२३ अगस्त २०२३ को असम्भव भी संभव हुआ! भारत के चंद्रयान ३ के विक्रम लैंडर ने चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने में सफलता प्राप्त की, जो बड़े से बड़े देश आज तक नहीं कर पाए!
परन्तु ये तो केवल प्रारम्भ था. चंद्रयान ३ की सफलता के बाद भाँती भाँती के रिएक्शन सामने आये. कोई इस स्वर्णिम अवसर पर भावुक था, तो कोई क्रेडिट लूटने में दिमाग भिड़ा रहा था. इसी बीच कुछ ऐसे लोग भी सामने आये, जिन्होंने मनोरंजन में कोई कसर नहीं छोड़ी.
अक्षय कुमार वाले मीम्स भूले तो नहीं? जब भी कोई अद्वितीय उपलब्धि भारत प्राप्त करता है, तो सबसे पहला रिएक्शन दिमाग में यही आता है, “इसपे फिल्म तो अक्षय कुमार ही करेगा”! अब ऐसा लगता है कि ये मज़ाक सच होने वाला है!
असल में निर्देशक जगन शक्ति, जिन्होंने २०१९ में “मिशन मंगल” बनाई थी, वह अब इसकी स्क्रिप्ट को लॉक करने में जुटे हैं. ऐसे में ये अनुमान लगाना बेमानी है कि लीड रोल में कौन होगा. असल आश्चर्य तब होगा जब लीड रोल में अक्षय कुमार ही न हो!
फिर आये कांग्रेस वाले. जब तक इन्हे हर तत्व की उत्पत्ति नेहरू से न कनेक्ट कर ली जाए, तब इनका चित्त प्रसन्न ही नहीं होता! यहाँ भी इन्होने कोई प्रयास अधूरा नहीं छोड़ा!
परन्तु असल तो तब प्रारम्भ हुआ, जब अंग्रेजों की खिसियाहट इस विषय पर सार्वजनिक हुई! इन्हे लगता है कि भारत आज भी इनका गुलाम है, और इनके एक आदेश पर सब छोड़ छाड़कर सामने आ जायेगा.
ब्रिटिश मीडिया का कहना है कि चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी के बाद भारत को यह भूलना नहीं चाहिए कि उसको विश्व के विभिन्न देशों से आर्थिक मदद मिलती रही है. अपने यहां जो गरीबी है, भारत उसको भूलकर इस कामयाबी के जश्न में डूबा है. लेकिन ब्रिटिश मीडिया के ऐसे कमेंट्स के बाद भारतीयों ने उसे आईना दिखा दिया.
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मामले ने तूल उस वक्त पकड़ा जब जीबी न्यूज के एक एंकर पैट्रिक क्रिस्टी ने बुधवार को अपने शो में कहा कि साल 2016 से लेकर 2021 के बीच भारत को ब्रिटेन से 2.3 अरब डॉलर का सहयोग मिला है. उन्होंने चीन का भी नाम लिया, जो अपना आर्टिफिशियल चांद बनाने में जुटा हुआ है.
'I don't think we should be giving a penny of your money in foreign aid to a country that has enough resources to land on the moon!'@Nigel_Farage reacts to India landing a craft on the south pole of the moon and asks whether the UK should still be sending them foreign aid. pic.twitter.com/efgZmD5ymR
— GB News (@GBNEWS) August 23, 2023
प्रैटिक ने सवाल उठाया कि अगर भारत खुद ही ऐसे मिशन्स को कर सकता है तो फिर उसको अन्य देशों से मदद लेने की जरूरत क्या है. हालांकि इसरो को यूके की स्पेस एजेंस (यूकेएसएस) समेत अन्य स्पेस एजेंसियों से बधाई मिली है.
दूसरी ओर, ब्रेक्सिट पार्टी के पूर्व एमईपी बेन हबीब ने कहा था कि हम ऐसे देश को मदद कर रहे हैं, जिसकी इकोनॉमी हमारे मुकाबले काफी छोटी है.
लेकिन जनता के अंदर का कमिश्नर राठौड़ भी जाग उठा. उन्होंने तुरंत पैट्रिक और अन्य ब्रिटिश मीडिया की बात सुनकर भारतीय एक्स (ट्विटर) यूजर्स भड़ गए. उन्होंने ब्रिटेश मीडिया से कोहिनूर लौटाने की ही मांग कर डाली. उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी प्रेस की ओर से जारी रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि अंग्रेजों ने अपने शासनकाल में भारत से जो पैसा लूटा था, वह करीब 45 अरब डॉलर था.
इकोनॉमिस्ट उत्सा पटनायक की लिखी इस रिपोर्ट में कहा गया कि 1765 से लेकर 1938 तक ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटेश राज में करीब 9.3 ट्रिलियन पाउंड (44.6 ट्रिलियन डॉलर) भारत से लूटे गए थे. यूजर्स ने कहा कि ब्रिटेन को 446 ट्रिलियन डॉलर में से 2.3 बिलियन पाउंड की राशि काटकर बाकी का बचा हुआ पैसा लौटा देना चाहिए.
यानी चंद्रयान ३ केवल भारतीयों को खुशियां ही नहीं दिया, अपितु इतना कॉन्टेंट दे गया कि अगले कई माह तक किसी मीमर को कोई कमी नहीं पड़ने वाली.
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