पीएम मोदी ने बॉलीवुड के खानों को छोड़ रामचरण तेजा को बनाया जी 20 का चेहरा

सही अवसर पर सही निर्णय

हाल ही में जी 20 के माध्यम से भारत अपने कूटनीतिक व्यक्तित्व को सुदृढ़ बना रहा है। इसी दिशा में इस सम्मेलन में भाग ले रहे सदस्यों को “नए कश्मीर” के भव्य दर्शन कराए गए। अंतरराष्ट्रीय जगत के कुछ “नाराज़ फूफाओं” को छोड़ दे, तो सब इस परिवर्तन से अभिभूत थे, चाहे भौगोलिक हो या सांस्कृतिक। परंतु एक व्यक्ति के आगमन ने सारा खेल ही पलट दिया।

इस लेख में पढिये कि आखिर क्यों जी 20 में भारतीय सिनेमा के लिए रामचरण तेजा को प्रतिनिधि बनाने से कई निशाने साधे गए, और कैसे इस निर्णय के माध्यम से बॉलीवुड को भी दर्पण दिखाया गया।

जी 20 में भारतीय सिनेमा के प्रतिनिधि बने रामचरण तेजा

एक अप्रत्याशित निर्णय में प्रतिष्ठित जी 20 शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तेलुगू सिनेमा के सुपरस्टार राम चरण तेजा को चुना है, जिन्हे पारंपरिक रूप से भारतीय सिनेमा का चेहरा रहे खान तिकड़ी के ऊपर प्राथमिकता मिली। यह निर्णय भारतीय सिनेमा की समृद्ध विविधता को उजागर करता है और वैश्विक फिल्म उद्योग में तेलुगु सिनेमा के बढ़ते प्रभाव को परिलक्षित भी करता है।

इस शुभ अवसर पर रामचरण तेजा स्वयं काफी प्रसन्न थे। उन्ही के शब्दों में,

“यह अजीब लगेगा, लेकिन भारत में शूटिंग के लिए सबसे “कूल” जगह कश्मीर है। मैं दूसरी पीढ़ी का अभिनेता हूं। मेरे पापा [चिरंजीवी] ने कश्मीर में बड़े पैमाने पर शूटिंग की है। मैंने 2016 में इस ऑडिटोरियम [एसकेआईसीसी] में शूटिंग की थी। इसलिए, गर्मियों में कश्मीर का दौरा करना मेरे लिए एक उपलब्धि की तरह लगता है। यह एक अलौकिक अनुभव है। फिल्म उद्योग के अस्तित्व के 95 साल हो गए हैं, [लेकिन] उन्हें कश्मीर का पता लगाने में और 95 साल लगेंगे। यह अप्रयुक्त है। परंतु ये तो मात्र प्रारंभ था, क्योंकि उन्होंने आगे कहा, “कश्मीर को हमेशा ऐसा ही रहना चाहिए। हमारे पास भारत में विशाल वन भंडार हैं, और पर्यटकों को इसमें बाधा नहीं डालनी चाहिए।”

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सच कहें तो, भारतीय सिनेमा लंबे समय से अपनी जीवंत और विविध कहानी कहने के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें बॉलीवुड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना वर्चस्व जमाए रखी थी। हालाँकि, हाल के वर्षों में, बहुभाषी सिनेमा की ओर ध्यान देने योग्य बदलाव आया है, जहाँ विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्में बनाई जाती हैं, जो भारत और उसके बाहर व्यापक दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं। तेलुगू सिनेमा, विशेष रूप से, इस पुनरुत्थान का नेतृत्व कर रहा है, और उच्च गुणवत्ता वाली फिल्मों का निर्माण कर रहा है, जिसने अत्यधिक लोकप्रियता और आलोचनात्मक प्रशंसा प्राप्त की है।

एक तीर, अनेक लक्ष्य

तो इसका रामचरण तेजा के प्रतिनिधि होने से क्या लेना देना? प्रसिद्ध तेलुगु अभिनेता चिरंजीवी के पुत्र राम चरण तेजा उक्त उद्योग में सबसे प्रतिभाशाली और करिश्माई अभिनेताओं में से एक के रूप में उभरे हैं। दूरदर्शी फिल्म निर्माता एवं निर्देशक एस.एस. राजामौली द्वारा निर्देशित अपनी हालिया ब्लॉकबस्टर फिल्म “आरआरआर” के साथ, राम चरण ने अपने असाधारण अभिनय कौशल का प्रदर्शन किया और अपने शक्तिशाली प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस के रिकॉर्ड तोड़े हैं, बल्कि समीक्षकों से भी शानदार समीक्षा प्राप्त की है, जिससे राम चरण की स्थिति भारतीय सिनेमा में एक ताकत के रूप में और मजबूत हुई है, और इस फिल्म के ऑस्कर विजेता गीत “नाटू नाटू” को कैसे भूल सकते हैं।

G20 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधि के रूप में राम चरण तेजा को चुनने का पीएम मोदी का निर्णय अभिनेता की बढ़ती लोकप्रियता और क्षेत्रीय सीमाओं को पार करने की उनकी क्षमता का परिचायक है। यह वैश्विक फिल्म उद्योग में बदलती गतिशीलता की भी पहचान है, जहां क्षेत्रीय सिनेमा प्रमुखता प्राप्त कर रहा है और व्यापक स्वीकृति प्राप्त कर रहा है।

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ऐसे में तेलुगु सिनेमा से एक प्रतिनिधि चुनकर, भारत न केवल राम चरण की प्रतिभा और उपलब्धियों का जश्न मना रहा है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता और कलात्मक उत्कृष्टता को भी प्रदर्शित कर रहे हैं। इसके अलावा, अधिकांश बॉलीवुड सुपरस्टार्स के पूर्व कर्मकांडों को देखते हुए, उन सितारों को मौका देना बेहतर होगा, जो वास्तव में एक बदलते भारत की छवि का प्रतिनिधित्व करते हैं, और खुद राम चरण तेजा से बेहतर कौन हो सकता है?

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