उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 16 मंत्रियों की एक टीम गठित की गई है, जो इन उपचुनावों की रणनीति और कार्यान्वयन का नेतृत्व करेगी।
इन उपचुनावों में 10 विधानसभा सीटें शामिल हैं, जिनमें से पाँच सीटें समाजवादी पार्टी (सपा) के पास थीं, तीन भाजपा के पास और एक-एक सीट भाजपा सहयोगी निषाद पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थीं।
भाजपा का लक्ष्य न केवल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की पांच सीटों को बरकरार रखना है, बल्कि शेष पाँच सीटों पर भी विजय प्राप्त करना है, जिससे हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में हुए नुकसान की भरपाई हो सके।
उपचुनावों की तैयारी
30 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें उपचुनावों की रणनीति पर चर्चा की गई। इस बैठक में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर को छोड़कर सभी मंत्री उपस्थित थे। बैठक के बाद, 16 मंत्रियों को जिम्मेदारियाँ सौंपी गईं, जिनमें भाजपा के सहयोगी दलों के मंत्री भी शामिल थे। इनमें से छह सीटों पर दो-दो मंत्री और चार सीटों पर एक-एक मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है।
सीटों का आवंटन
- करहल सीट, जिसे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली कर दिया था, उसे यूपी पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को सौंपा गया है।
- मिल्कीपुर और कटेहरी सीटों को क्रमशः सूर्य प्रताप शाही और मयंकश्वर शरण सिंह तथा स्वतंत्र देव सिंह और आशीष पटेल को सौंपा गया है।
- फूलपुर, खैर और गाज़ियाबाद सदर सीटों को क्रमशः दयाशंकर सिंह और राकेश सचान, लक्ष्मी नारायण चौधरी और सुनील शर्मा को सौंपा गया है।
- मझवां सीट, जिसे निषाद पार्टी के विनोद कुमार बिंद ने भदोही से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली किया था, उसे श्रम और रोजगार मंत्री अनिल राजभर को सौंपा गया है।
- सिसामऊ सीट, जो सपा के हाजी इरफान सोलंकी की सजा के कारण खाली हुई थी, को निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को सौंपी गई है। इस सीट पर निषाद पार्टी को उम्मीदवार उतारने का मौका मिल सकता है जबकि भाजपा मझवां में चुनाव लड़ेगी।
- मीरा पुर सीट, जिसे रालोद के चंदन चौहान ने खाली किया था, उसे रालोद को ही सौंपा जाएगा। यहां अनिल कुमार (रालोद) और ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर को जिम्मेदारी दी गई है।
- कुंदरकी सीट, जिसे सपा के वरिष्ठ नेता ज़ियाउर रहमान बर्क ने संभल से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली किया था, को धर्म पाल सिंह और जेपीएस राठौर को सौंपा गया है।
मंत्रियों की जिम्मेदारियां
मंत्रियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने आवंटित क्षेत्रों में समय दें और चुनावी रणनीति को अमल में लाएं। इस बीच, टिकट पाने की दौड़ भी शुरू हो गई है। कई नवनिर्वाचित सांसद अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट पाने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि पूर्व विधायक और सांसद भी टिकट पाने की दौड़ में हैं। हालांकि, टिकट वितरण केवल चुनाव आयोग द्वारा उपचुनावों की अधिसूचना जारी होने के बाद ही किया जाएगा।
निष्कर्ष
भाजपा ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनावों के लिए एक संगठित और रणनीतिक योजना बनाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में 16 मंत्रियों की टीम ने अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम करने की जिम्मेदारी ली है। भाजपा का लक्ष्य न केवल एनडीए की सीटों को बरकरार रखना है, बल्कि सपा और अन्य विपक्षी दलों की सीटों पर भी विजय प्राप्त करना है। इस रणनीति के साथ, भाजपा उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के प्रयास में है।