विजयवाड़ा: हमारे संविधान में वैसे तो धर्मनिरपेक्ष या सेक्युलर जैसा कोई शब्द ही नहीं था। भारत के नीति निर्माताओं ने संविधान बनाते समय सेक्युलर शब्द से परहेज किया था। उस समय सेक्युलर शब्द पर संविधान सभा में गहरी चर्चा हुई थी। डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर सेक्युलर शब्द को संविधान में शामिल करने के कट्टर विरोधी थे। आंबेडकर का तर्क था कि इसको अलग से लेने की इसलिए जरूरत नहीं है, क्योंकि पूरा संविधान ही सेक्युलर स्टेट की अवधारणा पर है। इसमें धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है और सभी धर्म, जाति, समुदाय के लोगों को बराबर अधिकार दिए गए हैं। एक बार फिर सेक्युलरिज्म की चर्चा छिड़ी है। एक तो तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवि का बयान, जिसमें उन्होंने कहा कि सेक्युलरिज्म एक यूरोपीय अवधारणा है, इसकी भारत में कोई आवश्यकता नहीं है। दूसरा आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण और अभिनेता प्रकाश राज के बीच भी सेक्युलरिज्म पर बहस चल रही है।
पवन कल्याण और प्रकाश राज में छिड़ा विवाद
इससे एक दिन पहले पवन कल्याण के इसी मुद्दे पर एक्स पोस्ट में कहा था कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में फिश ऑयल, पॉर्क फैट और बीफ फैट मिलाए जाने से बहुत व्यथित हूं। अब समय आ गया है कि पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े मुद्दों पर विचार के लिए सनातन धर्म रक्षा बोर्ड का गठन किया जाए। उनके इसी पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए अभिनेता प्रकाश राज ने लिखा, ‘प्रिय पवन कल्याण। यह एक ऐसे राज्य में हुआ है, जहां के आप उपमुख्यमंत्री हैं। कृपया जांच कीजिए, दोषियों का पता लगाइए और सख्त कार्रवाई कीजिए। आप इस मुद्दे से सनसनी फैलाकर राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा क्यों बनाना चाहते हैं? हमारे देश में पहले से ही बहुत सांप्रदायिक तनाव है (केंद्र में आपके दोस्तों की कृपा से)।‘
Dear @PawanKalyan …It has happened in a state where you are a DCM .. Please Investigate ..Find out the Culprits and take stringent action. Why are you spreading apprehensions and blowing up the issue Nationally … We have enough Communal tensions in the Country. (Thanks to your… https://t.co/SasAjeQV4l
— Prakash Raj (@prakashraaj) September 20, 2024
पवन कल्याण की नसीहत- सेक्युलरिज्म म्यूचुअल होना चाहिए
पवन कल्याण 11 दिन के अनुष्ठान पर हैं। विजयवाड़ा के कनकदुर्गा मंदिर में शुद्धिकरण के बाद पवन कल्याण ने कहा, ‘प्रकाश राज मैं आपका सम्मान करता हूं। जब बात सेक्युलरिज्म की आती है तो ये म्यूचुअल होना चाहिए। क्या मैं सनातन धर्म पर अटैक के बारे में नहां बोल सकता? मैं सनातन धर्म को लेकर बहुत सीरियस हूं और फिल्म इंडस्ट्री या किसी को भी इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर दूसरे धर्म में ऐसा होता तो बहुत बड़ा आंदोलन हो जाता। आप भटक सकते हैं।। हम बेहद आहत हैं। हमारी भावनाओं का मजाक मत बनाओ। यह आपके लिए मजेदार हो सकता है, पर हमारे लिए मजेदार नहीं है। यह बहुत ही गहरी पीड़ा है। सनातन धर्म के बारे में बोलने से पहले 100 बार सोचें।‘
"Enough of mockery of Sanatan Dharma in the name of Secularism, we are deeply hurt and don't make a mockery out of our Sentiments."
~ Pawan Kalyan befetting reply to @prakashraaj & various other fake seculars ~pic.twitter.com/BQ7yEs7IHa
— Anshul Pandey (@Anshulspiritual) September 24, 2024
सांप्रदायिक तनाव की बात क्यों कर रहे प्रकाश राज?
