उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक सनसनी खेज खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि बुधवार को यहां कि पुलिस ने एक नकली नोट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह एक मदरसे से संचालित किया जा रहा था। जहां 100-100 रुपये के जाली नोट छापे जा रहे थे। पुलिस ने मदरसे पर छापामारी कर 1 लाख 30 हजार रुपये के नकली नोट बरामद किए हैं। इस केस में ओडिशा के जाहिर खान समेत कुल चार आरोपियों को पुलिस ने काबू किया है। आरोपियों में मदरसे का मौलवी तफसीरुल भी शामिल है। पकड़े गए आरोपियों से बहरहाल पुलिस पूछताछ कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घटना प्रयागराज जिले के अतरसुइया इलाके में हुई है। यहां पर एक मदरसा है जिसका नाम जामिया हबीबिया मस्जिद-ए-आजम है। पुलिस को विगत कई दिनों से यहां पर संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। बताया जा रहा है कि यहां कई बाहरी लोगों का आना- जाना लगा रहता था। पुलिस इस मदरसे पर विशेष नजर रखनी शुरू कर दी। जब पुलिस को विश्वास हो गया कि मदरसे में सब सही नहीं चल रहा है तब बुधवार को यहां दबिश दी।
गौरकानूनी कार्य में प्रिंसिपल भी शामिल
पुलिस जब मदरसे के अंदर घुसी तब वहां एक प्रिंटिंग मशीन पर तीन लोग कुछ छापते नजर आए। जांच के बाद पता चला की ये तीनों नकली नोटों की छपाई कर रहे थे। पूछताछ में तीनों ने बताया कि इस गौरकानूनी कार्य में प्रिंसिपल की भी संलिप्तता है। 25 वर्षीय प्रिंसिपल का नाम मोहम्मद तफसीरुल है जो पेशे से मौलवी है। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गये अन्य आरोपियों में 18 वर्षीय मोहम्मद अफजल, 18 वर्षीय मोहम्मद शाहिद और 23 वर्षीय जाहिर खान का नाम है।
जाहिर खान मूल रूप से ओडिशा का रहने वाला है। वह मदरसे में आलिम है। पढ़ाई के बाद जाहिर मदरसे में पढ़ाने लगा था। वहीं हाई स्कूल पास मोहम्मद अफजल के अब्बा मोईद अहमद कपड़े की दुकान पर काम करते हैं। कक्षा 8 पास मोहम्मद शाहिद मदरसे में मौलवी बनने आया था। पर बाद में वह नकली नोट छापने वाले रैकेट से जुड़ गया। हाई स्कूल पास मौलवी तफसीरुल के अब्बा भी मदरसे में पढ़ाते थे। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वो विगत तीन माह से नकली रुपये के इस काले कारोबार को संचालित कर रहे थे।
मदरसे की तलाशी में 1 लाख 30 हजार के नकली नोट बरामद
मदरसे की तलाशी ली गई तो वहां से 1 लाख 30 हजार रुपये के नकली नोट बरामद हुए। नकली नोट बनाने के लिए प्रिंटर और अन्य सामग्री ओडिशा के भद्रक निवासी अब्दुल जाहिर ने अपने भाई से मंगवाई। जाहिर का भाई भी पहले प्रयागराज में आधार कार्ड बनाने का काम कर चुका है। 100 रुपये के नोट में लोग अधिक जांच पड़ताल नहीं करते, यही सोचकर आरोपियों ने इसे छापना शुरू किया था। अधिकतर नोटों को प्रयागराज के अलग-अलग इलाकों में दुकानदारों को धोखे से दिया जाता था।
पुलिस की टीम गिरोह से जड़े अन्य लोगों की जांच कर रही
बाजार में आरोपियों ने कितने नकली नोटों को चलाए हैं पुलिस इसकी जांच कर रही है। अनुमानित राशि करीब 5 लाख बताई जा रही है। पकड़े गए आरोपी अपने काले कारोबार को संचालित करने के लिए युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे थे। उनको 100 रुपये असली करेंसी देने पर नकली 300 रुपये देते थे। अब पुलिस की टीमें इस गिरोह से जड़े अन्य लोगों की जांच कर रही है। नकली नोट छापने वाले प्रिंटर समेत अन्य सामग्री को पुलिस ने जब्त कर सभी आरोपियों पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई में जुट गई है। इस मामले की जांच के लिए आईबी की टीम भी पहुंच गई है।
विश्व नाथ झा।