हाल ही में बालासोर में हुई रेल त्रासदी ने निस्संदेह देश को झकझोर के रख दिया है। 292 यात्रियों की जान लेने वाली और एक हज़ार से अधिक लोगों को घायल करने वाली इस घटना में अब जांच में कनिष्ठ अभियंता (जेई) आमिर खान की संलिप्तता के साथ स्थिति में एक रोचक मोड़ आया है।
इस लेख में जानिये जांच ब्यूरो (CBI) के वर्तमान निष्कर्षों के बरे में, और ये भी जानिये कि आखिर क्यों इस जांच का विरोध हो रहा था।
अमीर खान के किराये का घर सील
19 जून को सीबीआई ने जूनियर इंजीनियर आमिर खान के किराए के घर को सील कर दिया, जो अब बालासोर ट्रिपल ट्रेन त्रासदी में एक संदिग्ध है। सीबीआई टीम ने सोरो में अन्नपूर्णा राइस मिल के पास घर को बंद पाया, जिसके पश्चात जाँचकर्ताओं द्वारा ये निर्णय लिया गया। इसी कारण से अमीर खान के संबंध में कई कयास लगने प्रारंभ हुए हैं, और सीबीआई को आशा है कि सीलबंद घर में मूल्यवान सबूत हो सकते हैं जो त्रासदी के आसपास की परिस्थितियों पर प्रकाश डाल सकते हैं।
कुछ मीडिया सूत्रों की माने तो सीबीआई द्वारा पूछताछ के बाद अमीर खान भाग खड़े हुए। परंतु इस विषय पर रेलवे प्रशासन ने उक्त खबरों का खंडन किया है। दक्षिण पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ ने इस बात का खंडन कि अमीर भाग चुका है, परंतु उसके घर को सील किये जाने पर उन्होंने कुछ नहीं बोला। ऐसे में विरोधाभासी बयानों ने मामले के आसपास की साज़िश को और गहरा कर दिया है, जिससे जनता परस्पर विरोधी रिपोर्टों के पीछे की सच्चाई के बारे में सोच रही है।
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उपद्रव की आशंका और बेचैन विपक्ष
तो इसका विपक्ष से क्या लेना देना? असल में जांच के समय रेलवे अधिकारियों ने इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ हस्तक्षेप के जरिए उपद्रव का संदेह जताया है। स्टेशनों पर स्थापित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम ट्रेन सेवाओं के सुरक्षित और सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खुर्दा के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) रिंकेश रॉय ने बताया कि स्पष्ट मार्ग का संकेत देने वाली हरी झंडी तभी दी जा सकती है जब सभी पूर्व शर्तें पूरी हों। यहां तक कि एक छोटी सी समस्या भी सिग्नल को हरा होने से रोक सकती है, यह सुझाव देते हुए कि किसी ने जानबूझकर त्रासदी को सक्षम करने के लिए सिस्टम के साथ छेड़छाड़ की है।
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ छेड़छाड़ के आरोपों के बाद सीबीआई ने 6 जून को जांच अपने हाथ में ली। मामले को केंद्रीय जांच एजेंसी को स्थानांतरित करने का विपक्षी दलों के बड़े पैमाने पर विरोध के साथ कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने नेतृत्व किया। चूंकि अमीर खान कथित रूप से पश्चिम बंगाल से संबंध रखते हैं, इसलिए ये संदेह और गहरा हो जाता है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि जांच राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त रहे और पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए न्याय हो।
सत्य का अन्वेषण
बालासोर रेल त्रासदी ने न केवल कई लोगों की जान ली है बल्कि रेलवे प्रणाली के भीतर संभावित कमजोरियों को भी उजागर किया है। इस घटना ने भविष्य में इसी तरह की त्रासदियों को रोकने के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों और कड़े प्रोटोकॉल के महत्व पर प्रकाश डाला है। ऐसे में यह जरूरी है कि रेलवे अधिकारी अपने सिग्नलिंग सिस्टम, इंफ्रास्ट्रक्चर और कर्मियों की पूरी तरह से ऑडिट करें ताकि यात्री सुरक्षा से समझौता करने वाले किसी भी अंतराल की पहचान की जा सके।
बालासोर रेल त्रासदी ने न केवल देश को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि रेलवे सुरक्षा और संभावित उपद्रव के बारे में गंभीर सवाल भी उठाए हैं। कनिष्ठ अभियंता आमिर खान की संलिप्तता और उनके किराए के मकान को सील करने से जांच में जटिलता की परतें जुड़ गई हैं। यह जरूरी है कि सीबीआई को सच्चाई उजागर करने, जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने की पूरी छूट दी जाए।
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