तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को समाप्त करने को लेकर की गई टिप्पणी पर माफी मांगने से इनकार किया है। स्टालिन ने कहा है कि सनातन को लेकर उन्होंने वह बयान महिलाओं के खिलाफ चल रही प्रथाओं को लेकर दिया था। उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उदयनिधि स्टालिन ने सोमवार (21 अक्टूबर, 2024) को एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि कि वह पेरियार, पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई और एम करुणानिधि जैसे नेताओं के विचारों से सहमत हैं।
उदयनिधि ने कहा, “महिलाओं को पढ़ने की अनुमति नहीं थी। वे अपने घर से बाहर नहीं निकल सकती थीं और अगर उनके पति की मृत्यु हो जाती तो उन्हें भी मरना पड़ता। थानथाई पेरियार ने इन सबके खिलाफ़ आवाज़ उठाई थी। मैंने पेरियार, अन्ना और कलैगनार की बातों को दोहराया है। लेकिन मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।”
उदयनिधि स्टालिन ने यह भी कहा, “सिर्फ तमिलनाडु में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में कई अदालतों में मेरे खिलाफ मामले दर्ज किए गए। मुझे माफ़ी मांगने के लिए कहा गया। लेकिन मैंने जो कहा था, उस पर मैं कायम हूं। मैं कलैगनार (करुणानिधि) का पोता हूं और मैं माफ़ी नहीं मांगूंगा।”
बता दें कि उदयनिधि स्टालिन ने सितंबर 2023 में सनातन को लेकर एक बयान दिया था। स्टालिन ने कहा था, “कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन करना है और हम केवल विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना, ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है। सनातन भी ऐसा ही है। विरोध करने की जगह सनातन को ख़त्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए।”उनके इस बयान पर भारी बवाल के साथ ही एफआईआर भी दर्ज हुई थी। इसके बाद उन पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही थी। हालांकि बाद में उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई थी।