हिंदुओं को 15 मिनट की धमकी देने वाले 15 सेकेंड के बयान से खबराए।

हैदराबाद में BJP प्रत्याशी माधवी लता के समर्थन आई नवनीत राणा ने हिंदुओं को ’15 मिनट’ की धमकी दिए जाने का ऐसा जवाब दिया कि AIMIM बौखला उठी।

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हैदराबाद की BJP प्रत्याशी माधवी लता के समर्थन में 8 मई 2024 को महाराष्ट्र के अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हिंदुओं को ’15 मिनट’ की धमकी दिए जाने का ऐसा जवाब दिया कि AIMIM बौखला उठी। जिस पार्टी के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने कभी कहा था कि ’15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो’, उस पार्टी के नेता अब नैतिकता की बात करने लग गए हैं।

हिंदुओं को 15 मिनट की धमकी देने वाले 15 सेकेंड के बयान से खबराए

नवनीत राणा ने कहा, “एक छोटा भाई है, एक बड़ा भाई है, छोटा (अकबरुद्दीन ओवैसी) बोलता है कि पुलिस को 15 मिनट हटा दो तो हम दिखाएंगे की क्या कर सकता है। छोटे को मेरा कहना है कि तेरे को 15 मिनट लगेंगे और हमको सिर्फ 15 सेकेंड लगेंगे। 15 सेकेंड पुलिस को हटाया तो छोटे और बड़े (असदुद्दीन ओवैसी) को पता नहीं लगेगा कि कहां से आया और कहां से गया। सिर्फ 15 सेकेंड लगेंगे।”

नवनीत राणा के बयान से AIMIM के नेता हुए आहत

राणा के इस बयान की वीडियो क्लिप जगह-जगह वायरल है। AIMIM के लोग इस बयान से काफी आहत कहे जा रहे हैं। वह इस बयान को लेकर राणा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस मामले में पार्टी प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा राणा का यह बयान आयोग के नियमों का उल्लंघन करता है क्योंकि इससे दो समुदायों के बीच तनाव हो सकता है।

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, अगर नवनीत जैसा भाषण वारिस पठान देते तो वो जेल की सलाखों के पीछे होते। अकबरुद्दीन ओवैसी ने 15 मिनट पुलिस हटा दो वाले बयान के बाद खुद सरेंडर किया था। वो 40-42 दिन जेल में रहे थे। 

दस साल उन्होंने अदालत में लड़ाई लड़ी और बरी हुए। चुनाव आयोग नवनीत राणा पर कब कार्रवाई करेगी और कब उन्हें जेल भेजेगी। आए दिन मुसलमानों के विरोध में बयान दिए जाते हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।

2013 में अकबरुद्दीन ने कहा था- 100 करोड़ हिंदुओं को खत्म कर देंगे

साल 13 में अकबरुद्दीन ओवैसी ने ’15 मिनट हटा लो पुलिस को’ वाला विवादित बयान दिया था। अपने भड़काऊ बयान में उन्होंने कहा था, “अगर 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दी जाए तो हम (मुसलमान) 100 करोड़ (हिंदुओं) को खत्म कर देंगे।” 

इस भड़काऊ बयान को सुनने के बाद उनपर आईपीसी की धारा 120 बी और 153ए व अन्य धाराओं के तहत लंबा केस चला था। 2022 में उन्हें इस मामले में जाकर बरी किया गया था। बाद में उन्होंने जेल से निकलकर अपने ऊपर भड़काऊ बयानबाजी करने वाले आरोपों को खारिज करने की कोशिश की थी।

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