भी था क्योंकि इन्हे टक्कर देने योग्य कोई फिल्म न थी।
बहुत समय नहीं बीता है, “किसी का भाई, किसी का जान” को प्रदर्शित हुए एक हफ्ता भी नहीं बीता कि “पोन्नियन सेल्वन” जैसी औसत फिल्म के द्वितीय संस्करण के सामने ये फिल्म हांफने लगी, और अब तक अपना बजट ही नहीं घरेलू बॉक्स ऑफिस से निकाल पाई। अभी तो हमने “द केरल स्टोरी” द्वारा बॉक्स ऑफिस पर मचाए जा रहे तांडव पर प्रकाश भी नहीं डाला।
तो क्या “जवान” के रचनाकार, विशेषकर SRK एक विशुद्ध भिड़ंत से डरते है? हो भी सकता है, क्योंकि जून में जिस प्रकार से फिल्में लगी हुई हैं, वो अपने आप में SRK की हवा टाइट करने के लिए पर्याप्त है। हॉलीवुड के “Fast X” एवं “Spiderman” को अलग करें, तो भारतीय सिनेमा के पास “SPY” से लेकर
“सत्यप्रेम की कथा” जैसी फिल्में उपलब्ध है। अगर मोशन पोस्टर्स में करी गई मेहनत फर्जी नहीं है, तो ओम राऊत की बहुचर्चित “आदिपुरुष” अपने टीज़र के पापों का प्रायश्चित एक दमदार शैली में कर सकती है, और फिर “जवान” के लिए आगे की राह कठिन हो जाएगी।
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क्या SRK की लगेगी नैया पार?
शायद इसीलिए शाहरुख खान “ब्रह्मास्त्र” की भांति एक सेफ, सोलो रिलीज़ चाहते हैं, ताकि वे अपना ‘शक्ति प्रदर्शन’ भरपूर कर सकें। परंतु वे एक क्लैश से डरते क्यों है? भगवान जाने, परंतु अगर इन्हे अपने उत्पाद पे विश्वास होता तो कम से कम 29 जून तक वे प्रदर्शित कर ही लेते। अगर शाहरुख थोड़े और बहादुर होते, तो शायद 11 अगस्त को अपनी फिल्म लाते, जब एक नहीं, भारतीय फिल्म उद्योग के 5 फिल्म देश के कोने कोने से सिल्वर स्क्रीन के मंच पर आकर अपना दमखम दिखाते।
परंतु 7 सितंबर के प्रदर्शन पर भी शाहरुख खान के लिए सफलता की राह सरल नहीं होंगी। दो ही हफ्तों के अंतराल बाद 28 सितंबर को “KGF यूनिवर्स” को कथित तौर पर आगे ले जाने वाली फिल्म “सालार” प्रदर्शित होंगी, जहां प्रशांत नील के निर्देशन में प्रभास अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे। इसके अतिरिक्त अगर मीडिया में जो अफवाहें चल रही हैं, वो सत्य हुई, तो शाहरुख की पार्टी बिगाड़ने अजय देवगन आ रहे हैं, 7 सितंबर को अपनी बहुप्रतीक्षित “मैदान” के साथ! अब क्या करेंगे शाहरुख मियां?
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