कनाडा में खालिस्तानी कट्टरपंथियों पर कोई कार्रवाई न करने के मामले में भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। G20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 दिनों में दुनिया के कई शीर्ष देशों के नेताओं से मुलाकात की है। उन्होंने शिखर सम्मेलन से इतर कई राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय मुलाकातें भी की। इसी मौके पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से भी उन्होंने मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान भारत ने कनाडा के सामने काफी कड़े शब्दों में अपनी बात रखी।
इसके अतिरिक्त कनाडा के पीएम को उनके अड़ियल रुख के लिए न केवल खरी खोटी सुनने को मिली, अपितु G20 सम्मिट पर लगभग हर बड़े देश द्वारा अनदेखा किया गयै। यहाँ तक कि ज़ेलेन्स्की की तरफदारी करना उन्ही पर भारी पड़ गयै।
विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि भारत सरकार ट्रूडो सरकार की ‘अस्वीकार्य’ नीति की निंदा करती है। इस प्रेस रिलीज में काफी कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है, जिसके बाद कनाडाई प्रधानमंत्री बैकफुट पर आते दिख रहे हैं। भारत सरकार ने कनाडा के प्रधानमंत्री से साफ तौर पर कहा कि खालिस्तानी गतिविधियों से भारत और कनाडा दोनों को ही नुकसान होता है, इसे तुरंत प्रभाव से रोका जाना चाहिए।
इस विषय पर जस्टिन ट्रूडो ने भी अपना रुख स्पष्ट किया. बता दें कि भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकवाद के मुद्दे पर लंबे समय से तनाव है। भारत ने कनाडा से कई बार खालिस्तानी आतंकवादियों को गिरफ्तार करने और उन्हें भारत को सौंपने की माँग की है, लेकिन कनाडा ने इस माँग को नहीं माना है।
ऐसे में जब ट्रूडो से पूछा गया कि खालिस्तानी उग्रवाद पर उनका रुख क्या है, तो ट्रूडो ने कहा कि कनाडा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की स्वतंत्रता की हमेशा रक्षा करेगा और हम नफरत को पीछे धकेलने के लिए हमेशा तैयार है।
और पढ़ें: G20 Summit: भारत ने क्या क्या प्राप्त किया!
ट्रूडो ने कहा कि भारत दुनिया की असाधारण रूप से अहम इकोनॉमी है और जलवायु परिवर्तन से निपटने और आर्थिक विकास सहित कई क्षेत्रों में कनाडा का महत्वपूर्ण भागीदार है. कनाडा में खालिस्तानी तत्वों की बढ़ती गतिविधियों पर भारत की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर ट्रूडो ने कहा कि उनका देश शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की स्वतंत्रता की हमेशा रक्षा करेगा लेकिन साथ ही हिंसा को रोकेगा और नफरत को पीछे धकेलने के लिए हमेशा प्रयास करेगै।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करतै। उन्होंने कहा, भारत दुनिया की असाधारण रूप से एक अहम अर्थव्यवस्था है और जलवायु परिवर्तन से निपटने से लेकर नागरिकों के लिए विकास और समृद्धि के लिए कनाडा का एक बड़ा भागीदार है। कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष मौजूदा सहयोग को बढ़ाने पर विचार करना जारी रखेंगै।
जस्टिन ट्रूडो ने खुलेआम खालिस्तानियों की निंदा नहीं की, परन्तु उन्होंने स्पष्ट किया कि कनाडा में किसी भी पीड़ित समुदाय की बात अनसुनी नहीं जाएगी. सच कहें तो महोदय के पास और विकल्प भी नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि उन्होंने भारत को आँखें दिखाने का प्रयास किया, तो इनका भी वही हाल होगा जो आज चीन और पाकिस्तान का है: न घर के रहेंगे न घाट के!
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।