इस अभियान के तहत देश भर में महिलाओं को रोजगार का बहुत बड़ा अवसर प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तीव्र गति से आगे की ओर बढ़ रहा है और नित नए आयाम स्थापित कर रहा है। ‘हर घर तिरंगा’ “आज़ादी का अमृत महोत्सव” के तहत शुरू की गई एक पहल है। तिरंगा देशवासियों की आन-बान और शान है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत की पहल को बहुत ही बल मिला है। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से देश भर में इस बार 30 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री होने के साथ ही लगभग 500 करोड़ रुपये के कारोबार होने का अनुमान है।
‘हर घर तिरंगा’ अभियान को को-ऑर्डिनेट करने वाले भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से महिलाओं को घरेलू उद्योग में काम का बड़ा अवसर मिला है। पहले वर्ष में सरकार द्वारा अधिकांश झंडे सप्लाई किए गए थे पर अब महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के माध्यम से यह काम हो रहा हैं। इससे महिलाओं की कमाई में बढ़ोतरी हुई है।‘हर घर तिरंगा’ अभियान से महिलाओं के नेतृत्व में एक नई तरह की इंडस्ट्री खड़ी हो गई है। पहले जहां बड़े निर्माता ही सरकार को तिरंगा बनाकर सप्लाई करते थे, आज यह कार्य महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों ने ले लिया है। अब केंद्र सरकार को बड़े निर्माताओं से तिरंगा खरीदने पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
इस अभियान के जरिए देश भर में महिलाओं को रोजगार का बहुत बड़ा अवसर प्राप्त हुआ है। प्रयागराज की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिले हैं। इससे वो बहुत ही उत्साहित हैं। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने आगे बताया कि नरेंद्र मोदी जी को हम तहे दिल से धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने हमें देश सेवा का मौका प्रदान किया। प्रधानमंत्री की ओर से शुरू की गई योजनाओं से हमारी आर्थिक स्थिति सुधर रही है।
व्यापारी संगठनों ने भी किए अनेक कार्यक्रम
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के झंडे तले पूरे देश में बड़ी संख्या में व्यापारी संगठनों ने तिरंगा कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने स्वेच्छा से भाग लिया। व्यापारियों सहित अन्य विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने आगे बढ़ चढ़ कर आजादी के उत्साह से हर कार्यक्रम में शामिल होकर तिरंगे की शान को बरकरार रखा। हर घर तिरंगा आंदोलन ने भारतीय उद्यमियों की क्षमता को भी दर्शाया है, जिन्होंने देश के लोगों की तिरंगे की अभूतपूर्व मांग को पूरा करने के लिए इतने कम समय में 30 करोड़ से अधिक तिरंगे का निर्माण किया। (कैट) ने कहा कि राष्ट्रभक्ति एवं स्वरोजगार से जुड़े इस अभियान ने पूरे देश में लोगों के बीच देशभक्ति की एक अद्भुत भावना तथा को-आपरेटिव व्यापार की बड़ी संभावनाएं खोल दी हैं। इससे प्रधानमंत्री मोदी पर देशवासियों का भरोसा और बढ़ गया है।
ध्वज संहिता में संशोधन से 10 लाख से अधिक लोगों को मिला रोजगार
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा फ्लैग कोड में पॉलिस्टर और मशीनों से झंडे बनाने की अनुमति मिलने से देश भर में झंडों की आसान उपलब्धता में बहुत बड़ा योगदान है। पहले भारतीय तिरंगे को केवल खादी या कपड़े में बनाने की अनुमति थी। ध्वज संहिता में इस संशोधन ने देश में 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया, जिन्होंने अपने घर में या छोटे स्थानों पर स्थानीय दर्जी की सहायता से बड़े पैमाने पर तिरंगा झंडा बनाया।
विश्व नाथ झा।