Nuh Violence मामले को तेजी से सुलझाने के लिए हरियाणा सरकार प्रयासरत है. कई गिरफ्तारियों के साथ, सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी का हाल की बर्बरता की घटना से कोई लेना-देना नहीं है। यह रहस्योद्घाटन उन लोगों के लिए झटके से कम न होगा, जो वास्तविक उपद्रवियों को बचाने हेतु इन दोनों को ज़बरदस्ती इस मामले में घसीट रहे थे!
हरियाणा की Nuh Violence में राज्य की ADGP लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि हिंसा से एक दिन पहले गोरक्षक मोनू मानेसर का बयान भड़काऊ नहीं लगता।
यही नहीं, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फरीदाबाद से बिट्टू बजरंगी को Nuh Violence के केस में नहीं पकड़ा गया है। उसे पुलिस के साथ मिसबिहेव के केस में गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि इससे पहले मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी पर भड़काऊ वीडियो जारी कर Nuh Violence के लिए उकसाने के आरोप लगाए जा रहे थे। इसमें मोहम्मद ज़ुबैर से लेकर अनेक कट्टरपंथी सम्मिलित थे, जो कहीं न कहीं वास्तविक उपद्रवियों को कार्रवाई से बचाना चाह रहे थे. ३१ जुलाई को मेवात के नल्हर में स्थित एक दर्शन स्थल की ओर अग्रसर दर्शनार्थियों पर कट्टरपंथी इस्लामिस्टों ने धावा बोल दिया, जिसमें २ होम गार्ड और ४ नागरिक सम्मिलित मारे गए.
-Deputy Commissioner Imran Raza who issued notice to local Hindus for boycott call : Transferred
-Officer who arrested Hindu activists: Transferred
-Bittu Bajrangi & Monu Manesar are given a clean chit by the Harayana govt pic.twitter.com/aiXbJUoNqO— Mr Sinha (Modi's family) (@MrSinha_) August 22, 2023
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परन्तु वामपंथियों के दावों का खंडन करते हुए ADGP ममता सिंह ने कहा- ”यदि आप 31 जुलाई की यात्रा से पहले मोनू मानेसर के सोशल मीडिया पोस्ट का ऑडियो सुनें तो वह कहते हैं, मैं आ रहा हूं, आप भी यात्रा में शामिल हों’। मुझे संदेह है कि क्या केवल यह घोषणा करना कि वह एक यात्रा के लिए आ रहे हैं, यह नफरत फैलाने की श्रेणी में आता है।” इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि बिट्टू बजरंगी को पुलिस से बदतमीज़ी करने के आरोप में पकड़ा गया है, और इनका Nuh Violence से कोई सम्बन्ध नहीं सिद्ध हुआ है!
मोनू मानेसर ने वीडियो में कहा-” जय गौमाता, जय श्रीराम, मैं आपका भाई मोनू मानेसर, बजरंग दल प्रांत गौरक्षा प्रमुख, हरियाणा से। सभी भाइयों को बड़ी खुशी के साथ बताया जा रहा है कि 31 जुलाई 2023 दिन सोमवार को मेवात बृजमंडल यात्रा है। सभी भाई बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। मेवात के सभी मंदिरों में जाएं। ज्यादा से ज्यादा संख्या में जाएं। हम खुद यात्रा में शामिल रहेंगे। हमारी पूरी टीम इस यात्रा में शामिल रहेगी”। हिंसा के बाद भी मोनू ने अपना बयान नहीं बदला. उनके अनुसार, “मेरे द्वारा पोस्ट की गई वीडियो में कोई बता दे कि मैंने कुछ गलत बोला, मैं मान लूंगा कि हिंसा का जिम्मेदार हूं। मैंने तो सिर्फ लोगों को धार्मिक यात्रा में शामिल होने के लिए बोला था। इसमें गलत क्या है?”
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि हरियाणा सरकार ने दोतरफा मोर्चा खोल दिया है. एक ओर वह मेवात के उपद्रवियों को सलाखों के पीछे डालने को उद्यत है. दूसरी ओर खट्टर प्रशासन उन लोगों को कोई अवसर नहीं देना चाहता, जो या तो सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाए, या फिर तुष्टिकरण को बढ़ावा दे रहे हों. खटटर प्रशासन अक्सर विवादों के केंद्र में रहा है, परन्तु जो कार्रवाई वे Nuh Violence के बाद कर रहे हैं, वो निस्संदेह प्रशंसनीय है!
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