प्रकाश राज कर्णाटक में “बैन”!

जैसे बोओगे, वैसा काटोगे!

कुछ लोग अपनी आदतों से बिलकुल बाज़ नहीं आते। प्रकाश राज उन्ही में से एक हे। अभी चंद्रयान ३ का विवाद ठंडा भी नहीं हुआ था कि महाशय एक बार फिर विवादों के घेरे में आ चुके हे।

हाल ही में DMK के विवादित नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर अनर्गल प्रलाप पर सोशल मीडिया दो धड़ों में बंटा हुआ है. ऐसे में स्वभावानुसार प्रकाश राज उदयनिधि के समर्थन में आते हुए सनातन धर्म को नीचा दिखाने लग।

प्रकाश राज ने आग में घी डालने का काम करते हुए न सिर्फ सनातन धर्म विरोधी बयान दिए बल्कि यह भी कहा कि जो लोग सनातन धर्म को कायम रखने पर आक्रामक तरीके से बोलते हैं, वे हिंदू नहीं हैं।

दरअसल, रविवार शाम को कलबुर्गी के एस.एम. पंडित रंगमंदिर में लेखकों, कलाकारों और एक्टिविस्टों के साथ एक कार्यक्रम में बातचीत करते हुए प्रकाश राज ने कहा, “जो लोग सनातन धर्म और हिंदुत्व को कायम रखने पर आक्रामक रूप से बोलते हैं, वे हिंदू नहीं हैं। वे खुद को हिंदुत्व के ठेकेदार के रूप में पेश करते हैं। हमें उन्हें बताना होगा कि वे अपने राजनीतिक गलत इरादों को आगे बढ़ाने के लिए बोल रहे हैं। लोगों को इसे अवश्य समझना चाहिए और मुझे आशा है कि वे समझेंगे।”

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इसी कार्यक्रम में प्रकाश राज ने उदयनिधि स्टालिन के बयान को दोहराते हुए कहा कि सनातन डेंगू बुखार की तरह है और इसे मिटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 8 साल के बच्चे को धर्म से जोड़ना ही सनातन धर्म है। प्रकाश राज ने एक मुस्लिम बस कंडक्टर की कहानी भी सुनाई कि कैसे एक महिला ने उसे मुस्लिम टोपी उतारने को कहा। उन्होंने कहा कि हर किसी को इस देश में रहना चाहिए।

सनातन को नीचे दिखाने के प्रयास में प्रकाश ने ये भी कहा, “वे वैज्ञानिक सोच को फैलने नहीं देते। वे गरीबी और अशिक्षा को बरकरार रखना चाहते हैं। उन्होंने कभी भी समान शिक्षा की माँग नहीं की, क्योंकि वे जानते हैं कि अगर लोग शिक्षित हो गए और गरीबी से बाहर आ गए, तो वे सवाल करना शुरू कर देंगे।”

तो, इसमें कौन सी नई बात है? ये तो प्रकाश राज है, सनातन संस्कृति के विरुद्ध विष उगलना तो इनका स्वभाव है। नई बात ये है कि विगत कुछ माह से प्रकाश राज के विरुद्ध कर्णाटक में कई लोग एकत्रित हो रहे हैं, जो इनके बकैती से तंग आ चुके है।

प्रकाश राज के हिंदू विरोधी बयानों के कारण रविवार (10 सितम्बर, 2023) को उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुआ। साथ ही कलेक्टर से प्रकाश राज के शहर में प्रवेश पर रोक लगाने की माँग की गई। हालाँकि, यह प्रदर्शन प्रकाश राज के कलबुर्गी दौरे से पहले हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारी काले कपड़े पहनकर, काले झंडे दिखाते हुए नजर आए। विरोध के बाद भी कलबुर्गी में प्रकाश राज सनातन धर्म के खिलाफ बोलने से बाज नहीं आए।

परन्तु ये तो कुछ भी नहीं. कुछ माह पूर्व शिवमोगा जिले में जब एक कॉलेज को प्रकाश राज ने सम्बोधित किया, तो विरोध स्वरुप कुछ छात्रों ने समारोह के बाद जहाँ जहाँ इनके कदम पड़े, वहां वहां “गौमूत्र” से शुद्धिकरण किया! अब या तो प्रकाश राज ये समझ लें कि इनके विचारों को कोई गंभीरता से लेता नहीं, या फिर दिन प्रतिदिन अपनी भद्द पिटवाते रहे!

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