सोनिया, राहुल, प्रियंका सहित कांग्रेस के बड़े नेता गांधी जी का नाम राजनीतिक फायदे के लिए बेचते रह गए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खामोशी से देश में “चरखा क्रांति” कर गए। इस बार 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर खादी की बिक्री के अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट गए।
नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित सिर्फ एक स्टोर ‘खादी भवन’ में पहली बार एक दिन में 2 करोड़ 1 लाख 37 हजार रुपये के खादी उत्पादों की बिक्री हुई। यह खादी एवं ग्रामोद्योग के इतिहास में देश के किसी भी खादी स्टोर की तुलना में सर्वाधिक बिक्री है।
ब्रांड मोदी
प्रधानमंत्री मोदी की एक अपील आज भी देश में बड़ा असर करती है। गांधी जयंती पर खादी की रिकार्ड तोड़ बिक्री इसका प्रमाण है। आज देश में खादी के कपड़ों की लोकप्रियता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘ब्रांड पावर’ और उनके नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों से फल-फूल रही ‘चरखा क्रांति’ को जाता है।
मिसाल के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी ने 29 सितंबर, 2024 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 114वें एपिसोड में त्योहारों के मौसम में ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत देशवासियों से ‘मेड इन इंडिया’ और स्थानीय उत्पाद खरीदने की अपील की थी। उनकी अपील का ही नतीजा है कि पिछले वर्षों में हर साल गांधी जयंती पर खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री का नया रिकॉर्ड बना है।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन मनोज कुमार कहते हैं कि यह इस बात को दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में परवान चढ़ रही ‘चरखा क्रांति’ अब ‘विकसित भारत की गारंटी’ बन गई है।
बिक्री के आंकड़े
गांधी जयंती पर दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन में 2.01 करोड़ रुपये के खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पाद बिके, जिसमें 67.32 लाख रुपये की सूती खादी, 44.75 लाख रुपये की रेशमी खादी, 7.61 लाख रुपये की ऊनी खादी, 1.87 लाख रुपये की पॉली खादी, 65.09 लाख रुपये की रेडीमेड खादी, 12.29 लाख रुपये के ग्रामोद्योग उत्पाद तथा 2.44 लाख रुपये के हस्तशिल्प उत्पाद शामिल हैं।
पिछले साल के मुकाबले इस बार सबसे ज्यादा बिक्री सूती खादी की हुई। वर्ष 2023 में जहां 26.89 लाख रुपये की सूती खादी बिकी थी। इस बार 150.35 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 67.32 लाख रुपये पर पहुंच गई। रेडीमेड माल की बढ़ती बिक्री इस बात का प्रतीक है कि युवा वर्ग खादी को तेजी से अपना रहा है।