कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के प्रशिक्षु डाक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआई ने अपनी जांच तेज कर दी है। हत्या के इस मामले में अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष अब चौतफ फंसते नजर आ रहे हैं। संदीप घोष एक तरफ तो दुष्कर्म और हत्या से जुड़े मामले की तफ्तीश में लगातार सीबीआई के रडार पर हैं और उनसे लगातार पूछताछ हो रही है। पॉलीग्राफ टेस्ट में मी संदीप घोष को अब तक सीबीआई की ओर से क्लीन चिट नहीं मिली है।
मेडिकल कालेज में वित्तीय गड़बड़ी करने का आरोप
सीबीआई ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में हुई वित्तीय गडबडि़यों को लेकर संदीप घोष के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। ऐसे में पॉलीग्राफ टेस्ट के बीच अब सीबीआई का संदीप घोष के खिलाफ शिकंजा कसता जा रहा है। सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच (एसआईटी) से जांच अपने हाथ में ली ली है। मामले की जांच कर रही केंदीय जांच व्यूरो (सीबीआई) ने घोष के कार्यकाल के दौरान मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं का मामला दर्ज कर लिया है। जांच का यह आदेश आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर जारी किया गया, जिन्होंने संस्थान में कथित वित्तीय कदाचार की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच का अनुरोध किया था।
स्थानांतरण पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने उठाए थे सवाल
बता दें कि संदीप घोष ने 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त को एक सेमिनार हॉल के अंदर पाए जाने के दो दिन बाद ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, उन्हें तुरंत कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का प्रिंसिपल बना दिया गया था, जो पश्चिम बंगाल सरकार का निर्णय था, जिसका छात्रों द्वारा विरोध किया गया और जिस पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने कड़े सवाल उठाए थे।
घोष का शिकंजे से बाहर आना असंभव
अब घोष का शिकंजे से बाहर आना असंभव लगा रहा है। ऐसे में अब सीबीआई के भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने के बाद संदीप घोष पर शिकंजे और कड़ा होने जा रहा है। इसके साथ ही अब गिरफ्तारी की तलवार भी संदीप घोष पर लटकती नजर आ रही है। ऐसे में जब सीबीआई मेडिकल कालेज में हुए भ्रष्टाचार की जांच शुरू करेगी, तो वाकिफ है कि कई छोटी-बड़ी मछलियां सीबीआई के जाल में फसेंगी। इससे अस्पताल में हुई गड़बड़ी का कच्चा-चिट्ठा निकलकर लोगों के सामने आएगा।
विश्व नाथ झा।