अब सवाल इस बात का है कि अभिनेता प्रकाश राज ने सांप्रदायिक तनाव की बात क्यों की है? सनातन धर्म के करोड़ों लोगों के लिए भगवान वेंकटेश्वर आस्था के सबसे बड़े केंद्र हैं। वहां की पवित्रता को अगर अपवित्र किया गया है, तो पवन कल्याण क्यों नहीं अपनी भावनाओं को प्रकट करें? प्रकाश राज अक्सर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ निशाना साधते रहते हैं। आंध्र में अभी बीजेपी और जनसेना पार्टी के समर्थन से टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार है। ऐसे में अगर इस बार वह तिरुपति प्रसादम में मिलावट के मामले को सांप्रदायिकता से जोड़ रहे हैं, तो हैरानी नहीं होनी चाहिए।
कर्नाटक चुनाव में वोट देकर की थी ‘सांप्रदायिक’ टिप्पणी
खुद को सेक्युलरिज्म का मसीहा मानने वाले प्रकाश राज अक्सर सांप्रदायिक रंग में रंग जाते हैं। कर्नाटक का चुनाव इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। पिछले साल कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वोट देने के बाद प्रकाश राज ने कहा था, ‘ गुड मॉर्निंग कर्नाटक। मैंने सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ वोट दिया है। 40 फीसदी भ्रष्ट सरकार के खिलाफ। हमें सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ वोट डालना है। यह एक ऐसी जगह है, जहां आपको निर्णय लेने का अधिकार है। सांप्रदायिक ताकतों को खत्म करने के लिए वोट दें।‘ इशारों में प्रकाश राज ने बीजेपी की राजनीति को सांप्रदायिक करार दिया था।
अब बचाव की मुद्रा में प्रकाश राज
पवन कल्याण के बयान के बाद प्रकाश राज ने एक्स पर फिर लिखा, ‘पवन कल्याण गारू (बड़ा भाई)। मैंने आपकी प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी। मैंने जो कहा है, उसका आपने जो गलत मतलब निकाला है, उससे हैरान हूं। विदेश में शूटिंग कर रहा हूं। आपके सवालों का उत्तर देने के लिए वापस आऊंगा। मेरे पहले किए गए ट्वीट को देख और समझ सकें, तो आपका आभारी रहूंगा।‘
Dear @PawanKalyan garu..i saw your press meet.. what i have said and what you have misinterpreted is surprising.. im shooting abroad. Will come back to reply your questions.. meanwhile i would appreciate if you can go through my tweet earlier and understand #justasking pic.twitter.com/zP3Z5EfqDa
— Prakash Raj (@prakashraaj) September 24, 2024
तेलुगु स्टार मांचू ने भी प्रकाश राज को दी थी नसीहत
तेलुगु स्टार विष्णु मांचू ने भी प्रकाश राज को शांत रहने की नसीहत दी थी। मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मांचू ने एक्स पर लिखा, ‘उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने ऐसी पवित्र परंपराओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जांच और कार्रवाई की अपील की है। जब आप यह मुद्दा उठा रहे हैं, तो इस पर विचार करें कि असल में सांप्रदायिक रंग कहां जोड़ा जा रहा है।‘
तिरुमला के घी में फिश ऑयल, बीफ फैट: रिपोर्ट
प्रकाश राज और पवन कल्याण के बीच चल रहे विवाद की पृष्ठभूमि में तिरुमला है। तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में मिलने वाले प्रसादम में मिलावट का मामला गरमाया हुआ है। 9 जुलाई को तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट ने प्रसाद के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी का सैंपल गुजरात की एनडीडीबी CALF लिमिटेड को भेजा। 16 जुलाई की रिपोर्ट में घी में मिलावट की बात सामने आई। इसके बाद 23 जुलाई को फिर सैंपल भेजे गए। 18 सितंबर को आई रिपोर्ट के बाद आंध्र के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार पर पर सवाल खड़े किए। लैब रिपोर्ट में मछली का तेल, सूअर फैट और बीफ फैट मिलाए जाने की पुष्टि हुई।
पवन कल्याण मुखर, 11 दिन की प्रायश्चित दीक्षा
पवन कल्याण ने 21 सितंबर को एक्स पर लिखा, ‘हमारी संस्कृति, आस्था, विश्वास और श्रद्धा की धर्मधुरी श्री तिरुपति बालाजी धाम के प्रसाद में कुत्सित प्रयासों के तहत, जो अपवित्रता का संचार करने की कोशिश की गई, उससे मैं व्यक्तिगत स्तर पर अत्यंत मर्माहत हूं। सच कहूं तो अंदर से अत्यंत छला गया महसूस कर रहा हूं। भगवान वेंकटेश्वर से क्षमा प्रार्थना के साथ मैं प्रायश्चित के रूप में ग्यारह दिवसीय उपवास का संकल्प ले रहा हूं। एक और दो अक्टूबर को तिरुपति जाकर प्रभु के साक्षात दर्शन करूंगा। तब भगवन के समक्ष मेरे प्रायश्चित दीक्षा की पूर्णाहुति होगी।‘