क्या है “Quiet Vacationing”? जिसका WFH में लाभ उठा रहे कर्मचारी।

शांत छुट्टियां एक ऐसा तरीका है जहां कर्मचारी बिना किसी आधिकारिक सूचना के, अपने काम के समय बीना अपने बॉस को बताए छुट्टी लेते हैं।

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आधुनिक कार्यस्थल में नौकरी और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। परंपरागत रूप से, कर्मचारी अपने मैनेजर को सूचित कर छुट्टियों पर जाते थे, कुछ दिनों के आराम के बाद वे नए जोश के साथ काम पर लौटते थे। लेकिन हाल के वर्षों में, इस प्रक्रिया में बदलाव देखा जा रहा है। अब कर्मचारियों के बीच एक नया ट्रेंड उभर रहा है जिसे “Quiet Vacationing” या “शांत छुट्टियां” कहा जा रहा है।

क्या है शांत छुट्टियों का ट्रेंड?

शांत छुट्टियां एक ऐसा तरीका है जहां कर्मचारी बिना किसी आधिकारिक सूचना के, अपने काम के समय के दौरान छुट्टी लेते हैं। यह ट्रेंड विशेष रूप से वर्क फ्रॉम होम करने वाले प्राइवेट जॉब के कर्मचारियों के बीच बढ़ रहा है। इस ट्रेंड के माध्यम से, कर्मचारी अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए बिना किसी औपचारिकता के अपने लिए समय निकालते हैं।

ट्रेंड के पीछे का कारण

अमेरिकन मार्केटिंग और रिसर्च कंपनी हैरिस पोल के एक सर्वे के अनुसार, अमेरिका में लगभग 78 प्रतिशत कर्मचारी, मुख्य रूप से मिलेनियल्स और Gen Z, अपने पूरे पेड टाइम ऑफ का उपयोग नहीं करते हैं। सर्वे में पाया गया कि अधिकांश कर्मचारी अपने बॉस से छुट्टी का अनुरोध नहीं करते ताकि उन्हें आलसी न समझा जाए। इसके अलावा, छुट्टी लेने के बाद डेडलाइन और प्रोडक्टिविटी के दबाव से बचने के लिए भी लोग ऐसा करते हैं।

शांत छुट्टियों का तरीका

शांत छुट्टियों के लिए कर्मचारी कई अनोखे तरीकों का उपयोग करते हैं। कुछ कर्मचारी ऐसा भ्रम पैदा करते हैं कि वे काम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, वे काम के घंटों के भीतर ईमेल को शेड्यूल कर देते हैं ताकि यह लगे कि वे सक्रिय हैं। कभी-कभी वे काम के घंटों के बाद भी ऐसा करते हैं ताकि यह लगे कि वे ओवरटाइम कर रहे हैं। कुछ कर्मचारी अपने कंप्यूटर माउस को समय-समय पर हिलाते रहते हैं ताकि कंपनी के मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर उनकी उपस्थिति दर्ज होती रहे, जबकि वे वास्तव में काम नहीं कर रहे होते हैं।

पर्दे के पीछे का खेल

इस ट्रेंड के पीछे एक बड़ा वर्कअराउंड कल्चर चल रहा है। कर्मचारियों ने खुद ही एक अच्छे वर्क-लाइफ बैलेंस को पाने के लिए उपाय खोज लिए हैं। यह ट्रेंड कुछ साल पहले शुरू हुए “Quiet Quitting” से अलग है। Quiet Quitting में कर्मचारी न्यूनतम कार्य करते हैं ताकि वे अपने निजी जीवन में अधिक समय बिता सकें, जबकि Quiet Vacationing में वे सक्रिय रूप से अपनी छुट्टियों का आनंद लेते हैं बिना बॉस को सूचित किए।

शांत छुट्टियों के दुष्परिणाम

हालांकि शांत छुट्टियां (Quiet Vacationing) कर्मचारियों के लिए अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक तरीका हो सकती हैं, लेकिन इसके कुछ संभावित दुष्परिणाम भी हैं जो कर्मचारियों और संगठनों दोनों के लिए चिंताजनक हो सकते हैं। आइए कुछ प्रमुख दुष्परिणामों पर विचार करें:

