भारत को ना, चीन को हां! क्या है एलन मस्क के चीन दौरे के मायने?

एक हफ्ते पहले अपनी भारत यात्रा को ना कहने के बाद एलन मस्क आचानक से चीन पहुंच गए और उन्होंने चाइनीज सरकार के आगे घुटने टेक दिए।

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भारत को ना, चीन को हां! जी हां, दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन में से एक और टेस्ला के मालिक एलन मस्क के साथ यह कहावत सटीक बैठती है। लंबे समय से चर्चा चल रही थी कि एलन मस्क भारत आने वाले हैं, लेकिन बीते हफ्ते खबर आई कि मस्क भारत नहीं आएंगे। एक हफ्ते भी नहीं हुए कि टेस्ला के मालिक बीते रविवार को अचानक से चीन पहुंच गए और उन्होंने चाइनीज सरकार के आगे घुटने टेक दिए।

दरअसल, एलन मस्क की बीजिंग यात्रा के पीछे एक लंबी कहानी है। अपनी औचक यात्रा के दौरान रविवार को अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने चीन में टेस्ला वाहनों को कुछ संवदेनशील जगहों पर ले जाने पर लगे प्रतिबंधों को हटाने पर चर्चा करने के लिए चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग एवं अन्य अधिकारियों से मुलाकात की। 

हाल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में टेस्ला कार चालक सरकार से संबंधित बिल्डिंग्स में एंट्री पर बैन लगाने की समस्या से जूझ रहे हैं, क्योंकि अमेरिका के साथ सुरक्षा चिंताएं बढ़ रही हैं। संवदेनशील और रणनीतिक डेटा के सामने आ जाने के डर से इन कारों पर ऐसी जगहों पर प्रतिबंध है।

चीन में टेस्ला कारों पर बैन लग रहे हैं

निक्की एशिया द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में बड़ी संख्या में ऑडिटोरियम और एग्जीबिशन सेंटर टेस्ला वाहनों को अपने यहां नहीं आने दे रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले इन वाहनों पर प्रतिबंध आम तौर पर सैन्य अड्डों तक सीमित था, लेकिन अब राजमार्ग संचालक, स्थानीय प्राधिकरण एजेंसी, सांस्कृतिक केंद्र भी इन वहानों पर कथित रूप से प्रतिबंध लगाते जा रहे हैं।

सरकारी दैनिक ‘चाइना डेली’ के अनुसार मस्क ‘चाइना काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ इंटरनैशनल ट्रेड ऑटोमोबाइल’ कंपनी के आमंत्रण पर पर रविवार को बीजिंग पहुंचे। टेस्ला सभी पाबंदियों को हटाने को लेकर चीनी अधिकारियों से बातचीत कर रही है।

चीन ने मस्क को क्या कहा?

एलन मस्क ने चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की और अपनी वाहन कंपनी टेस्ला के लिए भविष्य की विस्तार योजनाओं पर चर्चा की। ली ने मस्क से कहा कि चीन का विशाल बाजार विदेशी वित्तपोषित उद्यमों के लिए हमेशा खुला रहेगा। 

उन्होंने कहा कि चीन विदेशी वित्तपोषित उद्यमों को बेहतर कारोबारी माहौल और मजबूत समर्थन प्रदान करने के लिए बाजार पहुंच का विस्तार करने और सेवाओं में सुधार करने पर कड़ी मेहनत करेगा, ताकि सभी देशों की कंपनियां शांत मन से चीन में निवेश कर सकें। चीन के प्रधानमंत्री ने कहा कि उम्मीद है कि अमेरिका और चीन बीच में मिलेंगे और दोनों राष्ट्राध्यक्षों के रणनीतिक मार्गदर्शन में द्विपक्षीय संबंधों के स्थिर विकास को बढ़ावा देंगे।

भारत आने से कर दिया था इनकार

आधिकारिक मीडिया के अनुसार, एलन मस्क ने कहा कि टेस्ला की शंघाई गीगाफैक्ट्री कंपनी का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला कारखाना है। उन्होंने हर हालत में और ज्यादा मुनाफा प्राप्त करने के लिए चीन के साथ सहयोग को गहरा करने की इच्छा जताई। 

इन सबके बीच आपको बता दें कि एलन मस्क ने हाल ही में भारत की प्रस्तावित यात्रा टाल दी थी। भारत में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर देश में टेस्ला का कारखाना शुरू करने की योजनाओं पर बात करने वाले थे।

चीनी कंपनियों से टेस्ला को खतरा

एलन मस्क बीजिंग का दौरा तब कर रहे हैं, जब चीन में उनके टेस्ला बाजार को स्थानीय ईवी वाहनों की बढ़ती बिक्री से खतरा है। अमेरिकी कंपनी टेस्ला को पिछले कुछ वर्षों में चीनी ईवी निर्माताओं से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा है। कंपनी ने चीन के प्रीमियम ईवी खंड में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखने के लिए अपने शंघाई में बने वाहनों की कीमतों में 6 फीसदी तक की कटौती की है।

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