“मेक इन इंडिया” के लिए सरकार ने लैपटॉप पर एक्शन क्या लिया, लिबरल तो अभी बरसने लगे!

उज्जवल भविष्य के लिए उचित जोखिम

HSN Code 8471: घरेलू उत्पादन में तेजी लाने और “मेक इन इंडिया” अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक साहसी कदम में, विदेश व्यापार महानिदेशालय ने गुरुवार, 3 अगस्त को एचएसएन 8471 (HSN Code 8471) के तहत आने वाले लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर प्रतिबंध की घोषणा की। निस्संदेह सरकार का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है. परन्तु अभी निर्णय लागू भी नहीं हुआ है कि वामपंथी पहले से ही सकपकाने लगे हैं!

बता दें कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस में नए नियमों की रूपरेखा दी गई है, जिसमें कहा गया है, “एचएसएन 8741 (HSN Code 8471) के तहत आने वाले लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा-स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर का आयात प्रतिबंधित होगा, और प्रतिबंधित आयात के लिए वैध लाइसेंस के आधार पर उनके आयात की अनुमति दी जाएगी।” प्रतिबंध शीघ्र ही लागू होगा, जिससे इस श्रेणी के तहत आयात को कड़ी जांच के दायरे में रखा जायेगा।

वैसे यात्रियों की सुविधा हेतु सरकार ने स्पष्ट किया कि सामान नियमों के अंतर्गत आयात प्रतिबंध आयात पर लागू नहीं होंगे। अर्थात व्यक्ति आयात लाइसेंस की आवश्यकता के बिना एक लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर या अल्ट्रा-स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर ला सकते हैं, जब तक कि यह व्यक्तिगत उपयोग के लिए है और वर्तमान सामान नियमों का अनुपालन करता है।

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भारत घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए पिछले कुछ वर्षों से व्यवसायों को सक्रिय रूप से प्रोत्साहन दे रहा है। “मेक इन इंडिया” अभियान के

तहत कई स्मार्टफोन निर्माताओं ने देश में उत्पादन इकाइयां स्थापित की हैं। एक सकारात्मक परिणाम के रूप में, चिप निर्माता और सेमीकंडक्टर निर्माता भी अब भारत की सीमाओं के भीतर अपने उत्पादों का निर्माण करने के लिए कदम उठा रहे हैं।

लेकिन वामपंथियों को बिलकुल चैन नहीं। जैसे “शिवाजी” में संवाद था, “अच्छे काम में हाथ बंटाने कोई नहीं आएगा, पर टांग अड़ाने सब आ जायेंगे”, ठीक वैसे ही इन्हे इस बात से भी आपत्ति है. इनका मानना है कि ये सब मोदी के प्रिय मित्र, मुकेश अम्बानी को लाभ पहुंचाने हेतु है.

वो कैसे? कुछ स्वयंभू विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह फैसला अंबानी और अडानी जैसे सरकार समर्थक उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा सकता है।
अब इन पढ़े लिखे गंवारों को कौन बताये कि स्वयं रिलायंस के उत्पाद भी इसके शिकार होंगे. लैपटॉप बाजार में कदम रखने वाली रिलायंस की महत्वाकांक्षी JioBook, हालिया नियमों के दायरे में आ जाएगी, क्योंकि इसका निर्माण चीन में होता है। जब तक रिलायंस अपना उत्पादन केंद्र भारत में स्थानांतरित नहीं करता, लैपटॉप को विशेष छूट नहीं दी जा सकती और आयात में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

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वास्तव में इस कदम के पीछे की मंशा को पहचानना महत्वपूर्ण है। घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर, भारत का लक्ष्य आयात पर अपनी निर्भरता कम करना, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाना और अपनी सीमाओं के भीतर नवाचार को बढ़ावा देना है।
इस साहसिक कदम की सफलता काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार उद्योगों के साथ कितनी कुशलता से सहयोग करती है, उत्पादन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करती है और संभावित चुनौतियों का समाधान करती है। समय ही बताएगा कि भारतीय विनिर्माण परिदृश्य पर इस कदम का वास्तविक प्रभाव क्या होगा और यह “मेक इन इंडिया” पहल के वांछित परिणाम प्राप्त कर पाएगा या नहीं।
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