दुनिया के अलग-अलग देशों में मुद्राओं पर बने प्रतीकों और छवियों के ज़रिए देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की कहानी बताई जाती रही है। भारत में नोटों पर अलग-अलग ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्थलों, विभिन्न वैज्ञानिक कार्यक्रमों जैसी कई छवियां रही हैं लेकिन एक छवि जो हमारे दिमाग में रच-बस गई है वो है मुस्कुराते हुए महात्मा गांधी की छवि।
जब नोटों के लिए खारिज हुई थी बापू की तस्वीर
15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद स्वतंत्र भारत के लिए नए प्रतीकों के चयन की शुरुआत हुई और विचार किया गया कि नोटों पर ब्रिटेन के महाराज के बजाय महात्मा गांधी की तस्वीर छापी जाए। RBI के मुताबिक, इसके लिए महात्मा गांधी की तस्वीरों वाले डिज़ाइन भी बनाए गए थे लेकिन अंतिम समय पर महात्मा गांधी की तस्वीर की जगह सारनाथ के अशोक स्तंभ की तस्वीर लगाए जाने पर आम सहमति बनी थी।
गांधी की तस्वीर पहली बार 1969 में नोटों पर छपी
2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे महात्मा गांधी की नोटों पर पहली तस्वीर 1969 में उनके जन्म शताब्दी समारोह के सम्मान में जारी की गई स्मारक शृंखला में दिखी थी। उस समय नोटों पर महात्मा गांधी की बैठे हुए तस्वीर छपी थी और उसकी पृष्ठ भूमि में सेवाग्राम आश्रम को दर्शाया गया था। इसके बाद अक्टूबर 1987 में मौजूदा चलन वाली महात्मा गांधी की तस्वीर वाले नोट जारी किए गए थे। आरबीआई के मुताबिक, नकली नोटों को बनाने में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी में हुई प्रगति के साथ सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाना ज़रूरी था और इसके लिए 1996 में नई सुरक्षा सुविधाओं से लैस नोटों की ‘महात्मा गांधी श्रृंखला’ शुरू की गई थी और इसके बाद से लगातार महात्मा गांधी नोटों पर नज़र आ रहे हैं।
कहां ली गई थी गांधी की मुस्कुराती हुई तस्वीर
कई बार लोगों को भ्रम होता है कि नोटों पर दिखने वाली गांधी की छवि असल तस्वीर ना होकर हाथ से बनाई गई है लेकिन ऐसा नहीं है। गांधी की यह छवि 1946 में दिल्ली में ली गई एक तस्वीर का कट-ऑफ है। इस तस्वीर में गांधी ब्रिटिश राजनेता लॉर्ड फ्रेडरिक विलियम पेथिक-लॉरेंस के साथ खड़े हैं। हालांकि, यह तस्वीर किस फोटोग्राफर ने ली थी इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।
नोटों पर क्या-क्या प्रमुख चीज़ें दिखी हैं
आज़ादी से पहले ब्रिटेन के महाराजा की तस्वीर नोटों पर होती थी और 1949 में आरबीआई ने नई श्रंखला जारी की जिसमें सारनाथ के अशोक स्तंभ को दिखाया गया था। इसके अलावा नोटों पर तमिलनाडु के तंजौर जिले में स्थित बृहदेश्वर मंदिर, मुंबई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया, भारतीय संसद, भारत की पहली सैटेलाइट आर्यभट्ट, हीराकुंड बांध, कोर्णाक के सूर्य मंदिर का पहिया, गांधी की दांडी यात्रा, सांची का स्तूप और लाल किला भी नज़र आ चुके हैं।
नोटों पर तस्वीरों को लेकर विवाद
नोटों पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस व शहीद भगत सिंह जैसे अलग-अलग लोगों की तस्वीर लगाए जाने की मांग और इससे जुड़े विवाद होते रहे हैं। लोगों की मांग को लेकर 2016 में मोदी सरकार ने कहा था कि नोटों से गांधी की फोटो हटाने की कोई ज़रूरत नहीं है। 2021 में राजस्थान के तत्कालीन कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने बड़े नोटों से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने का आग्रह किया था क्योंकि नोटों के ज़रिए भ्रष्टाचार हो रहा था। वहीं, अक्टूबर 2022 में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर नोटों पर महात्मा गांधी के साथ लक्ष्मी-गणेश की भी तस्वीर लगाने की मांग की थी जिसे लेकर खूब विवाद हुआ था।