हाल ही में संपन्न हुए ओडिशा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रचंड जीत हासिल की है। पांच बार के मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक की सत्ता को भाजपा ने पलट कर 78 सीटें जीतकर बहुमत प्राप्त किया है।
भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के अनुसार, 147 विधानसभा सीटों में से 78 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा ने सत्ता में वापसी की है। 2000 से ओडिशा की सत्ता पर काबिज बीजू जनता दल (बीजेडी) को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ और वह सिर्फ 51 सीटों पर सिमट गई, जबकि कांग्रेस ने 14 सीटें जीतीं। 2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेडी ने 113 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को केवल 23 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि भाजपा ओडिशा का अगला मुख्यमंत्री किसे बनाएगी। इस संदर्भ में चार प्रमुख नाम सामने आ रहे हैं: धर्मेंद्र प्रधान, अपराजिता सारंगी, संबित पात्रा, और मनमोहन सामल।
1. धर्मेंद्र प्रधान
धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा के संभावित मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। वे 2024 के लोकसभा चुनाव में संबलपुर से विजयी हुए हैं और वर्तमान में मोदी कैबिनेट में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।
धर्मेंद्र प्रधान का ओडिशा से गहरा नाता है और उनकी लोकप्रियता राज्य में व्यापक है। हालांकि, यह देखना होगा कि भाजपा धर्मेंद्र प्रधान को मुख्यमंत्री बनाकर अपना एक और सांसद कम करना चाहेगी या नहीं, क्योंकि पार्टी को लोकसभा में पूर्ण बहुमत नहीं मिला है और उसने केवल 240 सीटें जीती हैं।
2. अपराजिता सारंगी
अपराजिता सारंगी भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में प्रमुख नाम हैं। वे भुवनेश्वर से 2024 के लोकसभा चुनाव में विजयी हुई हैं और 1994 बैच की ओडिशा कैडर की पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। 2018 में उन्होंने नौकरी छोड़कर भाजपा का दामन थामा था और 2019 में भी भुवनेश्वर से सांसद बनी थीं।
अपराजिता सारंगी की प्रशासनिक दक्षता और राजनीतिक अनुभव उन्हें एक योग्य उम्मीदवार बनाता है, लेकिन अगर वे मुख्यमंत्री बनती हैं, तो भाजपा को एक और संसदीय सीट का नुकसान उठाना पड़ेगा।
3. संबित पात्रा
संबित पात्रा, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पुरी से 2024 के लोकसभा चुनाव में विजयी हुए हैं। वे ओडिशा के निवासी हैं और पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम करते रहे हैं। ओडिशा चुनाव के बाद, संबित पात्रा सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा चर्चा में रहे। उनके अनुभव और ओडिशा में उनकी सक्रियता उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए एक महत्वपूर्ण उम्मीदवार बनाती है।
4. मनमोहन सामल
मनमोहन सामल, भाजपा के ओडिशा इकाई प्रमुख हैं और पार्टी के लिए इस चुनाव में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। पार्टी उन्हें भी मुख्यमंत्री पद के लिए एक संभावित उम्मीदवार के रूप में देख रही है। इन चार उम्मीदवारों के अलावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा भाजपा सांसद जुएल ओराम और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा के नाम भी चर्चा में हैं।
क्या ओडिशा में बन सकते हैं दो उपमुख्यमंत्री?
ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा हाल ही में 211 पिछड़े वर्गों की सामाजिक और शैक्षणिक स्थितियों पर किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य की 46 फीसदी आबादी पिछड़े वर्गों की है। ऐसे में राजनीतिक समीकरण और सामाजिक संतुलन को देखते हुए, संभावना है कि ओडिशा में दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए जा सकते हैं।
निष्कर्ष
ओडिशा में भाजपा की प्रचंड जीत न केवल राजनीतिक समीकरणों को बदल रही है, बल्कि राज्य की राजनीति में नए चेहरे और नए समीकरण भी उभर रहे हैं। पार्टी किसे मुख्यमंत्री बनाएगी और क्या वह दो उपमुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लेगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
भाजपा की इस जीत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य की राजनीति में अब नए परिवर्तन देखने को मिलेंगे। इसके बावजूद, भाजपा के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वे इन चुनौतियों को कैसे संभालते हैं और अपने नेताओं को कैसे नियुक्त करते हैं।