जम्मू कश्मीर में पहली बार 1967 में लोकसभा चुनाव हुए। 1952 में 6 लोकसभा और 4 राज्यसभा सांसदों को नॉमिनेट करते हुए शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने कहा था कि सामान्य परिस्थितियों में देश भर की तरह जम्मू कश्मीर में भी चुनाव होते, लेकिन...
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

1967 से पहले जम्मू कश्मीर में जनता नहीं अब्दुल्ला चुनते थे सांसद, नहीं होते थे चुनाव

370 वापस लाने की बातें करने वाले सरकारी योजनाओं का भी नहीं लेंगे लाभ?

Anupam K Singh द्वारा Anupam K Singh
30 September 2024
in Uncategorized, चर्चित, राजनीति
जम्मू कश्मीर, चुनाव

आज जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव हो रहे हैं, कभी अब्दुल्ला चुनते थे कौन होंगे सांसद

Share on FacebookShare on X

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं, बढ़-चढ़ कर लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए दिखाई दे रहे हैं। मत-प्रतिशत भी 60 से ऊपर है। कॉन्ग्रेस-NC गठबंधन, भाजपा और PDP में मुख्य लड़ाई है। सबसे बड़ी बात ये है कि ये चुनाव एकदम शांति के साथ हो रहे हैं। अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद पत्थरबाजी शून्य हो गई है, अलगाववादियों के हौसले पस्त हुए हैं और आतंकियों का भी सफाया हो रहा है। जम्मू कश्मीर में भारत का संविधान लागू हुआ और सही मायने में लोकतंत्र वहाँ पहुँचा। पाकिस्तान के मंसूबे नाकामयाब हो रहे हैं, दुनिया देख रही है कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र स्थापित हो गया है।

इन सबके बीच हमें ये भी जानने की ज़रूरत है कि कभी एक ऐसा दौर भी था जब जम्मू कश्मीर को लोकसभा चुनावों से महरूम रखा गया। 1952, 1957 और 1962 में देश भर में तो लोकसभा चुनाव हुए, लेकिन जम्मू कश्मीर की 6 सीटों के लिए कोई चुनाव नहीं हुआ। उलटे वहाँ से शेख अब्दुल्ला की ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस’ (तब ‘जम्मू एन्ड कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस’) द्वारा 6 सदस्यों को नॉमिनेट किया जाता था और दिल्ली में उन्हें सांसद का दर्जा दे दिया जाता था। यानी, सांसद जनता नहीं बल्कि शेख अब्दुल्ला चुनते थे। आज इसी इकोसिस्टम के लोग लोकतंत्र की बातें करते हैं।

संबंधितपोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के छह महीने बाद फिर साजिशों में जुटे पाकिस्तान और आतंकी, भारतीय सेना भी तैयार

श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

एनडीए के नये नारे से बिहार में बढ़ी राजनीतिक हलचल, जानें क्या है इसका संदेश

और लोड करें

1967 से पहले जनता की जगह अब्दुल्ला चुनते थे सांसद

जम्मू कश्मीर में पहली बार 1967 में लोकसभा चुनाव हुए। 1952 में 6 लोकसभा और 4 राज्यसभा सांसदों को नॉमिनेट करते हुए शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने कहा था कि सामान्य परिस्थितियों में देश भर की तरह जम्मू कश्मीर में भी चुनाव होते, लेकिन राज्य का एक हिस्सा दुश्मनों के कब्जे में होने के कारण और लोगों के भारत-पाकिस्तान के बीच बिखरे होने के कारण यहाँ निर्वाचन के लिए अलग तरीका अपनाया गया है। 1952 और 1957 में भी यही प्रक्रिया दोहराई गई। इसमें कई ऐसे लोग भी संसद में पहुँच गए जो भारत विरोधी रुख रखते थे।

जैसे, 1957 में संसद बनाए गए शेख मोहम्मद अकबर को ले लीजिए। उन्होंने भारत सरकार के साथ शेख अब्दुल्ला के हुए समझौते को नकार दिया और जम्मू कश्मीर के उस गुट का नेतृत्व किया जो वहाँ जनमत संग्रह चाहते थे। उन्हें जम्मू कश्मीर के अलगाववादी ‘स्वतंत्रता सेनानी’ बता कर याद करते हैं। इसी तरह कई अन्य अलगावादी नेता भी संसद पहुँचे। बड़ी बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट में भी सांसदों को नॉमिनेट किए जाने के खिलाफ मामला पहुँचा था, लेकिन उसने भी देशहित की बात करते हुए इस फैसले को जायज ठहराया। ये थी लोकतंत्र की स्थिति!

