कुछ दिनों पूर्व रॉ प्रमुख विक्रम सूद ने स्पाई फिल्मों का उपहास उड़ाते हुए कहा था कि भारतीय सिनेमा, विशेषकर बॉलीवुड हमारी कला को वह सम्मान नहीं देता, जिसके वह योग्य है। बिना “पठान” का नाम लिए उन्होंने कहा कि जो कुछ भी स्पाई फिल्म के नाम पर भारत में परोसा जा रहा है, वह सही नहीं है। लगता है विद्युत जामवाल ने इस बात को पर्सनली ले लिया।
इस लेख में पढिये क्यों विद्युत जामवाल को और अवसर मिलने चाहिए, और क्यों इनका अभिनय धीरे धीरे इनके एक्शन स्किल्स को टक्कर दे रहा है।
IB 71 से सबको चौंकाया
निस्संदेह इस समय “द केरल स्टोरी” का तूफान चल रहा है। जो काम “राज़ी”, “गंगूबाई काठियावाड़ी” के साथ कथित नारीवादी न कर पाए, वो बिना शोर शराबे के अदा शर्मा, योगिता बिहानी जैसे कलाकारों ने कर दिखाया। परंतु इस सैलाब में एक लहर कहीं दब के रह गई, जिसका नाम है IB 71।
1971 के एक वास्तविक हाईजैकिंग घटना पर आधारित ये फिल्म संकल्प रेड्डी द्वारा निर्देशित है, जिन्होंने “द गाजी अटैक” जैसी फिल्में भी दी थी। इसमें विद्युत जामवाल प्रमुख भूमिका में है, जिनका साथ विशाल जेठवा जैसे कलाकारों ने दिया है। ये फिल्म एक ऐसे मिशन पर आधारित है, जहां 1971 का युद्ध रोकने के लिए एक अनोखा मार्ग तैयार किया जाता है। कैसे विद्युत और उसके सहयोगी सफल होते हैं, ये फिल्म इसके बारे में है।
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भारतीय सिनेमा में शायद ही कोई स्पाई फिल्म होंगी, जिसने बिना किसी आइटम सॉन्ग या किसी ग्लैमर के, विशुद्ध गुप्तचर कला पर फोकस किया हो। यहाँ सिर्फ बल नहीं, बुद्धि का भी प्रयोग अवश्यकन है। इसमें विद्युत जामवाल निखरके सामने आए हैं। यहाँ इन्होंने अपने मार्शल आर्ट्स से कम, और अपने अभिनय से लोगों को रिझाया है। मात्र दो घंटे में बनी ये फिल्म एकदम सटीक, एज ऑफ द सीट थ्रिलर है, जिसमें विशाल जेठवा ने चार चाँद लगाए हैं, एक सनकी आतंकी की भूमिका में।
Former chief Raw agent Vikram sood about Pathan and Bollywood spy movies 😂 pic.twitter.com/Bx6RQSlcGx
— Sriman-1 (@1Sriman) April 26, 2023
केवल मार्शल आर्ट्स विशेषज्ञ नहीं है
जब बात आती है एक्शन की, तो या तो हमारे मन मस्तिष्क में अक्षय कुमार याद आते हैं, और उसके बाद टाइगर श्रॉफ। परंतु विद्युत जामवाल इनसे अलग है। ये मार्शल आर्ट्स में न केवल निपुण है, अपितु अभिनय में भी निपुण है।
कई लोगों को ये मज़ाक लग सकता है, परंतु जो व्यक्ति अपने प्रथम फिल्म “फोर्स” में जॉन एब्राहम को असहज कर दे, उसमें कुछ तो बात होगी। लोग “बागी” को लेकर तरह तरह की बातें करते हैं, परंतु भूल जाते हैं कि “कमांडो” जैसी भी एक फ्रैन्चाइज़ है, जहां एक्शन के नाम पर हमारे व्यवहारिकता और धैर्य का इम्तिहान नहीं लिया जाता।
इसके अतिरिक्त जब 2020 में कोविड का भूचाल आया, तो अनेकों फिल्म को OTT पर लाया गया, जहां विद्युत ने आश्चर्यजनक रूप से “खुदा हाफ़िज़” में अपने अभिनय को निखारने का सार्थक प्रयास किया, जो यदि हॉल में प्रदर्शित होता, तो शायद एक स्लीपर हिट भी बन जाता। अब कल्पना कीजिए अगर “वॉर” में टाइगर की जगह ये होते, तो?
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गलत नहीं तरण आदर्श
इसी बीच चर्चित फिल्म विश्लेषक तरण आदर्श का एक क्लिप वायरल हो रहा है, जहां वे न केवल विद्युत के समर्थन में है, अपितु आश्चर्यजनक रूप से ऐसे तर्क पेश कर रहे हैं, जो अच्छे अच्छों को चकित कर दे। उदाहरण के लिए उन्होंने इस फिल्म को मिल रहे कम दर्शकों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग दिन रात नेपोटिज्म का रोना रोते हैं, वो ऐसी फिल्मों को समर्थन क्यों नहीं देते? कुछ भी कहो, आप लोगों के मस्तिष्क में भी आया होगा,
“भाईसाब ये किस लाइन में आ गए आप?”
Film Trade Expert @taran_adarsh Reaction on Action Star @VidyutJammwal latest release #IB71.
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— FilmiFever (@FilmiFever) May 13, 2023
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