IPL 2024 22 मार्च 2024 से शुरू हो गया है। दुनिया के सबसे लोकप्रिय T-20 लीग टूर्नामेंट शुरू होने से पहले सरकार ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंशर्स को किसी भी तरह के जुए और सट्टेबाजी वाले ऑनलाइन गेम का प्रचार नहीं करने की हिदायत दी है। आइए, जानते हैं भारत में ऑनलाइन गेमिंग के नए नियमों के बारे में।
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंशर्स के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें किसी भी तरह के बैटिंग यानी जुए और गैम्बलिंग वाले गेम्स का प्रचार नहीं करने के लिए कहा गया है। सरकार ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि इस तरह सट्टेबाजी और जुए वाले गेम का प्रचार करने से युवाओं पर समाजिक और वित्तीय दुष्प्रभाव हो सकता है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंशर्स और सेलिब्रिटीज को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर, वो जुए और सट्टेबाजी वाले गेम्स का प्रचार करते हुए पाए गए तो उनपर कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऐक्ट 2019 के तहत कार्रवाई की जाएगी। उनके सोशल मीडिया अकाउंट को बैन करने के साथ-साथ उनको जेल की भी सजा हो सकती है।
भारत में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर पिछले साल सरकार ने कुछ नियम जारी किए थे, जिनमें जुए और सट्टेबाजी पर बैन लगाया गया था। ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े नार्म्स को नए आईटी ऐक्ट 2021 (IT Act 2021) के साथ जोड़ा गया है।
सरकार ने पिछले साल ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को रेगुलेट करने के लिए नार्म्स जारी किए थे, जिसमें ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान किसी तरह के रीयल मनी का इस्तेमाल जुए और सट्टेबाजी में नहीं करने के लिए कहा था। जानते हैं भारत में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर क्या नियम बनाए गए हैं?
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ऑनलाइन गेमिंग के नए नियम
केन्द्र सरकार ने पिछले साल अप्रैल 2023 में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर नए नियमों की घोषणा की थी, जिसका मकसद किसी भी ऑनलाइन गेम में बैटिंग और जुए को बढ़ावा देने से रोकना था। सरकार ने ऑनलाइन गेम के दौरान सट्टेबाजी और जुए को रोकने के लिए सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशन (SRO) का फ्रेमवर्क तैयार किया था।
केन्द्रीय आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हम ऐसे फ्रेमवर्क पर काम कर रहे हैं, जो ऑनलाइन गेम को अनुमति देने या फिर न देने के लिए काम करेगा। ऐसे में कई SRO बनाए जा सकते हैं।
- भारत में उन ऑनलाइन गेम्स को खेले जाने की अनुमति है, जिनमें किसी तरह का जुआ या सट्टेबाजी शामिल नहीं है।
- भारत में उन ऑनलाइन गेम को खेला जा सकता है, जिसका कॉन्टेंट बच्चों में किसी भी तरह की लत को बढ़ावा नहीं देता है और गेम खेलने वालों को नुकसान नहीं पहुंचाता है।
- ऑनलाइन गेम को SRO द्वारा रेगुलेट किया जाएगा, जिसमें इंडस्ट्री, गेमर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स शामिल होंगे। इसे सरकार द्वारा रेगुलेट नहीं किया जाएगा।
- नए नियमों के मुताबिक, SRO को यूजर्स की सुरक्षा और गेमिंग की लत को लेकर ऑनलाइन गेम की वेबसाइट पर वित्तीय जोखिम और फ्रॉड की चेतावनी प्रकाशित करना होगा।
- किस गेम पर कितना पैसा खर्च किया जाएगा इसके लिए यूजर द्वारा एक लिमिट सेट किया जाएगा। इस रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में पैसा खर्च करने लिमिट तक पहुंचने से पहले यूजर को लगातार अंतराल पर चेतावनी वाले मैसेज भेजे जाने का प्रावधान है।
- जिस ऑनलाइन गेम में रीयल मनी का इस्तेमाल होगा उसमें KYC (नो योर कस्टमर) नार्म्स को भी फॉलो करना होगा। यानी यूजर या गेमर को KYC वेरिफिकेशन करवाना अनिवार्य होगा।
SRO में कौन हो सकते हैं शामिल?
ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने वाले SRO में एक शिक्षाविद, एक साइकोलॉजी या मेंटल हेल्थ क्षेत्र का एक्सपर्ट और एक सदस्य चाइल्ड राइट्स प्रोटेक्शन ऑर्गेनाइजेशन से होना चाहिए।
नए ऑनलाइन गेमिंग नियमों के मुताबिक, SRO यानी सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशन यह निर्धारित करेगा कि किसी भी ऑनलाइन गेम में रीयल मनी का इस्तेमाल तब तक किया जा सकता है, जब तक कि वो जुए या फिर सट्टेबाजी के लिए यूज न हो रहा हो। अगर, कोई SRO नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो उसे डिनोटिफाई कर दिया जाएगा।
2022 में भी दो बार जारी हुई थी एडवाइजरी
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2022 में न्यूज वेबसाइट्स, OTT प्लेटफॉर्म और प्राइवेट सैटेलाइट चैनलों को बेटिंग वेबसाइट्स या ऐप के विज्ञापन प्लेटफॉर्म पर न चलाने का निर्देश दिया था। वहीं, जून 2022 में केंद्र ने बच्चों को निशाना बनाने वाले भ्रामक विज्ञापनों को नियंत्रित करने के लिए भी गाइडलाइन जारी की थी।
विज्ञापन करने वाले फिल्म एक्टर्स की भी जवाबदेही तय करने की बात कही थी। सरोगेट विज्ञापनों पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। बिना सत्यता साबित किए विज्ञापन करना बैन कर दिया गया। इसका मकसद भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाना है।
बेटिंग प्लेटफॉर्म ने बना ली न्यूज वेबसाइट्स
मिनिस्ट्री ने अक्टूबर 2022 में कहा था कि कई न्यूज वेबसाइट तो बेटिंग प्लेटफॉर्म मालिकों द्वारा ही ऑपरेट की जा रही हैं। इन न्यूज वेबसाइट्स के लोगो कुछ हद तक बेटिंग प्लेटफॉर्म की तरह ही दिखते हैं। बेटिंग प्लेटफॉर्म इन न्यूज वेबसाइट को प्रोडक्ट के रूप में इस्तेमाल कर अपना प्रचार कर रहे हैं।
चेकिंग करने पर पता चला कि इस तरह की बेटिंग और न्यूज वेबसाइट किसी भी लीगल अथॉरिटी में रजिस्टर्ड नहीं है। इससे साफ है कि बेटिंग प्लेटफॉर्म न्यूज वेबसाइट की आड़ में अवैध प्रचार कर रहे हैं।