वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी, “सूत न कपास, जुलाहे में लट्ठम लट्ठ!” ये हाल इस समय पीएम मोदी के नेतृत्व वाली NDA के सामने ‘सीना ताने’ खड़ी I.N.D.I.A. गठबंधन की है, जिनका अलग ही रॉयल रम्बल चल रहा है: कौन बनेगा इनका पीएम उम्मीदवार!
इन नेताओं को लगता है कि मीडिया पीएम मोदी को ज्यादा दिखाती है, इसीलिए वो पीएम हैं। जबकि सच्चाई ये है कि मोदी लोकप्रिय पीएम हैं, इसीलिए मीडिया को उन्हें दिखाना पड़ता है। वरना पीएम मोदी तो देश को संबोधित करते हैं तो पूरा देश उन्हें सुनता है।
शीघ्र ही मुंबई में विपक्ष के नए गठबंधन ‘I.N.D.I.A’ की बैठक होने वाली है। इससे पहले पटना और बेंगलुरु में 2 दौर की बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें 2 दर्जन से अधिक पार्टियों ने हिस्सा लिया। बताया गया है कि मुंबई की बैठक में संयोजक तय किए जाएँगे। विपक्ष के नए गठबंधन का संयोजक कौन होगा, एक से अधिक होंगे तो कौन-कौन होंगे – नाम का ऐलान किया जाएगा। इतना ही नहीं, अटकलें ये भी हैं कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार किसे बनाया जाए – इस पर भी चर्चा होनी है।
परन्तु वर्तमान हालत देखते हुए तो सर्वप्रथम प्रश्न यही उत्पन्न होता है: चाहते क्या हो?
यहाँ पहले से ही बंदरबाँट की स्थिति है। बेंगलुरु में हुई बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में लालू यादव और नीतीश कुमार मौजूद नहीं थे। चर्चा चली कि नीतीश कुमार संयोजक न बनाए जाने से नाराज़ थे और लालू यादव को उम्मीद है कि नीतीश संयोजक बनने के बाद बिहार के CM का पद छोड़ेंगे, फिर वो अपने बेटे तेजस्वी यादव, जो फ़िलहाल उप-मुख्यमंत्री हैं, उन्हें इस कुर्सी पर बिठा पाएँगे। उधर अरविन्द केजरीवाल अलग ही भसड़ मचाये हैं, और दूसरी ओर प्रियंका चतुर्वेदी चाहती हैं कि उद्धव ठाकरे इस दल के पीएम उम्मीदवार बनें!
#WATCH | Patna | "Mumbai mein Narendra Modi ke nareti (throat) pe chadhne jaa rahe hain humlog. Narendra Modi ka nareti pakde huye hain hum, hatana hai," RJD chief Lalu Prasad Yadav says, ahead of the Mumbai meeting of the INDIA alliance pic.twitter.com/ekm7O5w8bR
— ANI (@ANI) August 29, 2023
UBT leader Priyanka Chaturvedi bats for Uddhav Thackeray as the PM candidate of the opposition alliance.
Why is the BJP rattled? We have so many capable leaders who can lead not only the state but the entire country. If someone asks me, then I will name Uddhav Thackeray as the PM… pic.twitter.com/pnQR7VvVBt— TIMES NOW (@TimesNow) August 30, 2023
और पढ़ें: I.N.D.I.A. गठबंधन दिल्ली में खत्म!
विपक्ष की इस बैठक से पहले नेताओं में बयानबाजी के लिए एक होड़ सी लग गई है। खासकर नीतीश कुमार और ममता बनर्जी लगातार चर्चा में बने रहना चाहते हैं। नीतीश कुमार ने मीडिया के सामने कहा, “नहीं-नहीं, हमको कुछ नहीं बनना है। हम तो आपको बराबर कह रहे हैं। दूसरे लोगों को बनाया जाएगा, हमारी कोई इच्छा नहीं है। हम तो सबको एकजुट करना चाहते हैं और सब मिल कर के करें। हमको कुछ व्यक्तिगत नहीं चाहिए। हम तो सबके हित में चाहते हैं, इसीलिए ये कभी मत सोचिए कि हमलोग कुछ चाहते हैं।”
राजनीति में बड़े पद पर बैठा नेताओं का बयान अपने-आप में एक सन्देश होता है। सन्देश कहाँ तक पहुँचाना होता है, ये उन्हें पता होता है। नीतीश कुमार मँझे हुए नेता हैं, पिछले 18 साल से बिहार की सत्ता पर काबिज हैं। संयोजक वाले सवालों पर उनके मन का मलाल बाहर आ जाता है। वो बार-बार ये कह रहे हैं कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए, या फिर बात ये है कि वो खुद को निःस्वार्थ दिखा कर गठबंधन से वो लेना चाहते हैं जिसकी लालसा उन्होंने पाल रखी है? उन्हें अगर कुछ नहीं चाहिए, तो फिर बार-बार सफाई क्यों दे रहे?
उधर कांग्रेस ने पहले ही लकीर खींच दी है: युवराज को ही गद्दी मिलनी चाहिए. वाह जी, न चुनाव हुआ न परिणाम आये, और पहले ही सोच लिया कि गद्दी का वारिस कौन. शायद इसीलिए आजकल कांग्रेस को कोई गंभीरता से नहीं लेता!
अभी जिस महाराष्ट्र में ‘I.N.D.I.A.’ की बैठक होनी है, वहीं की पार्टी NCP के 2 फाड़ हो चुके हैं। कभी शरद पवार को मोदी विरोधी राजनीति के प्रमुख चेहरे के रूप में देखने वाले लोग आज उनकी सियासी अस्पष्टता के कारण उन्हें कोस रहे हैं। शरद पवार के भतीजे अजित ने कई विधायकों-सांसदों के साथ बगावत कर दी। कभी शरद राव भाजपा के साथ कभी न जाने की कसम खाते हैं तो कभी अजित पवार को पार्टी का नेता बताते हैं।
पश्चिम बंगाल के धुपगुड़ी में उपचुनाव हो रहा है। वहाँ कॉन्ग्रेस पार्टी ने CPM के साथ गठबंधन किया है। वहीं TMC ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है। यहाँ कहाँ गया गठबंधन? अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का दौरा कर के अपनी ‘गारंटियों’ के बारे में प्रचार किया। दोनों ही राज्यों में भाजपा-कॉन्ग्रेस में मुख्य लड़ाई होती है। राजस्थान में भी उनकी पार्टी ने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है।
ये कैसा गठबंधन है जिसके नेता महँगे होटलों में बैठक करते समय खुद को एक दिखाते हैं और जमीन पर आपस में लड़ते हैं? इसी तरह केरल में आ जाइए। वहाँ पुथुप्पली में उपचुनाव हो रहा है। यहाँ CPM और कॉन्ग्रेस आपस में लड़ रही है। इस साल 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, लोकसभा चुनाव से पहले ही इस नए गठबंधन की परीक्षा होनी है। फ़िलहाल तो इंतजार इस बैठक के निष्कर्षों का है। संयोजक कौन होता है, कोऑर्डिनेशन कमिटी में किसे-किसे जगह मिलती है।
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