Tripta Tyagi Case: मुज़फ्फरनगर काण्ड का अधूरा सच!

न ये पहली ऐसी घटना है, और न ही ये अंतिम ऐसी घटना होगी!

मुज़फ्फरनगर पुनः चर्चा का केंद्र रहा है. परन्तु इस बार अलग कारणों से. हाल ही में एक वीडियो वायरल हुई, जिसमें एक स्कूली अध्यापिका Tripta Tyagi ने कई विद्यार्थियों से एक लड़के को थप्पड़ मारने को कहा! इसके पीछे सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा, और कई स्वयंभू बुद्धिजीवियों ने हिन्दू आतंकवाद के नारे लगाने प्रारम्भ कर दिए. परन्तु वास्तविकता तो कुछ और ही निकलके आई.

बता दें कि वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में ‘नेहा पब्लिक स्कूल’ का है, जिसे प्रशासन ने बंद करने के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि स्कूल बिना मान्यता के ही चल रहा था। पुलिस न सिर्फ थप्पड़ मारने बल्कि अभद्र टिप्पणी की भी जाँच कर रही है। वीडियो वायरल करने वाले व्यक्ति के मोबाइल को भी जाँचा जा रहा है। पीड़ित छात्र के अब्बा ने अपने बेटे की तबीयत खराब होने और मेरठ में इलाज कराए जाने की जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने अपने बेटे को किसी और स्कूल में पढ़ाने का ऐलान किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘नेहा पब्लिक स्कूल’ के कागजात की जाँच में वह बिना मान्यता के ही चलते मिला। यह स्कूल Tripta Tyagi परिवार के घर में ही साल 2019 से चल रहा था। स्कूल की मान्यता वर्ष 2019 में ही खत्म हो गई थी। इसे अपडेट नहीं कराया गया था। फ़िलहाल जिले के शिक्षा विभाग ने स्कूल के प्रबंधक को मान्यता रद्द करने का नोटिस थमा दिया है। इस कार्रवाई की पुष्टि शाहपुर ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी संजय भारती ने मीडिया से बातचीत के दौरान की।

इसी के पीछे वामपंथियों ने ट्विटर पर बवाल मचा दिया था, और त्वरित कार्रवाई की मांग की थी. मोहम्मद ज़ुबैर और सिमी ग्रेवाल जैसों ने तो “कानून को अपने हाथों में लेने” की ओर संकेत भी दिया. परन्तु शीघ्र ही इनका ये बुलबुला मुज़फ्फरनगर पुलिस ने फोड़ दिया!

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मुज़फ्फरनगर पुलिस ने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. इसी बीच मुज़फ्फरनगर जिले के खुब्बापुरा गाँव के एक मुस्लिम युवक सुल्तान का बयान सामने आया है। सुल्तान ने इस मामले को तूल देने के पीछे नेतागीरी कर रहे लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। सुल्तान ने कहा कि वो खुद Tripta Tyagi के छात्र रहे हैं और कभी भी उनमें किसी धर्म के प्रति कोई गलत भावना नहीं देखी। बकौल सुल्तान उनके गाँव में सभी धर्म के लोग आपस में मिल-जुल कर रहते हैं।

https://twitter.com/muzafarnagarpol/status/1695102804551934221

परन्तु ये कोई पहली ऐसी घटना नहीं, जहाँ राई का पहाड़ बनाने का प्रयास किया गया हो. २०२१ में गाज़ियाबाद के निकट लोनी में भी ऐसी ही एक घटना घटी थी, जहाँ एक आपसी झड़प को जानबूझकर सांप्रदायिक एंगल देने का प्रयास दिया गया. इसमें तत्कालीन ट्विटर ने भी खूब हस्तक्षेप किया था. परन्तु यूपी पुलिस ने जल्द ही इन एजेण्डावादियों की पोल खोल दी, और न्यायपालिका ने भी इनका भंडाफोड़ करने में प्रशासन का साथ दिया, जिसके पीछे राणा अयूब से लेकर मियां मोहम्मद ज़ुबैर को कोर्ट में क्षमा याचना दायर करनी पड़ी थी!

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