इस चुनाव के सबसे बड़े विजेता रहे नीतीश कुमार।

नितीश कुमार की इस चुनाव में जीत ने यह साबित कर दिया है कि वे अब भी बिहार की राजनीति के सबसे बड़े खिलाड़ी हैं।

नीतीश कुमार, जदयू, एनडीए, भाजपा, लोकसभा चुनाव, चुनाव परिणाम

बिहार की राजनीति में नितीश कुमार का नाम एक प्रतिष्ठित और प्रभावशाली नेता के रूप में जाना जाता है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में नितीश कुमार ने एक बार फिर से खुद को एक प्रमुख खिलाड़ी साबित किया है। इस लेख में हम नितीश कुमार की जीत के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे और उनके दल बदल वाली राजनीति का भी विश्लेषण करेंगे।

वर्तमान चुनाव और नितीश कुमार और नीतीश कुमार की जीत के मायने

इन लोकसभा चुनाव में नितीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ा है। और बिहार में सबसे ज्यादा सीटे भी जीती है। अगर अब भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलती है, तो भाजपा को जदयू के साथ कई मुद्दों पर समझौता करना पड़ सकता है। जदयू अब महत्वपूर्ण मंत्रालयों और नीतिगत निर्णयों में अपनी हिस्सेदारी चाहेगी। ऐसा नहीं करने पर नीतीश कुमार अपनी वहीं दल-बदल वाले फार्मूला अपनाते हुए विपक्ष के साथ गठबंधन कर सकते हैं। जो भाजपा फिलहाल बिल्कुल नहीं चाहेगी।

दल बदल वाली राजनीति

नितीश कुमार की राजनीति में दल बदल का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। उन्होंने कई बार विभिन्न पार्टियों के साथ गठबंधन किया और तोड़ा है। 2013 में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया। इसके बाद 2017 में, उन्होंने महागठबंधन से अलग होकर फिर से बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया। इस दल बदल वाली राजनीति ने उन्हें एक अवसरवादी नेता के रूप में भी प्रस्तुत किया है।

आलोचनाएं और चुनौतियां

हालांकि नितीश कुमार की राजनीति और शासन की शैली की कई बार आलोचना भी हुई है। उन पर आरोप लगे हैं कि वे सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, चाहे इसके लिए उन्हें अपने सिद्धांतों से समझौता ही क्यों न करना पड़े। इसके अलावा, दल बदल वाली राजनीति ने उनके खिलाफ अविश्वास का माहौल भी पैदा किया है, जिससे उनकी छवि पर नकारात्मक असर पड़ा है।

निष्कर्ष

नितीश कुमार की इस चुनाव में जीत ने यह साबित कर दिया है कि वे अब भी बिहार की राजनीति के सबसे बड़े खिलाड़ी हैं। हालांकि, दल बदल वाली राजनीति ने उनके राजनीतिक करियर पर एक धब्बा भी लगाया है, जिसे वे पूरी तरह से मिटा नहीं सके हैं। लेकिन यह भी सत्य है कि नितीश कुमार की राजनीतिक यात्रा अब भी जारी है और आने वाले समय में वे और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

इस प्रकार, नितीश कुमार न केवल इस चुनाव के सबसे बड़े विजेता के रूप में उभरे हैं, बल्कि उनकी राजनीति ने यह भी दर्शाया है कि वे एक मंझे हुए राजनेता हैं जो समय के साथ बदलने और नई परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने की क्षमता रखते हैं।

और पढ़ें:- कितने भरोसेमंद हैं भाजपा के सहयोगी दल?

Exit mobile version