बीवी, ससुराल वालों और खुद को बचाने की कीमत ₹550 करोड़? यूँ ही नहीं अशनीर ग्रोवर ने अचानक किया समझौता

दिल्ली पुलिस करती रहेगी जाँच

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BharatPe के पूर्व CEO अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी भी आर्थिक अपराध में थीं आरोपित

BharatPe के संस्थापक और ‘शार्क टैंक इंडिया’ में दिख चुके अशनीर ग्रोवर का कंपनी के पदाधिकारियों के साथ चल रहे विवाद का निपटारा हो गया है। अशनीर ग्रोवर के खिलाफ ED ने केस दर्ज किया था, उन्हें भारत से बाहर जाने से भी रोक दिया गया था। इसके बावजूद दिल्ली हाईकोर्ट ने भी उनके खिलाफ दायर किए गए मुक़दमे को खत्म कर दिया है। इसके बाद कई लोग ये जानना चाह रहे हैं कि क्या अशनीर ग्रोवर इसके साथ पूरी तरह दोषमुक्त हो गए हैं, तो इसका जवाब यही नहीं।

दिल्ली पुलिस की ‘स्पेशल इकोनॉमिक विंग’ उनके खिलाफ वित्तीय गड़बड़झाले और फर्जी कंपनियाँ व लेनदेन के अन्य आरोपों की जाँच करती रहेगी। बताते चलें कि अशनीर ग्रोवर ‘शार्क टैंक इंडिया’ में ‘भाई, क्या कर रहा है तू’ और ‘ये सब दोगलापन है’ जैसे डायलॉग्स के कारण मीम्स का विषय बने थे। उन्होंने ‘दोगलापन’ नाम की एक किताब भी लिखी है। विवादों से उनका पुराना नाता रहा है।

गिरफ़्तारी के डर से BharatPe से अचानक कर लिया समझौता?

ताज़ा खबर का लब्बोलुआब ये है कि 550 करोड़ रुपए के शेयर वापस देकर अशनीर ग्रोवर ने ये सेटलमेंट किया है। इस मामले में उनकी पत्नी, साले और ससुर तक आरोपित थे। ऐसे में सवाल ये तो उठता ही है कि क्या खुद को और ससुराल वालों को बचाने के लिए उन्होंने अचानक से ये सेटलमेंट कर लिया? क्योंकि, कल तक जिस भाविक कोलाडिया के साथ उनके गाली-गलौज के ऑडियो आ रहे थे, अचानक से सब ठीक कैसे हो गया?

अचानक से अशनीर ग्रोवर उसी BharatPe की तारीफ़ और सफलता की कामना कैसे करने लगे, जिस कंपनी ने उन्हें निकाल बाहर किया था और उन पर केस भी किया था? सूत्रों का कहना है कि अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी की गिरफ़्तारी का खतरा था, जिस डर से उन्होंने अदालत से बाहर इस मामले को निपटाना बेहतर समझा। जो लोग अशनीर ग्रोवर को जानते हैं या शो-इंटरव्यू वगैरह में देख चुके हैं, उन्हें उनके व्यवहार के बारे में पता है।

अशनीर ग्रोवर कोई भी बात कभी भी अपने Ego पर ले लेते हैं, जल्दी गुस्सा होते हैं, और अपने बयानों से विवाद का विषय बनते हैं। ऐसे में उन्होंने अचानक से सैकड़ों करोड़ की रकम देकर समझौता कर लिया है, तो इसके पीछे गंभीर कारण रहे होंगे। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि अशनीर ग्रोवर ने अपने और अपने परिवार को गिरफ़्तारी से बचाने की कीमत ये समझौता कर के चुकाई है।

फर्जी कंपनियाँ, लेनदेन: इस केस का क्या होगा?

दिल्ली पुलिस की EOW ने BharatPe में हुए फ्रॉड के इस मामले में विनोद कुमार बंसल नामक एक वेंडर को भी गिरफ्तार किया था। आरोप है कि अशनीर ग्रोवर के साले दीपक गुप्ता द्वारा ही उसे निर्देशित किया जा रहा था। बताया गया था कि दीपक गुप्ता ऐसे कई वेंडरों के संपर्क में था। इस गिरफ़्तारी से पहले लगभग 50 गवाहों से पूछताछ की गई थी। माधुरी ग्रोवर के एक और भाई श्वेतांक जैन और उनके पिता सुरेश जैन को भी BharatPe ने आरोपित बनाया था। अशनीर और उनकी पत्नी माधुरी को कई बार समन किया गया था। साथ ही ये भी सामने आया था कि वो जाँच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और गोलमोल जवाब दे रहे हैं।

जब वो विदेश जा रहे थे तो उन्होंने दावा किया था कि उन्हें INSA UK के इवेंट्स में संबोधन देने के लिए आमंत्रित किया गया है, लेकिन कंपनी की वेबसाइट पर कहीं भी इन इवेंट्स का जिक्र नहीं था। इससे पहले भी अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी इस तरह के संदिग्ध आमंत्रणों की बात कह चुके थे। अपनी कंपनी M/s Ash Groe LLP को क़तर की राजधानी दोहा से ‘टैक्स कंसल्टिंग सर्विस’ के नाम पर उन्होंने 5 लाख रुपए भी मँगाए थे। जबकि उन्हें कोर्ट से ट्रेवल के लिए अनुमति भी नहीं मिली थी।

