The Kerala Story: बिना फीस लिए प्रोमोशन करना कोई शशि थरूर एंड कंपनी से सीखे!

द केरल स्टोरी के निर्माता इनके आभारी रहेंगे

The Kerala Story

The Kerala Story Review

किसी सज्जन ने एक समय कहा था,
“Any publicity is good publicity”

The Kerala Story Promotion: अर्थात प्रचार किसी भी तरह हो, प्रचार ही होता है। इसी बात को शशि थरूर और उनके बिरादरी वालों ने कुछ अधिक गंभीरता से लिया है। उन्होंने तो मानो प्रण लिया है कि जब तक “द केरल स्टोरी” (The Kerala Story) को अपने सदिच्छाओं से सुपरहिट नहीं बना देंगे, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे।

“ये हमारी कहानी नहीं है”

हाल ही में प्रदर्शित “द केरल स्टोरी” (The Kerala Story) के ट्रेलर ने सभी को अंदर तक झकझोर कर रख दिया है। छल से धर्म परिवर्तन पर आधारित कई संस्मरणों के आधार पर बनी ये फिल्म 5 मई को सिनेमाघरों में प्रदर्शन के लिए तैयार खड़ी है।

The Kerala Story” उन हजारों हिन्दू और ईसाई महिलाओं की मार्मिक कथाएँ दिखाने का दावा करती है, जिन्हे एक सुनियोजित षड्यन्त्र के अंतर्गत पहले बहकाया गया, और फिर धर्मांतरित कर इस्लामिक स्टेट नामक आतंकी संगठन के हवाले कर दिया गया।
परंतु ये बात शशि थरूर को बताइए, और वे आपको सौ कारण बताएंगे कि ये फिल्म आपको आखिर क्यों नहीं देखनी है। वो अलग बात है कि इनकी इस पब्लिसिटी का सोशल मीडिया खूब फायदा उठा रही है।

उदाहरण के लिए इन्होंने “द केरल स्टोरी” को फेक बताते हुए ट्वीट किया, “ये आपकी द केरल स्टोरी हो सकती है, पर हमारी “द केरल स्टोरी” नहीं हो सकती!”

लेकिन इतने में महोदय का मन नहीं भरा, तो इन्होंने कट्टरपंथी इस्लामिस्टों को अपने ट्विटर हैंडल से बढ़ावा देने का बीड़ा उठाया। महाशय ने एक पोस्टर शेयर किया, जिसका प्रचार कट्टरपंथी संगठन मुस्लिम यूथ लीग ने किया, जहां उन्होंने उस व्यक्ति को 1 करोड़ रुपये देने का ऑफर किया, जो द केरल स्टोरी के बताए हुए आंकड़ों को सत्य सिद्ध कर सके।

“ये सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा है”

परंतु कथा तो यहाँ से प्रारंभ होती है। The Kerala Story फिल्म को पब्लिसिटी देने के लिए आतुर कई इस्लामिस्टों ने तो फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर दी। कुछ तो इतने महान थे कि सुप्रीम कोर्ट का द्वार तक खटखटा आए, वो अलग बात है कि मिलॉर्ड ने इस बार इन्हे लात मारकर भगा दिया!
परंतु इस खेल में शशि थरूर अकेले नहीं है। श्रीमान पिनराई विजयन ने भी इस फिल्म को “सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला बताया, और यह आरोप लगाया कि यह आरएसएस के एजेंडे को केरल में बढ़ावा देता है।

विजयन अंकल के अनुसार, “इस हिन्दी फिल्म का ट्रेलर ऐसे बनाया गया ताकि केरल के विरुद्ध प्रोपगैंडा को बढ़ावा दिया जा सके। ट्रेलर से स्पष्ट है कि ये संघ परिवार के प्रोपगैंडा को बढ़ावा दे रहा है, जिसने धर्मनिरपेक्षता की ज़मीन पर धार्मिक कट्टरता का विषबेल बोया है!”
“ट्रेलर जज करने का समय है, तो फिल्म भी देख लीजिए”

अंतिम बार कोई फिल्म के रिलीज़ से पूर्व ही उसपर कार्रवाई को लेकर इतना कोई उत्सुक होगा, तो वो लिबरल मंडली ही थी, जो चाहती थी कि सांप्रदायिकता से परिपूर्ण “तान्हाजी : द अनसंग वॉरियर” सिनेमा में प्रदर्शित न हो। अब जिस प्रकार से बुद्धिजीवी इस फिल्म के पीछे पड़े हैं, उससे प्रतीत होता है कि कुछ भी नहीं बदला है।

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परंतु इस बार फिल्म के रचयिताओं ने भी इस चुनौती को हाथों हाथ स्वीकारा है। निर्माता एवं लेखक विपुल शाह ने बताया कि कैसे इस फिल्म के लिए निवेश जुटाना ही टेढ़ी खीर था। उनके अनुसार, “ऐसा भय था कि कोई भी बड़ा एक्टर काम करने को तैयार नहीं था। “The Kerala Story” कई ‘संस्थानों’ की नींव हिला देगी। निर्देशक ने मुझे बताया कि कैसे जब वे पीडिताओं से मिले थे, तो लौटते वक्त वे अपने अश्रु नहीं रोक पाए थे। मुझे पता था कि जब फिल्म प्रदर्शित होंगी, तो बताया जाएगा कि वह प्रोपगैंडा होंगी, परंतु सच तो बताना पड़ेगा न!”

स्वयं इस फिल्म की प्रमुख अभिनेत्री अदा शर्मा ने भी प्रोपगैंडाधारियों को अपने स्टाइल में जवाब देने का निर्णय किया। उन्होंने बातों ही बातों में फ्री की पब्लिसिटी करने वालों का आभार जताते हुए ट्वीट किया, “कई वरिष्ठ उच्चाधिकारियों एवं गणमान्य सदस्यों ने 2 मिनट का ट्रेलर देख के बाद द केरल स्टोरी पर अपने विचार भी साझा किया है। मेरे अभिभावकों ने मुझे सिखाया कि कैसे बड़ों का आदर करना चाहिए, तो उसी अनुसार मैं आग्रह करूंगी कि अपने व्यस्त समय में से थोड़ा सा समय निकालकर ये मूवी देख सकते हैं। मुझे विश्वास है कि उन्हे पता चलेगा कि कैसे हमने इस फिल्म में केरल की कोई नकारात्मक छवि नहीं पेश की है। जय हिन्द”

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