हरियाणा में बीजेपी के टिकट दावेदारों की सांसें अटकी, 55 फाइनल, 35 बाकी, कई मंत्रियों की छुट्टी के आसार, लिस्ट के लिए अभी करना होगा थोड़ा इंतजार.

देश की राजधानी दिल्ली से सटे हुए प्रदेश हरियाणा में चुनावी रणभेरी बज चुकी है, नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक सत्तारूढ दल भारतीय जनता पार्टी के टिकट के दावेदार बेचैन हैं, उनकी सांसे अटकी हुई हैं, हर एक सीट पर कई कई दावेदार हैं, इसलिए कैंडिडेट और परेशान हैं। लेकिन बीजेपी मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक अभी कमल चुनाव चिन्ह चाहने वाले प्रत्याशियों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. कल यानि 29 अगस्त को पूरे दिन बैठकों का सिलसिला चलने के बाद देर शाम केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में हुई। देर रात तक चली बैठक में सिर्फ 55 विधानसभा सीटों के लिए चर्चा हो पाई थी, मतलब 55 कैंडिडेट पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व नें अपनी अंतिम मुहर लगा दी है। लेकिन पार्टी का मत है कि पार्टी की सूची एक बार में ही जारी की जाए, इसीलिए उम्मीद के मुताबिक सीईसी की बैठक होने के बावजूद प्रत्याशियों की पहली लिस्ट अभी तक नहीं आई है। पार्टी के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के OSD और PA टिकट मांग रहे थे, लेकिन पहले दिन फाइनल हुए 55 नामों में किसी भी OSD या PA के नाम पर विचार नहीं किया गया है। बताया गया कि पार्टी आलाकमान ने फैसला लिया है कि किसी मुख्यमंत्री के पूर्व स्टाफ को टिकट नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा मौजूदा सरकार में शामिल कई मंत्रियों की छुट्टी के भी आसार बताये जा रहे हैं।

करनाल की बजाय लाडवा से चुनाव लड़ सकते हैं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस बार करनाल की बजाय लाडवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। नायब सिंह सैनी जब मार्च में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे तो तब वो करनाल लोकसभा सीट से सांसद थे। लेकिन बाद में उन्होने करनाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने। ये सीट हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी, लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें करनाल विधानसभा की बजाय लाडवा से चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। लाडवा सीट पर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को करीब 9 हजार वोटों की बढ़त हासिल हुई थी, ऐसे में यहां बीजेपी के लिए संभावनाएं कहीं बेहतर समझी जा रही हैं।

प्रदेश अध्यक्ष की विधानसभा चुनाव लड़ने पर संगठन को तरजीह।

वहीं सूत्रों की मानें तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ोली चुनावी मैदान में नजर नहीं आएंगे। मोहन लाल बड़ोली फिलहाल राई विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक हैं, लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक वो अपना पूरा ध्यान विधानसभा चुनावों पर लगाना चाहते हैं, ऐसे में संगठन की जिम्मेदारी के चलते वो विधानसभा चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं।

वहीं टिकट बंटवारे में नाराज चल रहे केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का भी दखल नजर आया है। बताया गया कि उनके प्रभाव वाले इलाके की कई सीटों पर पार्टी नेतृत्व ने उनकी बात मानी है, जबकि कुछ जगहों पर उनके विरोधी कैंप को भी टिकट मिल सकता है।

आज हो सकती है बीजेपी की प्रत्याशियों की लिस्ट फाइनल

आज 30 अगस्त को फिर से केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होने की उम्मीद है, जिसमें बचे हुए 35 प्रत्याशियों पर भी मंथन करके एक नाम पर सहमति बनाई जाएगी। ये वह सीटें हैं जहां खींचतान ज्यादा है और जहां पार्टी का प्रदर्शन पिछले चुनाव में बेहतर नहीं रहा था। 2024 लोकसभा चुनाव में हर विधानसभा में बीजेपी को मिले मतों को भी आधार बनाया गया है।
गौरतलब है कि बीजेपी हरियाणा की सत्ता पर पिछले 10 साल से काबिज है और तीसरी बार लगातार जीतने की भरपूर कोशिश कर रही है। इसलिये हर सीट पर 8-10 प्रत्याशी जोर आजमाइश कर रहे हैं, यही वजह है कि केंद्रीय लीडरशिप को हर एक सीट पर बहुत विचार विमर्श करना पड़ रहा है। दरअसल पार्टी का थिंक टैंक नहीं चाहता कि ऐसे महत्वपूर्ण समय में स्थानीय स्तर पर नेताओं में नाराजगी हो, और खराब टिकट वितरण से वो जनता की नाराजगी भी मोल नहीं लेना चाहती, इसलिये हर एस विधानसभा सीट पर गहन मंथन के बाद ही टिकट फाइनल किया जा रहा है। अब देखना ये होगा कि दावेदारों के लिए इस मंथन से कितना अमृत निकलेगा।

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