1. उत्पादकता में गिरावट

शांत छुट्टियां लेने से कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जब कर्मचारी नियमित रूप से बिना सूचित किए काम से गायब रहते हैं, तो उनके जिम्मेदारियों और कार्यों का समय पर पूरा होना कठिन हो सकता है। इससे परियोजनाओं में देरी और टीम के अन्य सदस्यों पर अतिरिक्त कार्यभार बढ़ सकता है।

2. विश्वास की कमी

जब कर्मचारी बिना सूचना दिए छुट्टियां लेते हैं, तो इससे प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच विश्वास की कमी हो सकती है। संगठन को लग सकता है कि कर्मचारी ईमानदारी से काम नहीं कर रहे हैं, जिससे संगठन में अविश्वास और तनाव का माहौल बन सकता है। इससे कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच संबंध बिगड़ सकते हैं।

3. टीम डाइनेमिक्स पर प्रभाव

शांत छुट्टियां लेने वाले कर्मचारी टीम के अन्य सदस्यों के लिए समस्याएं खड़ी कर सकते हैं। जब एक कर्मचारी अनुपस्थित होता है और उसका काम पूरा नहीं होता, तो उसकी जिम्मेदारियां अन्य टीम सदस्यों को निभानी पड़ती हैं। इससे टीम के अंदर तनाव और असंतोष बढ़ सकता है, जो टीम वर्क को प्रभावित कर सकता है।

4. कैरियर ग्रोथ पर असर

जो कर्मचारी नियमित रूप से बिना सूचना के शांत छुट्टियां लेते हैं, उन्हें दीर्घकालिक रूप से उनके कैरियर पर नकारात्मक प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है। प्रबंधन उन्हें अनियमित और अविश्वसनीय मान सकता है, जिससे उनके प्रमोशन और अन्य विकास के अवसरों पर असर पड़ सकता है।

5. कंपनी की नीतियों का दुरुपयोग

शांत छुट्टियों का ट्रेंड अगर बढ़ता है, तो कंपनी की नीतियों का दुरुपयोग होने की संभावना भी बढ़ सकती है। इससे कंपनी के लिए नई और सख्त नीतियाँ बनाने की आवश्यकता हो सकती है, जो अन्य कर्मचारियों के लिए भी बाधक हो सकती हैं।

6. नैतिकता और कार्य संस्कृति पर प्रभाव

शांत छुट्टियां कार्यस्थल की नैतिकता और संस्कृति को भी प्रभावित कर सकती हैं। जब कर्मचारी बिना सूचना दिए अनुपस्थित रहते हैं, तो यह अन्य कर्मचारियों के लिए गलत उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है। इससे कार्य संस्कृति में अनिश्चितता और अव्यवस्था बढ़ सकती है।

7. ग्राहक संतुष्टि पर प्रभाव

कई उद्योगों में, ग्राहक संतुष्टि बहुत महत्वपूर्ण होती है। जब कर्मचारी बिना सूचना के अनुपस्थित रहते हैं, तो ग्राहकों को समय पर सेवा नहीं मिल पाती है। इससे ग्राहक संतुष्टि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है।

8. मानसिक तनाव

शांत छुट्टियां लेते समय, कर्मचारियों को लगातार इस बात की चिंता बनी रहती है कि कहीं उनके बॉस को पता न चल जाए। इससे छुट्टियों के दौरान भी मानसिक तनाव बना रहता है, जिससे वे पूरी तरह से आराम नहीं कर पाते। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है।

निष्कर्ष

शांत छुट्टियों का ट्रेंड कर्मचारियों को तुरंत राहत और आराम तो प्रदान कर सकता है, लेकिन इसके दीर्घकालिक दुष्परिणाम भी गंभीर हो सकते हैं। इससे न केवल संगठन की उत्पादकता और कार्य संस्कृति प्रभावित होती है, बल्कि कर्मचारी स्वयं भी अपने कैरियर और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जोखिम में पड़ सकते हैं। संगठनों को चाहिए कि वे कर्मचारियों के लिए संतुलित और पारदर्शी छुट्टी नीतियाँ बनाएं, ताकि कर्मचारी बिना किसी डर के आवश्यक समय निकाल सकें और उनकी कार्यक्षमता और संतुष्टि दोनों बनी रहें।

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