मनोरंजन के क्षेत्र में सफलता और असफलता तो स्वाभाविक बात है। परंतु कुछ आदर्श ऐसे भी हैं, जिनकी अवहेलना कर कलाकार अपने आप को विनाश की ओर ले जाता है, यही किया है मियां मनोज मुंतशिर, जिन्होंने श्रद्धेय महाकाव्य “रामायण” को “आदिपुरुष” के माध्यम से कलंकित करने का दुस्साहस किया। परंतु “ऊपरवाले की लाठी में आवाज़ नहीं होती” – दैवीय न्याय बिना शोर करे प्रतिघात करता है, और मियां मुंतशिर की हालत देखते हुए लगता है कि वार जोरदार हुआ है!
असल में मनोज मुंतशिर से एक प्रकार से उद्योग ने धीरे धीरे कन्नी काटना प्रारंभ किया है। चर्चित पत्रकार दीपक चौरसिया ने खुलासा किया है कि वे विवाद के मद्देनजर मनोज मुंतशिर से दूरी बना रहे हैं और उन्हें अलग-थलग कर रहे हैं। उदाहरण के लिए उन्हे “India’s Got Talent” में निर्णायक के पद से हटाया गया है। यह दावा पूरी तरह से सही है या नहीं, यह बहस का विषय बना हुआ है, लेकिन एक बात निश्चित है: मनोज का भाग्य इस समय बिल्कुल भी ठीक नहीं!
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एक समय अपनी रचनात्मकता के लिए बहुचर्चित मिया मुंतशिर आज उसी के दुरुपयोग के पीछे जनता के कोपभाजन का सामना कर रहे हैं। जिसने कभी “बाहुबली” के अपने संवादों के पीछे अद्वितीय लोकप्रियता प्राप्त की, वो “आदिपुरुष” के पीछे अलग थलग पड़ जाएगा, किसने सोचा था?
अब पछताए होत क्या?
अपने घटिया संवादों के साथ श्रद्धेय रामायण के अपमान का बेशर्मी से बचाव करने के बाद, उनकी माफी को कोई भी सीरियसली नहीं ले रहा। जिस प्रकार से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस फिल्मों के संवादों पर आपत्ति जताते हुए इन्हे समन किया है, उससे प्रतीत होता है कि इनके सामने मनोज की एक न चलेगी। परंतु उस व्यक्ति से कैसी आशा, जो अपने ही परिवार की संस्कृति का ऐसा अपमान करे.
हालांकि कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि मनोज मुंतशिर का पतन उद्योग के त्वरित निर्णय का परिणाम है, यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि शक्ति दर्शकों के हाथों में है। रामायण में निहित सांस्कृतिक विरासत के प्रति गहरे प्रेम और सम्मान से प्रेरित सार्वजनिक भावना ने, मनोज की पराजय के आसपास की कहानी को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक ऐसे समाज में जो अपनी परंपराओं और किंवदंतियों को प्रिय मानता है, ऐसे श्रद्धेय महाकाव्य की पवित्रता की उपेक्षा के गंभीर परिणाम होने ही थे।
सोनी चैनल के बहुचर्चित शो ‘इंडियाज़ गॉट टेलेंट’ में इस बार मनोज मुंतशिर जज नहीं होंगे। चैनल ने आदिपुरुष को लेकर हो रहे बवाल के चलते मनोज मुंतशिर से किनारा कर लिया। मनोज को उम्मीद थी की उन्हें इस शो में फिर से जज रखा जाएगा।
इससे पहले भी केंद्र सरकार और यूपी सरकार के कई विभागों ने… pic.twitter.com/402D3uz2B2
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) July 6, 2023
कर्मा कैफे में आपका स्वागत है!
मनोज मुंतशिर की गाथा हमें सिखाती है कि आप कितने भी प्रभावशाली या शक्तिशाली हो, एक दिन सबको अपने कर्मों का हिसाब देना होता है। इसे उन सभी लोगों के लिए एक मार्मिक अनुस्मारक के रूप में काम करने दें जो रचनात्मकता के मार्ग पर चलना चुनते हैं – सावधानी हटी, दुर्घटना घटी.
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मनोज मुंतशिर की यात्रा एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है कि हमें अपनी कला को संवेदनशीलता के साथ अपनाना चाहिए, जिस विरासत में हम योगदान दे रहे हैं उसके प्रति हमेशा सचेत रहना चाहिए। दैवीय न्याय चुपचाप प्रहार कर सकता है, लेकिन इसका प्रभाव युगों-युगों तक गूंजता रहता है। मनोज की कहानी मनोरंजन उद्योग के इतिहास में हमारी सांस्कृतिक विरासत के सार और पवित्रता की उपेक्षा करने वालों के परिणामों की याद के रूप में दर्ज की जाएगी।
Manoj Muntashir, the dialogue writer for Adipurush, offered an unconditional apology, expressing acceptance with folded hands, for inadvertently causing emotional distress to the community.
Shivani and @DSKTweeets share more details pic.twitter.com/zRjTyFYIrs
— TIMES NOW (@TimesNow) July 8, 2023
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