Shiv Shakti Point: चंद्रयान ३ पर पीएम मोदी के आह्वान से मचा लिबरलों में त्राहिमाम

बेचारी कांग्रेस!

Shiv Shakti Point: चंद्रयान ३ ने निस्संदेह भारत को अपनी उपलब्धियों से गौरवान्वित किया है, और पीएम मोदी ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि ये अभूतपूर्व क्षण भारत के इतिहास के सुनहरे पन्नों में अंकित हो. जिस स्थान पर चंद्रयान ३ लैंड हुआ, अब वो “शिव शक्ति पॉइंट” (Shiv Shakti Point) के नाम से जाना जायेगा! परन्तु ये तो प्रारम्भ है! जिस दिन भारत ने ये अभूतपूर्व उपलब्धि प्राप्त की थी, यानी २३ अगस्त, वह अब भारत में ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के नाम से मनाया जायेगा! इतना ही नहीं, जहाँ चंद्रयान २ के ऑर्बिटर की लैंडिंग हुई थी, उसे अब “तिरंगा पॉइंट” के नाम से जाना जायेगा!  विदेश यात्रा से आते ही पीएम मोदी ने इसरो के उच्चाधिकारियों से वार्तालाप की, और अपने विजन से उन्हें परिचित कराया. अपनी बात को रेखांकित करने हेतु उन्होंने सूर्य सिद्धांत के एक श्लोक का उच्चारण किया:

” सर्वत्रैव महिगोले स्वस्थानम् उपरिष्टं, मनन्ते खे यतो गोलस तस्यैकवोर्द्धं क्वावप्याधः”

अर्थात हम पृथ्वी पे सोच सकते हैं कि हम अपने शिखर पे हैं, परन्तु वास्तव में हमारी स्थिति अंतरिक्ष में नगण्य है. PM मोदी ने बताया कि कैसे भारत के प्राचीन ग्रंथों में ऐसे अनंत श्लोक एवं पद्य भरे पड़े हैं, जो खगोल शास्त्र में भारत की दक्षता को परिलक्षित करते हैं. उन्होंने इस ओर भी ध्यान आकृष्ट किया कि कैसे पाश्चात्य जगत से सदियों पूर्व हमारे वैज्ञानिकों को गुरुत्वाकर्षण से लेकर सौरमंडल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी थी!

परन्तु इसी बीच पीएम मोदी ने कुछ ऐसा बोला कि लिबरल बिरादरी में खलबली मच गई. उन्होंने उसी मंच से देश की युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत के बारे में अध्ययन करने, एवं आधुनिक विज्ञान के परिप्रेक्ष्य के सम्बन्ध में उनका महत्त्व खोजने की दिया था . इसी पे हमारे १० जनपथ एवं खान मार्किट के प्रबुद्ध बुद्धिजीवी भड़क गए, जिनके अनुसार धरती हो या अनंत, हर जगह पर उनका सिक्का चलता है!

अब कुछ सुझाव तो फिर भी रचनात्मक आलोचना का भाग थे, जैसे कि “शिव शक्ति पॉइंट” (Shiv Shakti Point) को “आर्यभट्ट पॉइंट”, “विक्रम साराभाई पॉइंट”, “एपीजे अब्दुल कलाम पॉइंट” जैसा नाम देना इत्यादि! परन्तु कुछ के ज़ुबान से ही उनकी घृणा एवं ईर्ष्या स्पष्ट झलक रही थी. पीएम मोदी को नीचा गिराने के नाम पर ये इसरो के उपलब्धियों का उपहास उड़ाने तक को तैयार थे!

इनमें अग्रणी थे कांग्रेसी राशिद अल्वी. मणिशंकर अय्यर के “बुद्धिमता” को टक्कर देने वाले बयान में इन्होने “शिवशक्ति पॉइंट” के नामकरण को हास्यास्पद और अपमानजनक बताया. इंडिया टुडे से इनके वार्तालाप के अनुसार, “यह हास्यास्पद है. पीएम मोदी जी को चंद्रमा की सतह का नामकरण करने का अधिकार किसने दिया? सारी दुनिया हंसेगी. हम चंद्रमा के मालिक नहीं हैं।”

परन्तु जब पत्रकार ने बताया कि चंद्रयान १ की लैंडिंग साइट का नाम “जवाहर पॉइंट” था, तो राशिद दो कदम आगे बढ़कर बोले, “आप उन्हें [जवाहरलाल नेहरू] कैसे कम्पेयर कर सकते हैं? आज इसरो जो भी है, केवल जवाहरलाल नेहरू के कारण है!” ऐसी बात पे क्या विक्रम साराभाई, क्या एपीजे अब्दुल कलाम, स्वयं होमी जहांगीर भाभा तक चाहेंगे कि वे स्वर्ग से नीचे धरती पे पुनः आये, ताकि इस नौटंकी की कुटाई सुनिश्चित हो सके!

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