कल्पना कीजिए कि आप तीर्थ के लिए काशी, प्रयाग या मथुरा हेतु बाई रोड निकले हैं। क्षुधा अनियंत्रित होने पर आपने भोले ढाबा में प्रवेश किया। भोजन किया, और जैसे ही बात पेमेंट की आई, तो पता चला कि असल स्वामी तो अब्दुल करीम है। अब ऐसा अनुभव तो किसी को न सुहाए, नहीं?
इस लेख में में जानिये इस्लामिस्ट की इस नई तकनीक को , जहां इस्लामिस्ट ढाबा को भी सांप्रदायिकता का मोहरा बनाने मेंकोई प्रयास अधूरा न छोड़ रहे।
पहचान छुपाने की निंजा टेकनीक
हाल ही में कुछ ऐसा घटित हुआ है, जिसने तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों दोनों को अविश्वास में अपना सिर खुजलाने पर मजबूर कर दिया है। ढाबा खुलेगा हिन्दू नाम के साथ, दावा होगा कि शुद्ध शाकाहारी भोजन दिया जाएगा, और स्वामी निकलेगा मुसलमान! स्थिति यहाँ तक आ चुकी है कि स्वामी भी मुस्लिम, कारीगर भी मुस्लिम, यहाँ तक कि सपोर्टिंग स्टाफ तक मुस्लिम, बस नाम होगा हिन्दू वाला!
और पढ़ें: मियां मनोज मुंतशिर को मिला “दिव्य न्याय!”
भूखे यात्रियों को हिंदू नाम वाले प्रतिष्ठानों से गुमराह करने के दिन अब खत्म हो गए हैं। यद्यपि अब्दुल बिजनेस मॉडल, वास्तव में जांच के लायक एक केस स्टडी है। संरक्षकों को धोखा देने की उनकी अद्वितीय क्षमता ने कई लोगों को भ्रमित कर दिया है और वे इस चालाक ऑपरेशन की जटिलताओं को पूरी तरह से समझने में असमर्थ हैं।
इस छलावे का कोई अंत नहीं!
कल्पना कीजिए कि आप मथुरा की तीर्थयात्रा पर निकल रहे हैं, लेकिन आपको भोले ढाबा नाम के एक ढाबे में जाने का लालच दिया गया और पता चला कि इसका असली मालिक अब्दुल करीम है। ऐसा अनुभव निस्संदेह सुखद से बहुत दूर है। यह दुर्दशा किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है; यह उत्तर भारत के विभिन्न पवित्र स्थलों तक फैला हुआ है। हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि दर्जनों ढाबों का स्वामित्व हिंदू नामों के तहत भ्रामक रूप से मुसलमानों द्वारा किया गया है। क्या यह जानबूझकर की धोखाधड़ी नहीं है।
वैष्णों हिंदू ढाबा लिख कर मुस्लिम चला रहे होटल।
ना कोई जांच ना कोई पड़ताल।
इन होटलों के मालिक मुस्लिम, कारीगर मुस्लिम और वेटर भी मुस्लिम लेकिन सबका उपनाम हिंदू।
मामला उत्तराखंड और वेस्ट यूपी का।
— Panchjanya (@epanchjanya) March 31, 2023
Same restaurant named "Shree Kshipra Dhaba" owned by muslim owner in #ujjain near @mahakalmandir
Many hotels are also in ujjain near #Mahakal Mandir. These hotels of muslim owner with hindu name and also a tilak marked and saffron weared hindu receptionist at the reception pic.twitter.com/H6iGAhMTmN
— YOGESH RATHORE (@YRujn) April 1, 2023
क्या आपने कभी खुद को राज या लकी नाम के स्ट्रीट फूड कॉर्नर पर पाया है, और भुगतान करने पर, खासकर ऑनलाइन माध्यम से, पता चला है कि वास्तविकता बहुत अलग है? यह न केवल आपके भोज्य अनुभव को खराब करता है बल्कि इन प्रतिष्ठानों पर हमारे भरोसे को भी कमजोर करता है। यदि कथित आग्रह लोगों की सच्ची सेवा करना है, तो उनके मूल नामों के तहत काम क्यों नहीं किया जाए? क्या इस दिखावे के पीछे कोई गुप्त उद्देश्य है?
और पढ़ें: बॉलीवुड का अर्द्धवार्षिक रिपोर्ट अच्छे अच्छों के होश उड़ा देगा!
नहीं बचेगा अब्दुल!
हो भी सकता है, क्योंकि इस प्रकार के मामलों में एक बात तो स्पष्ट है : कोई भी निस्स्वार्थ भाव से काम नहीं करता। परंतु उत्तर प्रदेश में तो ऐसे ठगों की दाल न गलने वाली। मामला प्रकाश में आते ही प्रशासन ने विस्तृत जांच की मांग की, जिसके परिणामस्वरूप अकेले मुजफ्फरनगर में 50 से अधिक ढाबे और रेस्तरां बंद कर दिए गए। अपेक्षित दस्तावेज़ और खाद्य लाइसेंस प्रस्तुत करने में असमर्थ प्रतिष्ठानों को अधिकारियों के क्रोध का सामना करना पड़ा है। योगी सरकार आतिथ्य उद्योग में सच्चाई उजागर करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
Dhabas/Restaurants owned by muslims but misguiding people by putting name of Hindu Gods under UP govt's scanner. Have ordered probe and closure of more than 50 such dhabas in Muzaffarnagar. More action to follow. pic.twitter.com/710GYi0MNp
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) July 9, 2023
भ्रामक हिंदू नामों के तहत संचालित ढाबों के जटिल जाल ने विश्वास, सांस्कृतिक आत्मसात और व्यावसायिक अवसरवादिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि कुछ लोग इसे महज एक व्यावसायिक रणनीति के रूप में देख सकते हैं, वहीं अन्य लोग इसे धोखाधड़ी के एक जानबूझकर किए गए कार्य के रूप में देखते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के हस्तक्षेप से, धीरे-धीरे छद्मवेशी का पर्दाफाश हो रहा है, और ढाबों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। शायद कुछ लोग भूल चुके हैं, कि छल से काफी कुछ चल सकता है, परंतु व्यापार नहीं!
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।