वंदे भारत एक्सप्रेस पर फिर से पथराव: रेल सुरक्षा के लिए बढ़ता खतरा

वंदे भारत एक्सप्रेस पर एक बार फिर से पथराव की घटना सामने आई है। ओडिशा में ढेंकनाल-अंगुल रेलवे सेक्शन पर मेरामंडली और बुधपांक के बीच पथराव किया गया। इस घटना में राउरकेला-भुवनेश्वर वंदे भारत एक्सप्रेस (20835) ट्रेन के एक एक्सक्लूसिव क्लास के कोच की खिड़की का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया, अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

ईसीओआर की दोनों सुरक्षा शाखाएं स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर अपराधियों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब देश में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को निशाना बनाया गया है। ऐसी ही घटनाएं देश के अन्य हिस्सों से भी सामने आ चुकी हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी घटना में ट्रेन में मौजूद किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

अधिकारियों के मुताबिक, घटना की सूचना ऑन-ड्यूटी आरपीएफ एस्कॉर्टिंग स्टाफ ने दी। सूचना के बाद, ईस्ट कोस्ट रेलवे जोन (ईसीओआर) की सुरक्षा शाखा ने रेलवे आरपीएफ और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) को सतर्क कर दिया। कटक से आरपीएफ के सिक्योरिटी कमिश्नर मौके पर पहुंचे। वंदे भारत ट्रेन पर पथराव की सूचना स्थानीय पुलिस को भी दी गई। रेलवे ने एक बयान जारी कर कहा कि पथराव करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले सितम्बर 2023 में उदयपुर से जयपुर रूट पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की गयी थी। उग्रवादियों ने ट्रैक पर पत्थर और लोहे के सरिए रख दिए थे। समय रहते लोको पायलट ने अनहोनी को भांप लिया और ट्रेन को रोक दिया। ये भीलवाड़ा से करीब 40 किमी पहले सोनियाणा व गंगरार (चित्तौड़गढ़ जिला) रेलवे स्टेशन के बीच हुआ था।

उससे पहले अगस्त 2023 में भी एक बार पथराव की घटना सामने आई । वंदे भारत एक्सप्रेस पर ग्वालियर के नजदीक रायरू के पास पत्थर फेंका गया था। इसके चलते ट्रेन की खिड़की का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया था

उससे पहले जुलाई 2023 में अयोध्या के रौनाही थाना क्षेत्र में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया जिससे ट्रेन के शीशे टूट गए थे।

और उससे पहले जून 2023 में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव हुआ था इस बार मेरठ-मुजफ्फरनगर रेलवे ट्रैक पर हमला हुआ था।

इससे पहले अप्रैल, फरवरी, पिछले साल छह बार।

आखिर वन्दे भारत एक्सप्रेस में ऐसा क्या है कि कुछ कथित लोग जो हमेशा कथित तौर पर दोषी होते हैं वही कथित रूप से इन कथित घटनाओं में कथित तौर पर संलिप्त पाए जाते हैं। वे लोग फिर कथित रूप से फरार हो जाते हैं और कथित रूप से हालाकि ये मेरा कथित है, अगले हमले की तैयारी में लग जाते हैं।

मैं कथित तौर पर नहीं यथार्थ रूप में बताऊंगा। पहले वन्दे भारत ट्रेन के बारे में जानते हैं:

ये ट्रेन पूरी तरह यानी 100 फीसदी स्वदेशी है।

इसकी रफ़्तार बहुत ही कम समय 200 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाती है।

ट्रेन 100 किलोमीटर की स्पीड बस 52 सेंकड में पकड़ लेती है।

ट्रेन में ऑटोमेटिक दरवाजे लगे हैं। मेट्रो के जैसे ही ये दरवाजे ही ऑटोमेटिक खुलते हैं। साथ ही कई आधुनिक सुविधाओं से ट्रेन लैस है।

सभी कोच वतानुकुलित है।

इसमें जो स्विंग चेयर्स है वो 360 डिग्री घूम जाती हैं।

इस ट्रेन में भोजन और नाश्ता भी परोसा जाता है। जिनकी कीमत टिकट में ही शामिल होती है।

यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए ट्रेन को पूरी तरह से ऑनबोर्ड वाईफाई की सुविधा से लैस है। साथ ही हर सीट के नीचे मोबाइल और लैपटॉप चार्ज करने के लिए चार्जिंग पॉइंट्स दिए गए हैं।

वन्दे भारत ट्रेन में जीपीएस प्रणाली लगी है। जिसके माध्यम से आने वाले स्टेशन और अन्य सूचनाओं की जानकारी मिलती है।

स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए ट्रेन में बायो वैक्यूम शौचालय का निर्माण किया गया है। जैसे हवाई जहाजों में इस्तेमाल होते हैं।

ट्रेन से बाहर का नजारा अच्छे से दिखाई दे इसीलिए बड़े से ग्लास लगाए गए हैं।

यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर डिब्बे में सीसीटीवी लगाए गए हैं।

यात्रियों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए जब ट्रेन पूरी तरह से रूक जाती है तब ही दरवाजे खुलेंगे। ताकि यात्री चलती ट्रेन में न ही चढ़े और न ही उतरे।

ये सब ट्रेनें तो जापान में चलती थी। भारत में कैसे चलने लगी। अपने यहाँ तो DMU कोच चलती है। आराम से घिसटती है। वैक्यूम काट के चाहो तो घर के सामने रोक लो। चेन खींच के नाचो। बिना टिकट चढो। शौचालय को अपनी विष्ठा से भर दो, मूत्र कम से कम इतना बहाओ कि यूरिक एसिड की गंध पूरे इलाके में फ़ैल जाए। स्टेशन से बासी पूरी सब्जी खाओ, पनियाहा चाय पियो, रुमाल रख के सीट रोको। मज़े में दुसरे का सीट हथियाओ। पान थूको। मूंगफली के छिलके थूको, जूता पंखे में फस दो, संडास का मग्गा घर ले जाओ।

हसियेगा नहीं काहे की यही कारण है।

वो जो कथित लोग हैं न, उनके सीने में इस ट्रेन को देख के आग लग जाती है, छाती पर अजगर लोटते हैं और स्थान विशेष से धुंआ निकलता है।

वन्दे भारत नए भारत का प्रतीक है। महत्वाकांक्षी भारत का। जिसे वैल्यू फॉर मनी चाहिए। जिसे व्यू वाली विंडो चाहिए, लैपटॉप लेके चलता है इसलिए चार्जिंग पॉइंट चाहिए। अब जो जमाती मोड में रहते हैं उनको पार्ट नास्टैल्जिया है और पार्ट क्रोध। क्रोध भारत पर, क्रोध मोदी पर। ऐसे चला तो फिर न आ जाए। चलो वन्दे भारत को तोड़ देते हैं। लोग नहीं आयेंगे, फिर हमारे पढ़े लिखे जमाती हाहाहा कर के हसेंगे। कहेंगे और चलाओ वन्दे भारत। ममता हसेगी। केजरीवाल हसेगा। स्टॅलिन और उद्धव हसेगा। सब हसेगा बस तुम रोयेगा। इसलिए आगे से कोई पत्थरबाज़ किसी पटरी के किनारे दिख जाए तो उसी को संडास मान कर अपना बिजनेस निपटा लीजियेगा।

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