दुर्गा पूजा आने वाली है। इस बार 2024 में 2 अक्टूबर को महालया है, 3 अक्टूबर को प्रतिपदा के साथ दुर्गा पूजा की शुरुआत होगी और 12 अक्टूबर को दशहरा के साथ इसका समापन होगा। पश्चिम बंगाल, या यूँ कहें कि पूरे बंगाल क्षेत्र के हिन्दुओं की देवी माँ में बहुत आस्था है। अकेले पश्चिम बंगाल की बात करें तो वहाँ 40,000 से अधिक दुर्गा पूजा पंडाल स्थापित किए जाते हैं। बांग्लादेश की बात करें तो वहाँ भी 32,000 से भी अधिक पंडाल दुर्गा पूजा में लगाए जाते हैं। इस तरह पूरे बंगाल क्षेत्र में लगभग 72,000 दुर्गा पूजा पंडाल स्थापित होते हैं।
इस बार बांग्लादेश में होने वाली दुर्गा पूजा पर सबकी नज़र रहेगी, क्योंकि बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ है। कहने को तो ये महज एक सत्ता-परिवर्तन है, लेकिन इसके पहले और बाद में घटी घटनाओं पर नज़र डालें तो इसमें सत्ता बदलने के साथ-साथ और भी बहुत कुछ नज़र आता है। इसकी शुरुआत हुई 1971 की आज़ादी की लड़ाई में शामिल हुए लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरियों में मिल रहे आरक्षण के विरोध के साथ, ये खत्म हुआ हिन्दुओं के नरसंहार के साथ। अभी भी हिन्दुओं पर अत्याचार रुका नहीं है, कइयों को अपना घर-बाड़ छोड़ कर पलायन करना पड़ा।
तख्तापलट के बाद हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा
मध्य अगस्त तक के ही आँकड़े ले लें तो हिन्दुओं पर हमले की 200 से भी अधिक घटनाएँ सामने आ चुकी थीं। इसके बाद भी हिन्दुओं पर हमले थमे नहीं। कहीं किसी हिन्दू शिक्षक से जबरन इस्तीफा ले लिया गया, तो कहीं थाने से खींच कर हिन्दू युवक को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया गया। चूँकि पुलिस थाने खुद फ़ौज के भरोसे चल रहे थे, ऐसे में पुलिस से किसी भी प्रकार की कार्रवाई की उम्मीद बेमानी ही थी। अब जमात-ए-इस्लामी से लेकर अंसार-उल-बांग्ला तक जैसे आतंकी संगठन सक्रिय हो चुके हैं, ये बांग्लादेश की कट्टरपंथी BNP के करीबी भी हैं।
उम्मीद जताई जा रही है कि शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत में शरण लेने और उनकी पार्टी ‘आवामी लीग’ के नेताओं को निशाना बनाए जाने के बाद BNP के ही सत्ता में आने की उम्मीद है। इसे वहाँ की फ़ौज का भी समर्थन प्राप्त है। ऐसे में वहाँ के हिन्दुओं के लिए फ़िलहाल तो अच्छे दिन नहीं आने वाले। अंसार-उल-बांग्ला टीम के मुखिया मौलाना जसीमुद्दीन रहमानी को भी रिहा कर दिया है और उसने एक दशक से भी अधिक समय बाद जेल से निकलते ही सबसे पहले भारत को खंडित करने की बातें की। ऐसे तत्व इस साल की दुर्गा पूजा में क्या किरदार अदा करेंगे, इस विषय में बहुत विशेष बताने की ज़रूरत नहीं है।
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ है। ये एक लोकतांत्रिक नहीं, बल्कि फ़ौज समर्थित सरकार है। जिस उपद्रव को भारत के एक गिरोह विशेष ने ‘युवा क्रांति’ बताया, ये उसी उपद्रव की देन है। वही उपद्रव, जिसके तहत बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में घुस कर महिलाओं के अंतःवस्त्रों को लहराया गया। इस उपद्रव के जो नेता थे, उन्हें भी इस अंतरिम सरकार में शामिल किया गया है। नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस मुख्य सलाहकार के रूप में इस सरकार के मुखिया हैं। इस सरकार में इस्लामी संगठनों के दबाव पर मौलानाओं को भी शामिल किया गया है। कथित क्रांति में शामिल कुछ युवा भी इस सरकार का हिस्सा हैं।
मंत्री की धमकी, 2021 की आ रही याद
पश्चिम बंगाल में ये दुर्गा पूजा कैसी होगी, इसे लेकर शंका इसीलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि हाल ही में इस्लामी मुल्क के गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) मोहम्मद जहाँगीर आलम चौधरी ने पहले ही धमकी दे डाली है कि सभी दुर्गा पूजा पंडालों को अजान और नमाज के समय पर अपना साउंड सिस्टम बंद करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, इस दौरान वो कोई गीत-संगीत भी नहीं बजा सकेंगे। सभी आयोजनों को इस बारे में बता दिया गया है, सहमति देने के अलावा उनके पास कोई चारा भी नहीं था। जब सरकार ही धमका रही है, तो इस्लामी कट्टरपंथियों की छोड़ ही दीजिए।
क्या किया जा सकता है – ये समझने के लिए अधिक पीछे भी जाने की ज़रूरत नहीं है। 2021 के दुर्गा पूजा के दौरान पूरे पश्चिम बंगाल में क्या हुआ था, यही देख लीजिए। हिन्दुओं के घरों, दुकानों, मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों पर हमलों की 80 से भी अधिक घटनाएँ सामने आईं। कारण – एक अफवाह। झूठ फैलाया गया कि किसी हिन्दू ने हनुमान जी की प्रतिमा के चरणों के पास कुरान रख दी है। बाद में पता चला कि ऐसा करने वाला मोहम्मद इक़बाल हुसैन नाम का एक लड़का था। इस घटना की तस्वीरें-वीडियो वायरल कर दी गईं।
झूठ फैलाया गया कि हिन्दुओं ने ईशनिंदा की है और इस तरह से दुर्गा पूजा पंडालों पर हमलों का एक सिलसिला चल पड़ा। कोमिला, नोआखली, चटगाँव और रंगपुर जैसे इलाकों में हिंसा का सबसे ज़्यादा असर देखने को मिला। शेख हसीना की सरकार ने 450 से भी अधिक कट्टरपंथी आरोपितों को गिरफ्तार किया। शायद यही सब कारण हैं कि बांग्लादेश में सारी कट्टरपंथी ताक़तें उनकी सरकार के खिलाफ थीं। अब तो जमात और अंसार जैसी इस्लामी ताक़तें और अधिक शक्तियाँ लेकर बैठी हैं, सत्ता से उनकी करीबी है और उन्हें रोकने के लिए कोई शेख हसीना भी नहीं हैं।
इस्लामी संगठनों ने दी धमकी
“Durga puja celebration will not be allowed ” this slogan rent the air in Dhaka, #Bangladesh ..
This is the new Bangladesh…neo bongistan..#AllEyesOnBangladeshiHindus pic.twitter.com/Yrez6rg1Cw
— Sourish Mukherjee (@me_sourish_) September 27, 2024