अब कैंसिल होगा रेसिस्ट दक्षिण कोरिया

प्रसिद्ध यूट्यूबर निकिता ठाकुर ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने दक्षिण कोरिया में हो रहे नस्लवाद के बारे में बताया है, जिसने लोगों को चौंका कर रख दिया है। दरअसल इस विडियो में निकिता ने बताया है कि दक्षिण कोरिया में अनेक विदेशियों, खासकर भारतीय हिंदुओं और मुसलमानों को नस्लवाद का सामना करना पड़ता है। उनके द्वारा किए गए सर्वे के रिपोर्टों से पता चलता है कि दक्षिण कोरिया में रह रहे 10 में से 7 लोग किसी न किसी प्रकार से नस्लवाद का शिकार हुए है।

वीडियो में निकिता बताती हैं कि कैसे भारतीयों को रेस्तरां और शॉपिंग सेंटर में प्रतिबंधित किया जाता है। वहाँ स्पष्ट बैनर लगाया जाता हैं जिन पर लिखा होता है “भारतीयों का प्रवेश वर्जित है”या “भारतीय प्रवेश ना करें”। उनके साथ अक्सर अछूतों और बहिष्कृतों जैसा व्यवहार किया जाता है।

दक्षिण कोरिया में भारतीयों के साथ भेदभाव इस हद तक फैला हुआ है कि वहां के स्टोर्स में अगर कोई भारतीय सामान देख रहा होता है तो उस स्टोर का कोई स्टाफ तुरंत आता हैं और तुरंत उस सामान को साफ करते हैं जिन्हें भारतीय छूते हैं।

भारतीय दक्षिण कोरियाई celebrities को मानते हैं, और देश को भी एक आदर्श देश समझते हैं, लेकिन उनके मन में हमारे लिए बहुत नफरत है। भारत, के-पॉप और कोरियाई फिल्मों को सबसे ज्यादा देखने वाले देशों में से एक है। उनके संगीत और शो ने यहां के युवाओं को काफी प्रभावित किया है क्योंकि भारतीय प्रशंसक ऑनलाइन फ़ैंडम और स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। युवाजन BTS और EXO जैसे समूहों के बड़े प्रशंसक हैं।

दक्षिण कोरियाई समाज में क्षमता से ज्यादा शक्ल मायने रखती है। यहाँ लुक सर्वोच्च है। वहां न केवल निजी संगठन बल्कि सार्वजनिक संगठन भी लुक के आधार पर लोगों को नौकरियों पर रखते हैं।

ऐसा नहीं है कि दक्षिण कोरिया की सरकार ने नस्लवाद को रोकने की कोशिश नहीं की है। वहां सरकार 2016 में भेदभाव विरोधी विधेयक लेकर आई, लेकिन बड़े व्यवसायों और कर्मचारी संघों ने इसका विरोध किया और अंततः इसे अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि था।

भारत और दक्षिण कोरिया के मध्य प्रगाढ़ व्यापार संबंध हैं, भारत और दक्षिण कोरिया के बीच व्यापार संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि भी देखी गई है। भारत और कोरिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2021 में 40% बढ़कर 23.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो दोनों देशों के बीच अब तक का सबसे उच्चतम द्विपक्षीय व्यापार आंकड़ा है।

2020 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार मूल्य 16.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। 2022 की पहली छमाही में भारत-कोरिया द्विपक्षीय व्यापार 17.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो पहली छमाही में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।

दक्षिण कोरिया गणराज्य भारत में 13वां सबसे बड़ा एफडीआई निवेशक है। ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्राइम मूवर्स, मशीन टूल्स, अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर ऐसे शीर्ष क्षेत्र हैं जिन्होंने निवेश आकर्षित किया है।

दक्षिण कोरिया के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक 50 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। अब आप समझ ही सकते हैं कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे एक साथ जुड़ी हैं।

बात अगर दक्षिण कोरिया की कंपनियों की करें तो ऐसी कई कम्पनियां हैं जो भारतीय बाजार में उन्नत प्रदर्शन कर रही हैं। सैमसंग, भारत में सबसे अधिक लोकप्रिय स्मार्टफोन ब्रांड है. काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, 2023 की तीसरी तिमाही में सैमसंग की भारतीय स्मार्टफ़ोन बाजार में 17.2% हिस्सेदारी है। अर्थात एक क्वार्टर में लगभग 7.9 मिलियन यूनिट्स की बिक्री।

इसी के साथ सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा QLED टीवी और स्मार्ट होम उपकरण भी माना जाता हैं।

LG वर्तमान में भारत में दूसरी सबसे बड़ी उपकरण निर्माता कंपनी है। इसकी बाजार हिस्सेदारी लगभग 5-7% है, जो इसे एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती है। पिछले वित्तीय वर्ष में एलजी का राजस्व लगभग 20,000 करोड़ रुपये (US$2.7 बिलियन) था।

बात ऑटोमोबाइल क्षेत्र की करें तो हुंडई मोटर्स ऑटोमोबाइल क्षेत्र में एक बड़ा खिलाड़ी है। भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में इसकी 14.51% की विशाल हिस्सेदारी है। पिछले वर्ष कंपनी ने भारत से $5.64 बिलियन का राजस्व दर्ज किया, और भारत में 5,25,000 इकाइयाँ बेचीं।

ऑटोमोटिव क्षेत्र की उभरती हुई कंपनी किआ मोटर्स ने हाल ही में भारत में अपना काम शुरू किया है और कुछ ही वर्षों में कंपनी ने 6.67% की अविश्वसनीय बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है।

भारत में सैमसंग, एलजी, हुंडई, और किया जैसे बड़े उद्यमों के अलावा, कई और दक्षिण कोरियाई कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार कर रही हैं और जिनका भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान भी है।

भारत ने दक्षिण कोरिया को वैश्विक पटल पर समर्थन दिया तथा उनकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभायी।

यदि भारत दक्षिण कोरिया का उसी तरह बहिष्कार करने का फैसला करता है जिस तरह वे अपने देश में हमारा बहिष्कार कर रहे हैं, तो इसका दक्षिण कोरिया औंधे मुंह नीचे गिरेगा। यदि भारत दक्षिण कोरियाई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दे, तो उन कंपनियों की हालत पस्त हो जायेंगी और कुछ तो शायद बचे ही ना।

जब चीन हमारे सीमा का अतिक्रमण कर रहा था तब भारत ने यह कदम उठाया था। भारत ने रातो रात टिकटोक, पबजी इत्यादि कई एप्स, और हुवावे और ZTE जैसी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा था। चीन को साठ बिलियन डॉलर का चूना लगा और उसके लिए भारत का मार्केट बंद हो गया। आज भी लोग मेड इन चाइना प्रोडक्ट्स को घृणा की दृष्टि से देखते हैं। जो चीन दीवाली में करोड़ो की लडियां बेच देता था आज उसकी दूकान बंद है।

दक्षिण कोरिया को समझना होगा कि हम केवल एक शक्तिशाली अर्थव्यवस्था नहीं बल्कि सबसे बड़ा खुला मार्केट भी हैं। भारत के बिना दक्षिण कोरिया वेंटीलेटर पर आ जाएगा। हम तो वसुधैव कुटुम्बकम कह सबको गले लगाते हैं, तुम्हें घिन आती है तो जाके मेंढक का सूप पी लो, शायद थोडा अच्छा फील हो जाए।

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