अगर आपको लगता है कि 2022 फीफा विश्व कप इस बात का मास्टरक्लास है कि कैसे किसी खेल महाकुम्भ को आयोजित न किया जाए, तो क्रिकेट वालों ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए सोचा: हमसे बुरा प्रबंधन कोई कैसे कर सकता है भला? कहने को आज आईसीसी क्रिकेट विश्व कप का शुभारम्भ हुआ है, लेकिन आतिशबाजी और धूमधाम के बजाय, यह टूर्नामेंट सभी गलत कारणों से ध्यान आकर्षित कर रहा है। ऐसा लगता है जैसे BCCI वाले राष्ट्रमंडल खेलों के कारनामों को भी पीछे छोड़ने पर तुले हैं।
परन्तु हुआ क्या? बंधुवर, आपकी शंका गलत नहीं है, बस ये पूछिए कि क्या नहीं हुआ…. न ढंग से टिकट बंटे, न सही जगह मैच का आयोजन हुआ, और तो और अब क्रिकेट विश्व कप धर्मान्तरण का अड्डा बन रहा है, जहाँ मोर्चा संभाले हैं मैथ्यू हेडेन और रमीज़ राजा, और आँख मूंदकर बैठी है BCCI और ICC! अब, सीमा पार से आईसीसी विश्व कप 2023 को धार्मिक चरमपंथियों के लिए लॉन्चपैड में बदलने प्रयास किया जा रहा है।
इस्लाम के लिए हेडेन का विशिष्ट प्रेम
तो बात है ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के अभ्यास मैच की! अब इसमें ऐसी क्या बात है, जो लोग इतना पगलाए हुए हैं? असल में इस मैच के दौरान कमेंट्री बॉक्स से मैथ्यू हेडन और रमिज़ राजा ने आईसीसी विश्व कप 2023 को इस्लाम के प्रचार मंच में बदलने का फैसला किया।
हाँ, ठीक सुने है आप! हेडेन महोदय के अनुसार, “हाँ, ये इस्लाम के इर्दगिर्द केंद्रित है, जो कि पाकिस्तानी टीम का सबसे महत्वपूर्ण और केंद्रीय हिस्सा है। क्रिकेट अनुशासन का खेल है और पाकिस्तानी टीम जिस तरह से काफी अनुशासन के साथ नेतृत्व करती है, उसका मैं बड़ा प्रशंसक हूँ। आपको हमेशा प्रतिबद्ध रहना चाहिए, इसमें जुटे रहना चाहिए और लगातार मेहनत करनी चाहिए”।
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ये तो कुछ भी नहीं है, हेडेन ने ये भी बोला कि इस्लाम संस्कृति में इन्हीं चीजों का प्रतिनिधित्व करता है। अब ये अलग बात है कि इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 14 रनों से मात दे दी। परन्तु इसने हेडेन या रमीज़ को इस्लाम का अनुचित प्रचार करने से बिलकुल नहीं रोका!
परन्तु सच कहें तो लेकिन अनुशासन और पाकिस्तान पीनट बटर और जेली समान है, दोनों एक लाइन में फिट नहीं बैठ सकते! यह ऐसा कहने जैसा है कि हिटलर का नाजी जर्मनी पूरी तरह से धार्मिक सद्भाव के बारे में था, या यह कहना कि मोहम्मद अली जिन्ना अखंड भारत के प्रशंसक थे। अब पाकिस्तान की फील्डिंग कितनी शानदार है, यह जानने के लिए हमें रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं। आशा करते हैं हेडेन महोदय इसका क्रेडिट भी….
परन्तु मैथ्यू हेडन कोई ऐसे वैसे टिप्पणीकार नहीं। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज होने के अलावा, वह टी20 विश्व कप 2021 और टी20 विश्व कप 2022 के दौरान पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कोच थे। दरअसल, नवंबर 2021 में न्यूज कॉर्प ऑस्ट्रेलिया के साथ एक साक्षात्कार में हेडन ने खुलासा किया था कि पाकिस्तानी क्रिकेटर मुहम्मद रिज़वान ने उन्हें कुरान का अंग्रेजी संस्करण उपहार में दिया था।
Why is this Commentary between Ramiz Raja and Mathew Hayden openly promoting & glorifying IsIam being allowed??? This is a Cricket World Cup Match not some Religious gathering that such sermons be given pic.twitter.com/U7C3urJQZ6
— Rosy (@rose_k01) October 4, 2023
देखिये, हम सभी व्यक्तिगत मान्यताओं और विकल्पों के पक्ष में हैं, लेकिन शायद किसी को हेडन को स्मरण कराना चाहिए था कि वह अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं को स्टेडियम से बाहर रखें और धार्मिक समर्थन को किसी अन्य मंच पर छोड़ दें। ये विश्व कप है, धर्मान्तरण का अड्डा नहीं!
