गणतंत्र दिवस पर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को आमंत्रण! भारत अपने मुख्य अतिथि का चयन कैसे करता है?

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के भारत के गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि होने की संभावना है, जो समारोह में भाग लेने वाले छठे फ्रांसीसी राष्ट्रपति बनेंगे। मुख्य अतिथि गणतंत्र दिवस समारोह का केंद्र होता है। वह औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त करता है और भारतीय राष्ट्रपति द्वारा आयोजित स्वागत समारोह सहित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेता है।

पहले की चर्चाओं में क्वाड नेताओं को संभावित मुख्य अतिथि के रूप में शामिल किया गया था, परन्तु अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की अनुपलब्धता के कारण योजनाओं में यह बदलाव लाया गया।

बताते चले की भारत के गणतंत्र दिवस परेड का मुख्य अतिथि एक महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है। वह भारत के गणतंत्र दिवस समारोह का केंद्र होता है और भारतीय राष्ट्रपति द्वारा आयोजित स्वागत समारोह सहित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेता है।

गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मुख्य अतिथि चुनना कोई आम बात नहीं होती है। दरअसल, प्रोटोकॉल के लिहाज से यह देश द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। मुख्य अतिथि का चयन करने में बहुत सोच-विचार किया जाता है। चयन प्रक्रिया गणतंत्र दिवस से लगभग छह महीने पहले ही शुरू हो जाती है, जिसे भारत हर साल 26 जनवरी को मनाता है।

विदेश मंत्रालय (एमईए) राष्ट्र प्रमुख को निमंत्रण देने से पहले कई पहलुओं पर विचार करते है। सबसे बुनियादी विचार यह है कि मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित व्यक्ति के साथ नई दिल्ली का रिश्ता यह दर्शाता है कि भारत उस देश के साथ अपनी दोस्ती को मज़बूत करना चाहता है और उस देश के साथ मज़बूत रिश्ते की पुष्टि विश्व पटल पर करना चाहता है।

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मुख्य अतिथि का चयन एक सावधानीपूर्वक प्रक्रिया है, जिसे विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा गणतंत्र दिवस से छह महीने पहले शुरू किया जाता है। जिन कारकों पर विचार किया जाता है उनमें राजनयिक संबंध, राजनीतिक, वाणिज्यिक, सैन्य और आर्थिक हित, साथ ही गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के साथ ऐतिहासिक जुड़ाव भी मायने रखते हैं।

अतिथियों की लिस्ट एक बार शॉर्टलिस्ट होने के बाद, विदेश मंत्रालय आगे बढ़ने से पहले प्रधानमंत्री और माननीय राष्ट्रपति से मंजूरी मांगता है। जिसके बाद भारतीय राजदूत अपने कार्यक्रम और प्रतिबद्धताओं के कारण संभावित मुख्य अतिथि की उपलब्धता की सावधानीपूर्वक जांच करते हैं।

उम्मीदवार को अंतिम रूप देने के बाद भारत और अतिथि देश आधिकारिक बातचीत करते है और विदेश मंत्रालय के भीतर क्षेत्रीय प्रभाग समझौतों पर काम करते हैं, और प्रोटोकॉल प्रमुख कार्यक्रम और लॉजिस्टिक्स को संभालते हैं।

सरकारों के बीच साझा की जाने वाली विस्तृत योजनाओं में भारतीय प्रोटोकॉल प्रमुख और मेहमान देश के समकक्ष शामिल होते हैं। इसके बाद विदेश मंत्रालय में क्षेत्रीय प्रभाग समझौतों पर काम करते हैं।

इसके बाद प्रोटोकॉल प्रमुख कार्यक्रम और लॉजिस्टिक्स का विवरण तैयार क्या जाता है। यात्रा और गणतंत्र दिवस कार्यक्रम की व्यापक योजना को भारतीय प्रोटोकॉल प्रमुख दौरे वाले देश के समकक्ष के साथ साझा करते है। जिसके बाद भारत सरकार, उन राज्यों की सरकार जहां विदेशी गणमान्य व्यक्ति यात्रा कर सकते हैं वहाँ सुरक्षा के पुख्ता इंतेज़ाम करवाई जाती हैं।

यह यात्रा भारत के गौरव, खुशी में अतिथि की भागीदारी का प्रतीक है और दोनों देशों के बीच मित्रता का भी प्रतीक है। विदेशी गणमान्य व्यक्ति को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। इसके बाद राज्य का प्रमुख शाम को भारतीय राष्ट्रपति द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भाग लेता है।

गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि की भूमिका औपचारिक सम्मान के साथ रणनीतिक कूटनीति का भी मिश्रण है, जो भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और विदेश नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वहीं इस यात्रा पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया द्वारा बारीकी से नजर रखी जाती है, जो अतिथि के भारत के बारे में धारणाओं को दर्शाती है।

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भारत द्वारा फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन को आमंत्रित करना दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का संकेत है। स्वागत समारोह भारत की परंपरा और संस्कृति को दर्शाता है। आखिरी बार भारत ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए मुख्य अतिथि के रूप में किसी फ्रांसीसी राष्ट्रपति को 2016 में आमंत्रित किया था जब फ्रांस्वा ओलांद ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई थी। यहाँ यह जानना आवश्यक हो जाता है की उसी साल विशेष रूप से, पीएम नरेंद्र मोदी जुलाई में बैस्टिल डे (फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस) समारोह और परेड में सम्मानित अतिथि थे।

फ्रांस ने हाल ही में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए 26 राफेल समुद्री लड़ाकू जेट खरीदने की भारतीय नौसेना की योजनाओं में रूचि दिखाई हैं। गौर करने वाली बात है की, फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक मंचों पर भी भारत का समर्थन किया है। मैक्रॉन को निमंत्रण फ्रांस के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने के भारत के इरादे को वयक्तिगत रूप से प्रदर्शित करता है, जिसके साथ उसकी रक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी भी शामिल है। भारतीय नौसेना के राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों के लिए फ्रांस की हालिया बोली दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को रेखांकित करती है।

इन सब कारणों मद्देज़र रखते हुए सभी की निगाहें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि पर हैं और गणतंत्र दिवस समारोह पर टिकी हुई है।

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