अमित बंसल ने तो यहाँ तक बताया था कि उसने माधुरी और दीपक के कहने पर 7 कंपनियाँ पंजीकृत कराई थीं। साथ ही इन कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपए का लेनदेन किया गया। माधुरी ग्रोवर BharatPe में हेड ऑफ कंट्रोल्स हुआ करती थीं, वो कंपनी के वित्तीय लेनदेन और नियामक संस्थाओं के हिसाब से काम हो रहा है नहीं ये सब देखती थीं। ये मामला अलग से चल रहा था, वहीं भाविक कोलाडिया और शाश्वत नकरनी के शेयर्स कब्ज़ा कर रखने के मामले में उन पर अलग से केस चल रहा था।

जहाँ BharatPe से जुड़ा विवाद खत्म हो गया है, दिल्ली पुलिस की ‘इकोनॉमिक ऑफेंस विंग’ द्वारा दर्ज किए गए मामलों का क्या होगा इस पर अभी बहुत कुछ साफ़ नहीं किया गया है क्योंकि इसकी जाँच अलग से चल रही है।

शेयरों के बदले BharatPe विवाद का निपटारा

अब बात करते हैं ताज़ा खबर की। BharatPe ने घोषणा की है कि उसने अशनीर ग्रोवर के साथ विवाद का निपटारा कर दिया है। उनके खिलाफ अदालत में आपराधिक और सिविल मुकदमे दायर किए गए थे। BharatPe ने अपने पूर्व CEO पर धोखाधड़ी, बेईमानी, जालसाजी और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की शिकायत की थी। 2022 में ही उन्हें कंपनी से निकाल बाहर किया गया था। फ़िलहाल अशनीर ग्रोवर के पास BharatPe में 8.4% शेयर है। नए करार के अनुसार, इनमें से ढाई से 3 प्रतिशत वो कंपनी को ट्रांसफर करेंगे। इतना ही नहीं, इसके अतिरिक्त उन्हें कंपनी के सह-संस्थापक भाविक कोलाडिया 2.8% शेयर देने होंगे।

अशनीर ग्रोवर के पास जो शेयर बचेंगे, वो उनकी फैमिली ट्रस्ट के पास जाएँगे। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि अशनीर ग्रोवर की पत्नी माधुरी के गिरफ्तार होने का खतरा था, इसीलिए ये सेटलमेंट किया गया। अशनीर ग्रोवर ने इसके लिए BharatPe कंपनी में अपने शेयरों को वापस सौंप कर इसकी कीमत चुकाई है। चूँकि इस विवाद के कारण BharatPe को निवेश में भी दिक्कतें आ रही थीं, ऐसे में अब इसका निपटारा होने के बाद कंपनी को नई फंडिंग की उम्मीद है। अशनीर ग्रोवर पर कंपनी से 81 करोड़ रुपए हड़पने का आरोप था।

अशनीर ग्रोवर का साला हुआ था गिरफ्तार

कुछ ही दिनों पहले अशनीर ग्रोवर के साले दीपक गुप्ता को दिल्ली पुलिस की ‘इकोनॉमिक ऑफेंस विंग’ ने गिरफ्तार भी किया था। सेटलमेंट के बाद अशनीर ग्रोवर ने कंपनी और इसके प्रबंधन में विश्वास जताते हुए इसके विकास और सफलता की कामना की। उन्होंने कहा कि वो BharatPe की सफलता से जुड़े रहेंगे। दिल्ली पुलिस की EOW ने 2023 में ही इसकी FIR दर्ज की थी। अशनीर ग्रोवर पर आरोप था कि उनसे जुड़ी कंपनियों ने बैकडेट में रसीद बना कर कंपनी से रुपए हड़पे। कई ऐसी कंपनियों को पेमेंट किए गए, जिनका कोई अता-पता ही नहीं था।

नवंबर 2023 में अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी को दिल्ली एयरपोर्ट पर विदेश जाने से रोक दिया गया था। BharatPe अपने रुपए लेने के लिए सिंगापुर की अदालत तक पहुँच गई थी। वहीं उधर भाविक कोलाडिया दिसंबर 2018 में ट्रांसफर किए गए शेयरों को वापस लेने के लिए अदालत पहुँच गए। BharatPe के बोर्ड में बदलाव हुआ, साथ ही कंपनी अस्थिरता के दौर से भी गुजर रही थी। इसी साल अप्रैल में नलिन नेगी को फुलटाइम CEO नियुक्त किया गया। इससे पहले वो अंतरिम चीफ एग्जीक्यूटिव हुआ करते थे। उन्होंने कहा था कि धीरे-धीरे चीजों को ट्रैक पर लाया जाएगा, ये एक स्टार्टअप हैं और इसकी कुछ चुनौतियाँ हैं।

उधर दिल्ली उच्च न्यायालय में जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने 30 सितंबर, 2024 को हुए सेटलमेंट को रिकॉर्ड के रूप में लेते हुए इस केस को खत्म कर दिया। ये पूरा विवाद 18,189 शेयरों को लेकर था, भाविक कोलाडिया ने 15,000 शेयर ट्रांसफर कराने के साथ ही मामले में समझौता कर लिया। BharatPe के पिछले फंडिंग राउंड के हिसाब से देखें तो भाविक कोलाडिया को दिए गए शेयरों की कीमत 550 करोड़ रुपए बैठती है। बता दें कि भाविक कोलाडिया ने ही शाश्वत नकरानी के साथ मिल कर 2017 में BharatPe की स्थापना की थी। जब वो चीफ एग्जीक्यूटिव ढूँढ रहे थे, तब अशनीर ग्रोवर उनके साथ आए।

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