भारतीय वायुसेना ने एक और उपलब्धि हासिल की है, जब भारतीय स्क्वाड्रन लीडर मोहना सिंह ने तेजस फाइटर जेट उड़ाकर देश की पहली महिला पायलट बनने का गौरव प्राप्त किया। यह उपलब्धि न केवल भारतीय वायुसेना के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि पूरे देश के लिए महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल भी है। इस कदम ने नारी शक्ति को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है, जहां महिलाओं ने सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है।
मोहना सिंह का सफर
मोहना सिंह राजस्थान के झुंझुनू जिले से आती है।और उनका भारतीय वायुसेना में पायलट बनने का सपना उनके बचपन से ही था। उनके दादा एविएशन रिसर्च सेंटर में फ्लाइट गनर थे और पिता भारतीय वायुसेना में वारंट ऑफिसर हैं।जिससे उन्हें शुरू से ही देश की सेवा करने की प्रेरणा मिली। मोहना ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की और भारतीय वायुसेना में एक लड़ाकू विमान पायलट बनने के लिए कठिन प्रशिक्षण लिया।
बता दें कि मोहना सिंह 8 साल पहले अवनी चतुर्वेदी और भावना कांत के साथ वायु सेना की फाइटर स्ट्रीम में महिला पायलटों के साथ शामिल हुई थी।
तेजस, जो भारत में निर्मित हल्का लड़ाकू विमान है। यह विमान आधुनिक तकनीक से बना है और इसका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना में अभियानों के लिए किया जाता है। मोहना ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए अपने कड़ी मेहनत के बदौलत तेजस की उड़ान पूरी करने में सफल रहीं।
पहले, महिलाएं केवल परिवहन और हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में ही सीमित थीं, लेकिन अब उन्हें लड़ाकू विमान उड़ाने का भी मौका मिल रहा है। वर्ष 2016 में, भारतीय वायुसेना ने पहली बार महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल करना शुरू किया, और तब से अब तक यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। मोहना सिंह के साथ-साथ अवनी चतुर्वेदी और भावना कांत भी भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलटों में शामिल हैं, जिन्होंने पहले मिग-21 और सुखोई-30 जैसे विमान उड़ाए हैं। लेकिन तेजस उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बनकर मोहना ने एक नया इतिहास रचा है।
तेजस फाइटर जेट भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि यह विमान भारत में ही बनाया गया है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है। तेजस हल्का लड़ाकू विमान है, जो राडार, हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमले की क्षमता रखता है। यह विमान भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। तेजस की डिजाइन में भारतीय तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
मोहना सिंह की इस उपलब्धि को सिर्फ एक व्यक्तिगत सफलता के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे देश की लाखों लड़कियों और महिलाओं के लिए प्रेरणा के रूप में समझा जाना चाहिए। भारतीय समाज में महिलाओं की भूमिका बदल रही है और अब उन्हें हर क्षेत्र में समान अवसर दिए जा रहे हैं। लड़ाकू विमान उड़ाने जैसी चुनौतीपूर्ण भूमिका में महिलाओं का शामिल होना यह साबित करता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के बराबर हैं।
मोहना सिंह का तेजस फाइटर जेट उड़ाना केवल एक ऐतिहासिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है।
उनकी यह उपलब्धि न केवल महिला सशक्तिकरण को एक नई ऊंचाई पर ले जाती है, बल्कि यह भविष्य में और भी अधिक महिलाओं को आगे बढ़ने और भारतीय सेना में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने के लिए प्रेरित करेगी।