मेक इन इंडिया की बढ़ती सफलता से तिलमिलाई रॉयटर्स

हाल ही में, रायटर्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में भारत में आईफोन का निर्माण करने वाली कंपनी फॉक्सकॉन को निशाना बनाया गया है।

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भारत में बीते कुछ वर्षों में ‘मेक इन इंडिया’ योजना ने उल्लेखनीय गति पकड़ी है। इस योजना के अंतर्गत भारत अब विश्व का दूसरा सबसे बड़ा फोन निर्माता देश बन गया है। भारत में विश्व की सबसे बड़ी फोन कंपनी एप्पल के भी फोन बन रहे हैं और लाखों करोड़ का इनका निर्यात भी हो रहा है। यह सफलता कई लोगों को खल रही है, विशेषकर विदेशी मीडिया को। हाल ही में, रायटर्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में भारत में आईफोन का निर्माण करने वाली कंपनी फॉक्सकॉन को निशाना बनाया गया है।

रायटर्स की रिपोर्ट

25 जून, 2024 को रायटर्स ने प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया कि फॉक्सकॉन, तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर स्थित आईफोन प्लांट में विवाहित महिलाओं की भर्ती में अनियमितताएं कर रही है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इस प्लांट में विवाहित महिलाओं को नौकरी नहीं दी जाती। रायटर्स ने कुछ महिलाओं के इंटरव्यू और भर्ती के पैम्फलेट भी प्रस्तुत किए हैं, जिनसे यह दावा किया जा रहा है कि विवाहित महिलाओं को सुनियोजित तरीके से भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया जाता है।

रायटर्स का दावा है कि विवाहित महिलाओं को इस फैक्ट्री में इसलिए नहीं लिया जाता क्योंकि वे सोने-चांदी के आभूषण पहनती हैं और पारिवारिक कारणों से छुट्टी लेने की समस्याएं आती हैं। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि फॉक्सकॉन स्वयं ऐसा नहीं करती, बल्कि वे जिन एजेंसियों के जरिए काम करने वालों की भर्ती करवाती है, उनके माध्यम से यह भेदभाव करवाती है। रायटर्स ने इसे भेदभाव का नाम दिया है।

सरकार और फॉक्सकॉन का प्रत्युत्तर

रायटर्स के इन दावों को फॉक्सकॉन ने नकार दिया है। फॉक्सकॉन ने एक बयान में बताया कि वह किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करती और इन आरोपों को पूरी तरह अस्वीकार करती है। फॉक्सकॉन ने यह भी बताया कि उसके यहां सभी महिलाओं का काम करने के लिए स्वागत है और हाल ही में जिन महिलाओं की भर्ती की गई थी, उनमें से 25% विवाहित थीं। फॉक्सकॉन ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी शिकायतें मिलने पर उसने कुछ भर्ती एजेंसियों के साथ काम करना बंद कर दिया था।

रायटर्स की इस रिपोर्ट पर फॉक्सकॉन के बाद भारत सरकार और तमिलनाडु सरकार ने भी एक्शन लिया है। श्रीपेरम्बदूर के प्लांट में तमिलनाडु के श्रम विभाग के बड़े अधिकारियों ने जांच की है। जोनल चीफ लेबर कमिश्नर ने एक पांच सदस्यीय टीम के साथ प्लांट का निरीक्षण किया और महिलाओं से बातचीत की।

लेबर कमिश्नर ने रायटर्स को जानकारी दी कि इस प्लांट में 41,281 लोग काम कर रहे हैं, जिनमें से 33,360 महिलाएं हैं और इनमें से 2,750 विवाहित हैं। यह कुल महिलाओं का 8% है। प्रथम दृष्टया, श्रम विभाग के अधिकारियों को इस प्लांट में कोई भी गड़बड़ी नहीं मिली और उन्होंने इसे दोषमुक्त करार दिया। इस प्रकार, फॉक्सकॉन को क्लीनचिट मिली है।

भारतीय कानून और भर्ती प्रक्रियाएं

जहां फॉक्सकॉन विवाहित महिलाओं को काम देती है और उनके साथ भेदभाव नहीं करती, वहीं भारतीय कानून उसे ऐसा करने से रोकता भी नहीं। भारत में निजी फर्में अपने काम की जरूरतों के अनुसार विवाहित महिलाओं को भर्ती से बाहर रख सकती हैं। 

हालांकि, अधिकांश कंपनियां ऐसा नहीं करतीं। श्रम कानूनों की वकील सुनीता शर्मा ने बताया कि भारतीय श्रम कानून विवाह के आधार पर भर्ती करने को लेकर विशेष नियम नहीं बताता। ऐसे में कोई कंपनी यदि चाहे तो विवाहित महिलाओं को भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर सकती है।

भारत में मैन्युफैक्चरिंग का उत्थान और चीन की चिंता

भारत में मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में हुई बढ़ोतरी चीन के लिए चिंता का विषय बन रही है। फॉक्सकॉन का भारत में बढ़ता निवेश चीन को खटक रहा है। भारत ने 2023-24 में 12.1 बिलियन डॉलर (लगभग ₹1 लाख करोड़) के एप्पल के फोन निर्यात किए हैं, जो 2022-23 के मुकाबले दोगुने थे। इनमें से अधिकांश श्रीपेरम्बदूर के प्लांट में बने हुए हैं।

वर्तमान में दुनिया भर में उपयोग होने वाले 14% आईफोन भारत में बन रहे हैं और हर साल इसमें बढ़ोतरी हो रही है। एप्पल चाहता है कि उसके कुल आईफोन का 25% उत्पादन 2027 तक भारत में हो। ऐसे में चीन को बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि इससे चीन को निर्यात और रोजगार दोनों में नुकसान होगा। वहीं, भारत को अपना निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।

चीन की प्रतिक्रिया और प्रचार

चीन के सोशल मीडिया में भी अब भारत के आगे बढ़ने को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। फॉक्सकॉन भारत में लगभग ₹60,000 करोड़ अगले कुछ वर्षों में निवेश करने वाली है। यह ताइवान की कंपनी है और बीते दिनों में भारत और ताइवान के संबंध भी सुदृढ़ हुए हैं। ताइवान भारत को अन्य कई तकनीकों में भी मदद कर रहा है। ताइवान को चीन अपना हिस्सा करार देता है, ऐसे में उसके लिए भारत और ताइवान के संबंध सुदृढ़ होना चिंता की बात है।

फॉक्सकॉन को निशाने पर लेकर की गई रायटर्स की रिपोर्ट को चीन के सरकारी समाचार वेबसाइट और चीन समर्थक मीडिया भी बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहे हैं। चीन का सरकार नियंत्रित SCMP अखबार भी इस रिपोर्ट को आगे बढ़ा रहा है। रायटर्स की रिपोर्ट का उद्देश्य महिला अधिकारों को उठाना कम और भारत की छवि को धूमिल करना अधिक प्रतीत होता है। ऐसे में आगे यह मामला और उठता दिख सकता है। रायटर्स इससे पहले चीन के ऊपर ऐसी रिपोर्ट नहीं करता देखा गया है।

निष्कर्ष

मेक इन इंडिया योजना के तहत भारत ने मोबाइल निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे उसे वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण स्थान मिला है। हालांकि, विदेशी मीडिया के आरोप और उनके पीछे के उद्देश्य पर भी विचार करना आवश्यक है। ऐसे आरोप भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश हो सकते हैं। भारत को इन आरोपों से निपटते हुए अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को और मजबूत करना होगा।

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