भारत में सभी लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप मंगलवार 21 मई को इंट्राडे ट्रेड में 5 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गया। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है। इस उपलब्धि के साथ ही भारत यह मील का पत्थर हासिल करने वाला दुनिया का पांचवां शेयर बाजार बन गया। अब तक केवल अमेरिका, चीन, जापान और हॉन्ग कांन्ग ही इस मुकाम पर पहुंचे हैं।
मंगलवार 21 मई को बाजार बंद होने पर बीएसई का मार्केट कैप 414.6 लाख करोड़ रुपये था, जो 4.97 ट्रिलियन डॉलर के बराबर है। अगर हम केवल एनएसई पर लिस्टेड कुछ बड़ी कंपनियों के मार्केट कैप को ध्यान में रखें तो भारत का कुल मार्केट कैप 415.2 लाख करोड़ रुपये या 4.98 ट्रिलियन डॉलर होगा।
6 महीनें में 5 ट्रिलियन डॉलर पहुंचा भारत का मार्केट कैप
भारत का मार्केट कैप 29 नवंबर, 2023 को चार ट्रिलियन डॉलर पहुंचा था और इसे पांच ट्रिलियन डॉलर पहुंचने में केवल छह महीने का समय लगा। भारत का मार्केट कैप मार्च 2007 में पहली बार एक ट्रिलियन डॉलर पहुंचा था। इसके बाद दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में इसे 10 साल लग गए। मई 2021 में यह तीन ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचा। इस तरह मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत के मार्केट कैप में तेजी से इजाफा हुआ है।
पांच ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप तक पहुंचना एक बड़ी उपलब्धि
वहीं, अमेरिका 55.7 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है। इसके बाद चीन (9.4 ट्रिलियन डॉलर), जापान (6.4 ट्रिलियन डॉलर) और हॉन्ग कॉन्ग (5.5 अरब डॉलर) का नंबर है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि पांच ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप तक पहुंचना एक बड़ी उपलब्धि है। यह भारतीय शेयर बाजार की निरंतर गति को दर्शाता है।
विजयकुमार ने कहा, ‘यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह मील का पत्थर तब हासिल किया गया जब बाजार सीमित दायरे में था, जिसका अर्थ है कि बाजार पूंजीकरण में दिन के उछाल में योगदान व्यापक बाजार से आया। इस उपलब्धि में पीएसयू ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।’
भारत ने यह उपलब्धि ऐसे समय हासिल की है जब बाजारों में अत्यधिक अस्थिरता देखी जा रही है। बाजार में अस्थिरता की थाह देने वाला इंडेक्स इंडिया VIX 17 महीने के उच्चतम स्तर पर है। विदेशी फंड जबरदस्त बिकवाली कर रहे हैं जबकि घरेलू फंड खरीदारी कर रहे हैं। वे न केवल बाजार को सहारा दे रहे हैं बल्कि इसे तेजी से आगे बढ़ाने में भी मदद कर रहे हैं।
कौन है सबसे वैल्यूएबल कंपनी
मंगलवार 21 मई को सेंसेक्स 53 अंक की गिरावट के साथ 73,953 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 27 अंक की बढ़त के साथ 22,529 अंक पर बंद हुआ। सत्र के दौरान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1,875 करोड़ रुपये के बिकवाली की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 3,549 करोड़ रुपये की खरीदारी की।
बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज 19.4 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है। इसके बाद टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी टीसीएस (13.8 लाख करोड़ रुपये), एचडीएफसी बैंक (11.1 लाख करोड़ रुपये), आईसीआईसीआई बैंक (7.9 लाख करोड़ रुपये) और भारती एयरटेल (7.6 लाख करोड़ रुपये) का स्थान है।
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