तिरुवनंतपुरम: केरल में एक अधिकारी की संदिग्ध मौत के बाद सवाल उठ रहे हैं। सवाल उस केरल मॉडल पर भी है, जिसकी अक्सर चर्चा होती रहती है। मामला कन्नूर जिले का है। वही इलाका जो लेफ्ट कार्यकर्ताओं द्वारा संघ के स्वयंसेवकों और बीजेपी वर्कर्स पर खूनी हमले के लिए कुख्यात है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नवीन बाबू का ट्रांसफर दूसरे जिले में हो गया था। उनके लिए एक फेयरवेल कार्यक्रम रखा गया था। इस फंक्शन में बिन बुलाए मेहमान की तरह पहुंची सीपीएम की एक नेता ने एडीएम को सरेआम लताड़ लगा दी। इस दौरान सीपीएम नेता पीपी दिव्या ने धमकाते हुए कहा कि सरकारी सेवा में एक पल में कुछ भी हो सकता है। अगले ही दिन एडीएम का शव उनके सरकारी आवास के अंदर पाया जाता है। कन्नूर पुलिस मामले की जांच कर रही है लेकिन इस मामले ने साफ किया है कि लेफ्ट शासित राज्य में अधिकारी किस कदर प्रताड़ना झेल रहे हैं।
फंक्शन में आमंत्रित नहीं थीं सीपीएम नेता दिव्या
पूरा मामला आपको बताते हैं। एडीएम नवीन बाबू मंगलवार को अपने आवास में मृत पाए गए। एक दिन पहले ही सीपीएम नेता और कन्नूर जिला पंचायत अध्यक्ष पीपी दिव्या द्वारा ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में नवीन बाबू की आलोचना की थी। कन्नूर पुलिस का कहना है कि एडीएम नवीन बाबू अपने आधिकारिक आवास में मृत मिले हैं। मामले की जांच की जा रही है। उनका कन्नू से तबादला हो चुका था और एक दिन बाद ही उन्हें पथनमथिट्टा में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट का कार्यभार संभालना था। सोमवार को कन्नूर में नवीन बाबू को विदाई देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिला कलेक्टर अर्जुन पांडन इस कार्यक्रम के चीफ गेस्ट थे। हालांकि फेयरवेल फंक्शन में जिला पंचायत अध्यक्ष दिव्या को आमंत्रित नहीं किया गया था।
एनओसी नहीं देने के मामले का जिक्र करते हुए लताड़ा
इसके बावजूद दिव्या इस फंक्शन में आ धमकीं। मंच पर बैठने के बाद उन्होंने एडीएम को लताड़ते हुए कहा, ‘मैं दूसरे जिले में जा रहे एडीएम को शुभकामनाएं दे रही हूं। कन्नूर के एडीएम रह चुके कई अफसरों के कार्यकाल के दौरान मुझे उनसे बात करने के मौके मिले। लेकिन मुझे एडीएम नवीन बाबू के साथ ऐसे मौके नहीं मिल सके। मैंने उनको एक बार बुलाया था। चेंगालाई में एक ईंधन आउटलेट के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के संबंध में यह आमंत्रण था। मैं चाहती थि कि वह इस साइट का दौरा करें। हालांकि बाद में मुझसे उन्होंने कहा कि मैंने ईंधन आउटलेट की साइट का दौरा किया था। ईंधन आउटलेट के लिए आवेदन करने वाले उद्यमी कई बार मेरे पास आए और उन्होंने कहा कि एनओसी के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं हुआ है। इस पर जब मैंने एडीएम से पूछा, तो उन्होंने कहा कि टेढ़ी-मेढ़ी सड़क होने के कारण समस्या है, लिहाजा एनओसी देना मुश्किल है।‘
‘सरकारी सेवा, कुछ भी होने के लिए एक पल काफी’
जिला पंचायत अध्यक्ष दिव्या यहीं नहीं रुकीं। आगे उन्होंने एडीएम को नसीहत देते हुए कहा, ‘मैंने उद्यमी से कहा कि मुझसे बार-बार मिलने की जरूरत नहीं है। मैंने उनकी मदद के लिए एडीएम से इस मामले की चर्चा की थी। अब मुझे पता चला है कि एनओसी इसलिए दिया गया, क्योंकि एडीएम अब इस जिले से बाहर जा रहे हैं। मैं जानती हूं कि एनओसी कैसे दी गई थी। एनओसी देने के लिए इस फंक्शन में मैं आपका आभार जताने आई थी। हमें जीवन में ईमानदार होना चाहिए। जैसा आपने कन्नूर में किया है, वैसा अपनी नई पोस्टिंग वाली जगह पर काम मत कीजिएगा। आपको बेहतर तरीके से लोगों की सहायता के लिए आना चाहिए। यह एक सरकारी सेवा है और कुछ भी होने के लिए एक पल काफी है।‘
‘बैठक से मैं क्यों बीच में निकली, दो दिन में लगेगा पता’
सीपीएम नेता की सार्वजनिक लताड़ खत्म नहीं हुई। इसके बाद दिव्या ने कहा कि एडीएम को उपहार दिए जाते वक्त मुझे उपस्थित नहीं होना चाहिए। यह कहते हुए दिव्या फेयरवेल फंक्शन को बीच में छोड़कर चली गईं। उस समय एडीएम नवीन बाबू और जिला कलेक्टर समेत कई अफसर मंच पर मौजूद थे। जब दिव्या से कहा गया कि बैठक बीच में ही छोड़कर क्यों जा रही हैं, तो उन्होंने कहा कि इसका पता दो दिन में लग जाएगा। सीपीएम की कन्नूर जिला इकाई ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। दिव्या सीपीएम की महिला विंग, अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (AIDWA) की स्टेट ज्वाइंट सेक्रेटरी भी हैं। इस बीच विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मांग की है कि दिव्या के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।