किस ख़ुशी में ICC और BCCI चुप्पी साधे हैं?
तो समस्या किस बात की है? क्रिकेट और धर्म – यह मैदान पर तेल और पानी मिलाने की कोशिश करने जैसा है, a sure shot recipe for disaster। मैथ्यू हेडन के साथ हालिया प्रकरण और आईसीसी विश्व कप 2023 के दौरान इस्लाम पर उनकी टिप्पणी इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि यह मिश्रण कितना हानिकारक हो सकता है।
परन्तु आपको क्या लगता है, ये पहली बार हुआ है? बिलकुल नहीं! यह पहली बार नहीं है जब हमने खेल की दुनिया में, विशेषकर क्रिकेट में, धार्मिक अतिवाद को अपना सिर उठाते देखा है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान अपने धार्मिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए क्रिकेट के मैदान को एक मंच के रूप में इस्तेमाल करने में माहिर है। क्या आपको तिलकरत्ने दिलशान और अहमद शहजाद के बीच तीखी नोकझोंक याद है, जिसके पीछे अहमद ने उन्हें नर्क में जाने को कहा था ?
अगर ये न याद हो, तो 2021 का वो काला दिन तो याद होगा ही, जब हमारे क्रिकेट टीम के घटिया प्रदर्शन के कारण पाकिस्तान पहली बार विश्व कप के किसी भी संस्करण में हमें पराजित करने में सफल रहे थे, वो भी 10 विकेट से!
आप यह नहीं भूले होंगे कि कैसे पाकिस्तान ने 2021 टी20 विश्व कप में भारत पर अपनी शानदार जीत का श्रेय इस्लाम को दिया था। ठीक है गुरु, निश्चित रूप से, धर्म एवं सांस्कृतिक परिवेश एक महान प्रेरक हो सकता है, लेकिन क्रिकेट की जीत के लिए दैवीय हस्तक्षेप को श्रेय देना? खेल मानकों के हिसाब से भी यह कुछ ज़्यादा नहीं हो गया।
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हालाँकि, हैरान करने वाली बात यह है कि जब यह सारा धार्मिक उत्साह क्रिकेट के मैदान पर सामने आ रहा था, तब क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था बीसीसीआई और आईसीसी मूकदर्शक बने रहे। ऐसी कौन मजबूरी है इन लोगों की, जो इन्हे खेल भावना को कलंकित करने वालों के विरुद्ध एक्शन लेने से रोक रही है? ये मजबूरी एमएस धौनी के विरुद्ध तो नहीं दिखी होगी, जब उन्हें 2019 में Para SF के बलिदान बैज वाले विकेटकीपिंग ग्लव्स पहनने से रोका गया था!
A Rabid Hindu Hater from Pakistan is among the ICC presenters for the World Cup
Shameful pic.twitter.com/2sezuNbafl
— Sensei Kraken Zero (@YearOfTheKraken) October 2, 2023
इतना ही नहीं, जिन लोगों ने हिंदुओं के विरुद्ध विष उगला है, उन्हें आकर्षक अनुबंधों से पुरस्कृत किया गया है और विश्व कप 2023 के लिए कमेंटरी पैनल में शामिल किया गया है। हां, आपने सही सुना। वकार यूनुस और ज़ैनब अब्बास जैसे लोग, जिन्होंने गैर-मुसलमानों के प्रति स्पष्ट पूर्वाग्रह दिखाया है, अब प्रिजेंटर के रूप में विराजमान होंगे।
हमने सोचा था कि फीफा विश्व कप का कतर संस्करण खेल और राजनीति का सबसे खराब मिश्रण था, लेकिन आईसीसी विश्व कप का वर्तमान संस्करण इसे ज़बरदस्त चुनौती देता दिख रहा है। इसलिए, जैसे-जैसे विश्व कप शुरू हो रहा है, मैदान के अंदर और बाहर और अधिक आश्चर्यों पर नज़र रखें, क्योंकि क्रिकेट की दुनिया में, आप कभी नहीं जानते कि आगे क्या होने वाला है।
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