1966 में एक परिसीमन आयोग बनाया गया था, जिसका अध्यक्ष GL कपूर को बनाया गया था। इसमें पंजाब हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज RC सोनी और तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त KV सुंदरम को भी शामिल किया गया था। इसी कमिटी की सिफारिश के आधार पर जम्मू कश्मीर में 6 लोकसभा सीटें तय की गई थीं। 2019 में इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित किए जाने के बाद सीटों की संख्या 5 हो गई, लद्दाख एक अलग केंद्रशासित प्रदेश बना और उसे अलग संसदीय सीट मिली। 1989 में तो ऐसी स्थिति हो गई कि आतंकवाद और अलगाववाद के साये में चुनावों के बहिष्कार का माहौल रहा।

बारामुला और इस्लामाबाद में मात्र 5% मतदान हुआ। पत्तन इलाके में तो सिर्फ एक वोट पड़ा। इसी तरह 1991 का चुनाव तो ऐसा रहा कि जम्मू कश्मीर में जम कर खून बहे। कश्मीरी पंडितों को घाटी से बाहर किया जा चुका था। अलगाववादी लगातार चुनावों के बहिष्कार की बातें करते थे। उसके बाद आतंकियों ने घाटी में कहर बरपाना शुरू किया। मौजूदा दौर हम देख ही रहे हैं। अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद से आतंकियों का सफाया जारी है। पत्थरबाजी खत्म हो गई है। अलगाववादियों के मंसूबे कामयाब होने बंद हो गए हैं।

आज कश्मीर घाटी से जो चुनावी कवरेज के वीडियो सामने आ रहे हैं, उनमें से कई में आपत्तिजनक बातें की जा रही हैं। एक वीडियो में एक शख्स कहता हुआ दिख रहा है कि अगर उसके गाँव में मंदिर बना तो जला दिया जाएगा। वहीं अधिकतर विश्लेषक कह रहे हैं कि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के कारण वहाँ के मुस्लिम भाजपा के खिलाफ आक्रोशित हैं और वो ‘सबक सिखाना’ चाहते हैं। IGNOU से जुड़े प्रोफेसर कपिल कुमार पूछते हैं कि अगर अनुच्छेद-370 को वापस लाने की बात की जा रही है तो क्या जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेना वो बंद कर देंगे?

370 वापस जाएगा तो योजनाओं का लाभ भी नहीं लेंगे?

जैसे, वो पूछते हैं कि क्या मनरेगा और उज्ज्वला गैस जैसी जिन योजनाओं का लाभ पहले नहीं मिलता था क्या अब उसका फायदा उठाना वहाँ के लोग बंद कर देंगे? वो कहते हैं कि पाकिस्तान से बातचीत की सलाह दी जाती है, लेकिन 1971 के युद्ध में 93,000 पाकिस्तानी फौजियों को छोड़ दिया गया था और पाकिस्तान से जीती हुई जमीनें भी लौटा दी गई थीं, तो क्या अब इससे भी अधिक कुछ बातचीत हो सकती है? या फिर इससे भी अधिक नरमी बरती जा सकती है? कपिल कुमार पूछते हैं कि भारत अगर पाकिस्तान से बात करे तो वहाँ किससे बात करे? वहाँ की शक्तिशाली फ़ौज से? प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से ख़ुफ़िया एजेंसी ISI से? वहाँ समाज में प्रभाव रखने वाले और भारत विरोधी बयान देने वाले मौलवियों से? या फिर उन आतंकियों से जो आए दिन भारत में हमलों को अंजाम देते हैं?

जम्मू कश्मीर में आज भारत का विधान चलता है, लेकिन एक वो समय भी था जब वहाँ का झंडा अलग था और तिरंगा नहीं फहराया जाता था। महाराजा हरि सिंह के बेटे कर्ण सिंह जब वहाँ के सदर-ए-रियासत हुआ करते थे तब जम्मू के एक कॉलेज में छात्रों ने कश्मीरी झंडे को सलामी देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद प्रशासन ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। इस दौरान वहाँ के हिन्दू नेता प्रेमचंद डोगरा ने जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी से मदद माँगी, जिसे उन्होंने स्वीकार भी किया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी को कश्मीर में गिरफ्तार कर लिया गया, जहाँ उनका निधन हो गया।

1960 :: Prem Nath Dogra , Leader of Kashmir Integration Movement Being Felicitated by Jan Sangh Workers #370Gone pic.twitter.com/9wxIbBm2YP

— indianhistorypics (@IndiaHistorypic) August 6, 2019

आज तक उनकी मृत्यु की गुत्थी नहीं सुलझी है। अब जब जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं, बलिदानी श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद किया जाना चाहिए। शेख अब्दुल्ला की गद्दारी को याद किया जाना चाहिए।

स्रोत: Article 370, अनुच्छेद ३७०, जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव, India, भारत, History, इतिहास, NC, नेशनल कॉन्फ्रेंस, PDP, पीडीपी
Tags: ElectionsHistoryJammu & Kashmirइतिहासचुनावजम्मू-कश्मीर
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

महबूबा ने हिज्बुल्लाह आतंकी नसरल्लाह को कहा ‘शहीद’, रैलियां रद्द, इस सोच में ही खोट है

अगली पोस्ट

एयरपोर्ट कर्मचारियों पर भड़के अविमुक्तेश्वरानंद: चोला संत का लेकिन लक्षण नेता वाले, पदवी भी है विवाद में

संबंधित पोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
चर्चित

विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

20 November 2025

20 नवंबर को एक ऐतिहासिक जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited