वोट बैंक के लिए जस्टिन ट्रुडो का खतरनाक खेल: भारत की ताक़त थाह रहा ‘5 Eyes’, नहीं पच रही स्थिर सरकार

खालिस्तानियों के पनाहगार कनाडा को मोदी सरकार का करारा जवाब

कनाडा, PM जस्टिन ट्रूडो

2025 में कनाडा में आम चुनाव होने हैं, इसीलिए जस्टिन ट्रूडो ने शुरू किया ये खतरनाक खेल?

भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक रिश्ते खराब हो गए हैं। कारण – कनाडा आरोप लगा रहा है कि भारत के एजेंट अपराधियों के साथ मिलकर उसकी धरती पर हिंसा कर रहे हैं। भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। आइए, ताजा घटनाक्रम को समझने से पहले जानते हैं कि यह स्थिति आखिर आई कैसे। आखिर ऐसा क्या हुआ कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खुद राजधानी ओटावा स्थित पार्लियामेंट हिल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए और पानी पी-पीकर भारत पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया?

आखिर ऐसा क्या हो गया कि कनाडा ने छह भारतीय राजनयिकों को देश से निकालने का दावा कर दिया, जिसके बाद भारत ने भी प्रत्युत्तर में कार्रवाई करते हुए छह कनाडाई राजनयिकों को देश से निकाल बाहर किया? सच्चाई यह है कि भारत ने कनाडा से अपने राजदूत को पहले ही वापस बुला लिया था और वहाँ के एक्टिंग हाई कमिश्नर को दिल्ली से भगा दिया है।

कौन था हरदीप सिंह निज्जर, जिसकी हत्या के बाद शुरू हुआ सारा बवाल

यह पूरा मामला खालिस्तान से जुड़ा है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कोलंबिया में हत्या के बाद यह विवाद शुरू हुआ। अब सवाल उठता है कि हरदीप सिंह निज्जर कौन था? ‘खालिस्तान टाइगर फोर्स’ (KTF) से जुड़े हरदीप सिंह निज्जर भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त था। 1990 के दशक में वह कनाडा में जाकर बस गया था। यहाँ तक कि कनाडा में भी उस पर आतंकी कैम्पों के संचालन के आरोप लगे थे, उसके बैंक खातों को जब्त कर उसे ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में डाल दिया गया था।

2019 में वह ब्रिटिश कोलंबिया के सरे स्थित ‘गुरु नानक सिख गुरुद्वारा’ का अध्यक्ष नियुक्त हुआ और उसने इस धर्मस्थल का इस्तेमाल अपने खालिस्तानी एजेंडे के लिए करना शुरू कर दिया। गुरपतवंत सिंह पन्नू के ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) के साथ मिलकर उसने खालिस्तान रेफरेंडम चलाना शुरू किया। 2007 में लुधियाना स्थित सिंगार सिनेमा हॉल में हुए बम धमाके में छह लोग मारे गए थे। इसमें भी निज्जर का हाथ सामने आया। इसी तरह 2009 में सिख नेता रुलदा सिंह की हत्या में भी उसका नाम सामने आया था। रुलदा सिंह ‘राष्ट्रीय सिख संगत’ के अध्यक्ष और भाजपा के NRI विंग के जनरल सेक्रेटरी थे।

18 जून 2023 को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई। तीन महीने बाद, पीएम जस्टिन ट्रूडो ने बयान दिया कि कनाडा की खुफिया एजेंसियों को निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के हाथ होने के सबूत मिले हैं। उस दौरान भी भारत और कनाडा ने एक-दूसरे के शीर्ष राजनयिकों को देश से निकाल दिया था। मई 2024 में कनाडा पुलिस ने तीन भारतीयों को गिरफ्तार किया। हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नकारात्मक प्रचार कर रहा है।

निज्जर की हत्या के बाद कनाडा ने चलनी शुरू की चालें

यह वही हरदीप सिंह निज्जर था जिसने 2012-14 में पाकिस्तान जाकर ‘बब्बर खालसा इंटरनेशनल’ नामक आतंकी संगठन के प्रमुख जगतार सिंह तारा से मुलाकात की थी। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने उसे प्रशिक्षित किया और उसे हथियारों से लेकर विस्फोटक सामग्री तक उपलब्ध कराई। उसने भारत में भी कई हत्याओं को अंजाम दिलवाया। पंजाब में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जस्टिन ट्रूडो को ‘मोस्ट वांटेड’ आतंकियों की सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का नाम भी शामिल था। आज भारत की कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार को कनाडा से संबंध बिगड़ने के लिए दोषी ठहरा रही है।

यह विवाद 18 जून 2023 को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से शुरू हुआ। सितंबर में कनाडा ने भारत के साथ एक व्यापारिक समझौते पर बातचीत रोक दी। उसी महीने भारत में G20 की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सामने कनाडा में चल रही खालिस्तानी गतिविधियों पर चिंता जताई। इसके एक हफ्ते बाद ही कनाडा की संसद में ट्रूडो ने भारत के खिलाफ बयान दे दिया। 22 सितंबर 2023 को भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाएँ निलंबित कर दीं।

अक्टूबर 2023 में कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया। इस महीने के अंत में कनाडा में सिख समुदाय को उकसाने के लिए घटनाओं का सहारा लिया गया और सरे स्थित गुरुद्वारा के बाहर विरोध प्रदर्शन किए गए। पंजाब में भी माहौल खराब करने के लिए इस घटना का इस्तेमाल किया जाने लगा। इसी बीच SFJ के पन्नू ने एयर इंडिया का विमान उड़ाने की धमकी दे डाली। पहले भी ‘दल खालसा’ के खालिस्तानियों ने सितंबर 1981 में एयर इंडिया की फ्लाइट को हाईजैक कर लिया था। पन्नू की धमकियों के बीच, नवंबर 2023 में अमेरिका ने दावा किया कि उसने पन्नू की हत्या की साजिश को नाकाम किया। अमेरिका ने बताया कि निज्जर की हत्या में शामिल एक भारतीय एजेंट पन्नू को मारने की साजिश में भी शामिल था। मई 2024 में कनाडा ने तीन लोगों पर निज्जर की हत्या का मुकदमा चलाया और अगस्त में पन्नू को उसकी जान के खतरे के बारे में आगाह किया।

कनाडा इसीलिए बौखलाया हुआ है क्योंकि वहाँ 8 लाख सिख रहते हैं और जस्टिन ट्रूडो अगले साल होने वाले आम चुनावों में उनका समर्थन जीतने के लिए अलगाववादी आग भड़का रहे हैं। अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में अगर चुनाव जीतने के लिए भारत का नाम इस्तेमाल किया जा रहा है तो यह दर्शाता है कि वैश्विक मंच पर भारत का कद बढ़ रहा है। भारत को ये देश एक बड़ी ताकत के रूप में देख रहे हैं। कनाडा की सत्ताधारी ‘लिबरल पार्टी’ के ही 20 सांसदों ने जस्टिन ट्रूडो को पद से हटाने के लिए प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। ऐसे में ट्रूडो अपने ही देश में फंसते जा रहे हैं और सिख वोटों के लिए सारे प्रयास कर रहे हैं। इस पूरे विवाद के केंद्र में कनाडा में भारत के हाई कमिश्नर संजय वर्मा हैं, जिनसे ट्रूडो सरकार नाराज है। 36 वर्षों से भारतीय विदेश सेवा में कार्यरत संजय वर्मा ने IIT दिल्ली से पढ़ाई की है। कनाडा ने उन्हें ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ की सूची में डाल दिया है।

क्या है ‘5 Eyes’: भारत की ताक़त की थाह लेना चाहता है पश्चिमी जगत

यह केवल कनाडा की बात नहीं है बल्कि पूरा पश्चिमी जगत भारत की बढ़ती शक्ति की जाँच करना चाहता है। इसे समझने के लिए आपको ‘5 Eyes’ नेटवर्क को समझना पड़ेगा। ‘Five Eyes’ एक इंटेलिजेंस नेटवर्क है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा शामिल हैं। ये पाँच देश एक-दूसरे के साथ खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। इसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी और यह दुनिया का सबसे ताकतवर इंटेलिजेंस नेटवर्क बन गया है। जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि निज्जर की हत्या की जाँच रिपोर्ट ‘फाइव आइज’ के साथ साझा की गई है।

‘5 Eyes’ के तहत इन देशों ने अपने-अपने क्षेत्रों की जिम्मेदारी भी बाँट रखी है। जैसे, अमेरिका को रूस, उत्तरी चीन और अधिकांश एशिया की जिम्मेदारी दी गई है, न्यूजीलैंड को वेस्टर्न पैसिफिक और भारत-चीन की, जबकि ब्रिटेन को अफ्रीका की। कनाडा को रूस के पोलर क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सोवियत संघ के टूटने के बाद से ये पाँचों देश चीन के खिलाफ काम कर रहे हैं। एडवर्ड स्नोडेन ने इस बात का खुलासा किया था कि ‘5 Eyes’ संगठन अपने देशों की कानून व्यवस्था के प्रति भी जवाबदेह नहीं है।

हाल ही में बांग्लादेश में एक बड़े उपद्रव के बाद तख्तापलट हुआ और मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में सरकार बनी, जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त है, भले ही वह चुनी हुई सरकार न हो। पाकिस्तान में इमरान खान अपनी सरकार के गिरने का दोष भारत पर मढ़ते हैं। दूसरी ओर, भारत में स्थिर सरकार बनी रही। ‘किसान आंदोलन’ के जरिए सिखों और जाटों को भड़काने की कोशिश की गई, पहलवान आंदोलन के जरिए हरियाणा में भाजपा को हराने की साजिश रची गई, और जाति जनगणना की माँग के जरिए हिन्दुओं को बांटने का प्रयास किया गया। लेकिन ये सब नाकाम रहा। इन उपद्रवों में विदेशी हस्तक्षेप की बातें भी सामने आईं। हालाँकि, भारत में सत्ता परिवर्तन नहीं हो सका, इसलिए यह संभव है कि भारत पर दबाव डालने के लिए अलग-अलग तरीकों से प्रयास किए जा रहे हों।

वोट बैंक की राजनीति को भारत का करारा जवाब

भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी कनाडा की हालिया गतिविधियों को वोट बैंक की राजनीति करार दिया है। मंत्रालय ने कहा कि सितंबर 2023 में जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद से अब तक कई बार आग्रह किए जाने के बावजूद कनाडा ने भारत के साथ कोई जानकारी साझा नहीं की है। भारत का कहना है कि हत्या की जाँच की आड़ में राजनीतिक लाभ के लिए भारत को बदनाम किया जा रहा है। मंत्रालय ने यह भी याद दिलाया कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत के प्रति नफरत कोई नई बात नहीं है। भारत ने कड़ा पलटवार करते हुए कहा कि ट्रूडो ने अपनी कैबिनेट में उन लोगों को शामिल किया है, जो भारत विरोधी कट्टरपंथी और अलगाववादी विचार रखते हैं। इसके अलावा, भारत ने यह भी इंगित किया है कि जस्टिन ट्रूडो की सरकार एक ऐसी पार्टी के समर्थन पर टिकी हुई है, जो भारत विरोधी है।

भारतीय विदेश मंत्रालय का यह संकेत ‘न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी’ के जगमीत सिंह की ओर था, जो भारत के खिलाफ बयानबाजी के लिए कुख्यात हैं। साथ ही, मंत्रालय ने यह भी याद दिलाया कि किस प्रकार ट्रूडो सरकार ने भारतीय राजनयिकों को प्रताड़ित करने वालों का समर्थन किया था। कनाडा में अवैध रूप से घुसे खालिस्तानियों का मुद्दा भी उठाया गया है। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह कनाडा की इन हरकतों के जवाब में आगे भी कार्रवाई करेगा। यह साफ है कि भारत ने दिखा दिया है कि अब वह दबने या झुकने वाला नहीं है—चाहे सामने कितनी भी बड़ी ताकत क्यों न हो।

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