पेटीएम ने किया कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान,
लागत कम करने का है लक्ष्य,
कर्मचारियों की जगह लेगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
हाल ही में डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम ने अपने कुछ कर्मचारियों की छंटनी करने का कठिन फैसला लिया है। यह कदम ऑपरेशन को सुव्यवस्थित करने और लागत कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। कंपनी ने हालांकि छंटनी की सटीक संख्या का खुलासा नहीं किया है, परन्तु सूत्रों के मुताबिक, छंटनी से कुल कर्मचारियों का 5-10% प्रभावित हो सकता है।
layoff.fyi के नए आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 2120 तकनीकी कंपनियों ने अब तक 404,962 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। वहीं 2023 में 1059 कंपनियों ने 240,193 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है।
पेटीएम द्वारा छंटनी के संबंध में लिया गया निर्णय भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा लगाए गए असुरक्षित ऋणों पर नियामक प्रतिबंधों के कारण छोटे-टिकट उपभोक्ता ऋण और ‘अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें’ खंड से हटने के बाद लिया गया है।
पेटीएम द्वारा हालिया छंटनी इस साल भारतीय तकनीकी कंपनियों के बीच सबसे बड़ी नौकरी कटौती में से एक का प्रतिनिधित्व करती है। नई अर्थव्यवस्था क्षेत्र में स्टार्टअप वित्तीय चुनौतियों से जूझ रहे हैं क्योंकि घाटे में चल रहे उद्यमों के लिए फंडिंग दुर्लभ हो गई है।
लॉन्गहाउस कंसल्टिंग के आंकड़ों से पता चलता है कि नई अर्थव्यवस्था वाली कंपनियां इस साल की पहली तीन तिमाहियों में 28,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी हैं।
50,000 रुपये से कम के ऋण की पेशकश करने वाली कंपनी की पहल, पेटीएम पोस्टपेड, नियामक परिवर्तनों से विशेष रूप से प्रभावित हुई है। नतीजतन, पेटीएम अपना ध्यान धन प्रबंधन और बीमा ब्रोकिंग की ओर पुनर्निर्देशित कर रहा है।
पेटीएम ने एक बयान में कहा, “हम अपने ऑपरेशन को और बेहतर बनाने और लागत कम करने के लिए अपने कार्यबल में कुछ बदलाव करने की प्रक्रिया में हैं। यह कठिन फैसला है, लेकिन लंबे समय में कंपनी के लिए यह जरूरी है। हम प्रभावित कर्मचारियों को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।“
डिजिटल पेमेंट्स की दिग्गज कंपनी पेटीएम एक बड़े बदलाव की ओर कदम बढ़ा रही है। कंपनी ने एलान किया है कि वह अब अपने संचालन को सुव्यवस्थित करने और लागत कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बड़े पैमाने पर प्रयोग करेगी। इस कदम से जहां एक ओर पेटीएम दक्षता बढ़ाने की उम्मीद कर रही है, वहीं दूसरी ओर हजारों कर्मचारियों की नौकरियां दांव पर भी लग गयी है।
सूत्रों के मुताबिक, छंटनी मुख्य रूप से बैक-एंड ऑपरेशंस, फ्रॉड डिटेक्शन, मार्केटिंग और एचआर विभागों में हो रही है। कंपनी ने हाल के महीनों में इन विभागों में ओवरस्टाफिंग की पहचान की थी और लागत कम करने के लिए कर्मचारियों की संख्या कम करने का निर्णय किया।
पेटीएम ने अपने विभिन्न विभागों में एआई तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। कंपनी का लक्ष्य है कि एआई के जरिए ग्राहक सेवा, फ्रॉड डिटेक्शन, लोन प्रोसेसिंग, मार्केटिंग और रिस्क मैनेजमेंट जैसे कामों को ऑटोमेट किया जाए।
देखिये AI तकनीक अब इतनी विकसित हो चुकी है कि इसका इस्तेमाल विभिन्न कार्यों को स्वचालित करने के लिए किया जा सकता है। इससे न केवल लागत कम होती है, बल्कि काम की गति और सटीकता भी बढ़ती है और इस बात को समझते हुए पेटीएम का यह निरयण स्वागत योग्य है.
AI के भविष्य के लिए कई संभावनाएं हैं। स्वचालित वाहन, बेहतर अनुवाद उपकरण, और रचनात्मकता में AI की भूमिका के विकास की उम्मीद है।
एक समय था की कोप्यवरिटिंग जैसे मैन्युअल वर्क्स के लिए ह्यूमन पावर की अत्यदिक आव्यशकता थी परन्तु कम्प्यूटर्स के आविष्कार ने इस परिदृश्य को बहुत हद तक परिवर्तित किया. एक समय था जब यातायात हो यह कृषि पर विज्ञानं के छेत्र में हमारी प्रगति ने इस परिदृश्य को बहुत हद तक बदल कर रख दिया.
आज, हर कोई एआई के फायदे और नुकसान का पता लगाने की कोशिश कर रहा है और परिवर्तन को अपनाने वाली कंपनियों और संस्थानों को बदनाम कर रहा है, लेकिन वास्तव में इस भविष्य में तकनीक के विकासशील महत्व को समझने की आवश्यकता है।
हर दस सालों में आम तौर कुछ न कुछ ऐसे तकनीक का अविष्कार हुआ है जिसने हमारा कार्य आसान किया है जैसे कि कंप्यूटर, इण्टरनेंट इत्यादि.
अगर मैं गलत नहीं हूं तो वही हुआ जब कुछ साल पहले सोशल मीडिया क्रांति शुरू हुई. भले ही यह मानव जाति के लिए अच्छा था, परन्तु तब लोग इसमें भी सही या गलत का हिसाब लगाने से नहीं चूक रहे थे ,और औरAI की कहानी इससे अलग नहीं प्रतीत हो रही है.
हम वर्तमान पीढ़ी के रूप में देख चुके हैं कि कैसे लोगों ने अपने व्यवसाय के लिए एक बाजार बनाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करना शुरू किया, और कई लोगों ने सोशल मीडिया से अपना जीवन यापन करना शुरू कर दिया।
यह बताता है कि शुरू में, एक नई तकनीक के प्रभावों के बारे में डरना ठीक है, लेकिन यह हर व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह इसे उत्पादक तरीके से उपयोग करे। एआई अभी लोगों से नौकरियां छीनता प्रतीत हो सकता है, लेकिन निकट भविष्य में, यह दुनिया की तुलना में बहुत अधिक नौकरियां पैदा करेगा। यही मानव वाभिश्य के लिए वह गौरव है जो सही से उपयोग में लाया जाए तोमानव जाति को हमेशा नई दिशा में ले जाएगा.
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