‘हमारे हमले का जवाब न दें’… पहले ही तेहरान को भेज दिया मैसेज, क्या इजरायल और ईरान में फिक्सिंग?

ईरान की सेना ने पुष्टि की है कि इजरायली हमले में चार ईरानी सैनिक मारे गए हैं।

इजरायल ने ईरान की मिसाइल प्रोडक्शन यूनिटों को निशाना बनाया

तेल अवीव: क्या ईरान पर इजरायल का हमला फिक्स था? क्या इजरायल ने पलटवार में जो हमले किए, उसकी जानकारी ईरान के पास पहले से थी? ऐसे सवाल भी ईरान-इजरायल तनाव को लेकर उठ रहे हैं, क्योंकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है। इजरायल के ही एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमला करने से पहले इजरायल ने एक तीसरे पक्ष के जरिए ईरान को एक संदेश भेजा था। दावा है कि इस मैसेज में ईरान से जवाबी कार्रवाई नहीं करने की गुजारिश की गई थी। एक अक्टूबर को इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमले और फिर इजरायल ने जो जवाबी कार्रवाई की, उसका एक मैसेज यह भी है कि कोई भी देश बड़े पैमाने पर युद्ध नहीं चाहता है। दोनों ही ओर से हताहतों की संख्या को कम करने के लिए ऐसी कार्रवाई हुई है। मसलन ईरान के तेल और परमाणु ठिकानों को इन हमलों में कहीं न कहीं जान-बूझकर टाला गया था, जबकि पहले ऐसी चर्चा थी कि इजरायल इन्हें निशाना बना सकता है।

गंभीर नुकसान नहीं सैन्य पहुंच का प्रदर्शन मकसद

इजरायली सेना (आईडीएफ) के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने दावा किया है कि लक्ष्यों में मिसाइल बनाने वाले उत्पादन स्थल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के स्थान और वायु रक्षा प्रणाली शामिल हैं। हगारी ने बयान में कहा कि इजरायल के पास अब ईरान पर हवाई हमलों के लिहाज से ज्यादा गतिशीलता है। हगारी ने कहा, ‘ईरान के ऐसे ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो इजरायल के खुलकर हवाई हमले करने की क्षमता को रोकने के लिए तैयार किए गए थे।‘ इससे ऐसा लगता है कि गंभीर नुकसान पहुंचाने की तुलना में सैन्य पहुंच का प्रदर्शन करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया है।

उधर ईरान की सरकारी मीडिया का दावा है कि इजरायल संवेदनशील स्थलों पर आज के हमलों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। अप्रैल 2024 में ईरानी सरकार ने इस्फ़हान के पास ईरानी हवाई रक्षा को भेदने वाले हमले से इनकार किया, लेकिन पिछले हफ्ते रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के पूर्व कमांडर जनरल जाफरी ने माना कि यह हुआ था, हालांकि उन्होंने इसके प्रभाव को कम बताया।

क्या ईरान अब इजरायल को जवाब देने से बचेगा?

आने वाले दिनों में, इजरायल और ईरान में तमाम लोग अपनी सांसें रोककर देखना चाहेंगे कि क्या ईरान जवाबी कार्रवाई करता है? क्या ईरान इजरायल को जवाब देने से बचना चाहेगा? कुछ इसी तरह उसने इस्फ़हान के बाद किया था। यह भी संभव है कि वह कार्रवाई का एक अलग तरीका चुने।

पर्दे के पीछे क्या चल रहा था?

– कुछ विदेशी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि इजरायल ने ईरान को पहले ही साफ किया कि वह कहां-कहां हमले करने जा रहा है। साथ ही उसने बताया कि किन जगहों पर वह हमले नहीं करेगा।

– अमेरिकी न्यूज चैनल एक्सियोस (Axios) को सूत्रों ने बताया कि इजरायल ने ईरान को चेतावनी दी थी कि वह हमलों पर प्रतिक्रिया न दे। अगर उसने पलटवार किया तो ज्यादा बड़ा हमला होगा। खास तौर पर अगर इजरायली नागरिक मारे जाते हैं या घायल होते हैं।

– इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से हमले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

– एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इजरायल और ईरान के बीच इसके साथ सैन्य हमलों के सिलसिले का अंत होना चाहिए। अगर ईरान इजरायल पर हमला करता है तो उसके दुष्परिणाम होंगे। हमने यह ईरान को यह बता दिया है।

– सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि इजरायली हमलों के बारे में जिस एक चैनल के जरिए ईरान तक संदेश भेजा जा रहा था, वह नीदरलैंड्स के विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप  हैं। इजरायली हमलों के घंटों पहले वेल्डकैंप में एक्स पर पोस्ट किया, ‘मैंने ईरान के विदेश मंत्री से युद्ध और क्षेत्र में बढ़ते हुए तनाव के बारे में बात की है। मैंने धैर्य बनाए रखने की अपील की है। सभी पक्षों को आगे तनाव बढ़ने से रोकने के लिए काम करना चाहिए।‘

ईरान ने हमले पर क्या कहा?

ईरान की वायुसेना ने बयान में कहा कि तेहरान, कुजेस्तान और इलम प्रांतों के सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए हैं। हमने इन हमलों का सफलतापूर्वक सामना किया। कुछ जगहों पर इन हमलों से सीमित नुकसान हुआ है। ईरान की सेना के मुताबिक इजरायल के हमलों में उसके चार सैनिक मारे गए हैं। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए (IRNA) का कहना है, ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान की सेना ईरान की सुरक्षा और ईरान के हितों की रक्षा कर रही है। आपराधिक यहूदी शासन के हवाई हमले का मुकाबला करते हुए हमारे दो सैनिकों ने शहादत दी है।’

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