जिस जगत में ऐसी दुनिया में जहां आइरनी और लौकिक न्याय सर्वोच्च है, वहां मोहम्मद जुबैर नाम का एक व्यक्ति उपस्थित है जिसने खुद को एक अजीब और हास्यास्पद स्थिति में पाया है। घृणा का बाजार सजाने वाला जुबैर अब अपने ही बंधुओं के निशाने पर है, और वह भी बहुत ही क्यूट कारणों से!
कमर कस लीजिए पासा पलटने और पूर्वाग्रह के उलटफेर की इस हास्यपूर्ण कहानी में गोता लगाने के लिए।
ज़ुबैर का उत्थान
ज़ुबैर अपने पक्षपाती रवैये और एकतरफा राजनीतिक चर्चा के लिए कुख्यात है। अपने भ्रम और असत्य के महाजाल में कितनों का जीवन बर्बाद किया है, और कितने लोगों की बलि चढ़ी है, इसका हिसाब निकालने चलो तो शायद उपन्यास लिखना पड़े। आतंकवाद, चरमपंथ और उग्रवाद के शानदार अवसरों पर इनके मुस्कान की चमकान तो देखते ही बनती है।
परंतु इन्हे क्या पता था कि एक दिन इन्ही के लोग इन्ही के विरुद्ध तलवारें निकाल लेंगे! बात तो यहाँ तक आ गई है कि इस्लामिस्टों के रोटियों के कारण पल्लवित पोषित Alt News के विरुद्ध #BoycottAltNews जैसे ट्रेंड चलने लगे।
भगवा लव ट्रैप
परंतु विवाद प्रारंभ कहाँ से हुआ? इसका मूल कारण था एक ट्वीट, जो मियां ज़ुबैर के ट्विटर अकाउंट के चिराग से निकला। उसने विवादित “भगवा लव ट्रैप” पर अपनी राय साझा करने का निर्णय लिया। इस conspiracy थ्योरी के अंतर्गत हिंदू पुरुष सक्रिय रूप से मुस्लिम महिलाओं को लुभाते हैं, ताकि उनका धर्मांतरण करा सके। वाह भैया वाह, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे!
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अब इसी मामले पर प्रकाश डालने की कोशिश में, ज़ुबैर ने अपने विचार में दिलचस्प सवाल उठाए, जैसे: “‘भगवा प्रेम जाल’ सिद्धांत के उदय के लिए क्या प्रेरणा मिली? इसे कौन स्वीकार करता है? यह कैसे प्रचारित होता है?” उन्हें इस बात का जरा भी एहसास नहीं था कि उनके शब्द कितना बवाल मचाएंगे।
The 'Bhagwa love trap' theory claims there's a concerted effort by Hindu men to woo Muslim women & lead them astray from their faith. What prompted its rise? Who approves of it? How does it propagate? This #AltNews deep-dive story has the answers
@akhmxthttps://t.co/jQRHuGQ5Id— Mohammed Zubair (@zoo_bear) June 29, 2023
सभी इस्लामिस्ट “शंकर”, क्षमा करें, “ज़ुबैर हम तुमको पाला हूँ” वाले मोड में आकार इनकी ऑनलाइन कुटाई करने लगे। ज़ुबैर पर विश्वासघात के आरोप और दलबदलू होने का लेबल लगाया गया, जिससे वह स्तब्ध रह गया, कि अब करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या?
क्या से क्या हो गया?
यद्यपि ऑल्ट न्यूज़ को इस्लामवादियों से भारी समर्थन प्राप्त था, वर्तमान घटनाएँ तो किसी और ही तरफ संकेत दे रहे हैं। जुबैर, वही व्यक्ति जिसने कट्टरपंथी तत्वों के पूर्वाग्रहों का समर्थन किया था, अब खुद को उनके कोपभाजन के शिकार के रूप में पा रहा है।
Jihadis and LeLi have called for #BoycottAltNews and to stop all donations.
The fake 'Bhagwa Love Trap' couldn't even be accepted by Chubear as it outright lies spread by Jihadis.
Hindus aren't united nor are the Hindu Seers bothered about doing griha wapsi of girls of other… pic.twitter.com/S0ksHjj297
— Arun Pudur (@arunpudur) June 30, 2023
एक विशेष रूप से असंतुष्ट टिप्पणीकार ने कई लोगों की भावनाओं को व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, “मुसलमानों से दान लेना, जबकि उनके मुद्दों को केवल थ्योरी के रूप में लेबल करना? अपनी गलत इच्छाओं के लिए मुस्लिम लड़कियों को शिकार बनाने वाले दक्षिणपंथी समूहों की भयानक वास्तविकता को अस्वीकार करना कैसा रहेगा? उदारवादी लॉबी को खुश करना बंद करें और सत्य को प्राथमिकता देना शुरू करें! मुस्लिम समुदाय, आइए एकजुट हों और पूर्वाग्रह के इन बेशर्म समर्थकों का बहिष्कार करें!”
#BoycottAltNews
Hey @zoo_bear, your hypocrisy knows no bounds! Taking donations from Muslims while labeling their issues as mere theories? How about you acknowledge the terrifying reality of right-wing groups preying on Muslim girls for their sick desires? Stop appeasing the… https://t.co/XlD9IztFfp— ❁ مفاسا🇵🇸 (@Mufasa1O1) June 29, 2023
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कट्टरपंथी तत्वों के प्रति मोहम्मद ज़ुबैर का पूर्वाग्रह और उनके प्रति उनकी खुली आत्मीयता आख़िरकार उन पर हावी हो गई। बंदरबांट करने की उनकी कोशिशें, यानी अपने स्वयं के कथन को बनाए रखते हुए कई पक्षों को खुश करने की कोशिश, बुरी तरह से उलटी पड़ गई। ऐसा लगता है कि ब्रह्मांड के पास उसे एक मूल्यवान सबक सिखाने का एक मजेदार तरीका था।
जैसे-जैसे ऑल्ट न्यूज़ के बहिष्कार का आह्वान तेज़ होता जा रहा है, स्थिति चिंताजनक से अधिक मनोरंजक होती जा रही है। पूर्वाग्रह और ज़हर उगलने के क्षेत्र में मोहम्मद ज़ुबैर के दुस्साहस त्रुटियों की एक सच्ची कॉमेडी में बदल गए हैं। यह सावधान करने वाली कहानी उन सभी व्यक्तियों के लिए एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है जो नफरत और एकतरफा आख्यानों पर अपना करियर बनाते हैं। यहाँ सबक? कर्म के सेंस ऑफ ह्यूमर को कम न समझें!
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